लेन-देन की व्यवस्थित प्रणाली से आशय

लेन-देन की व्यवस्थित प्रणाली से आशय | विभिन्न व्यावसायिक लेन-देन | लेन-देन प्रक्रिया प्रणाली के तत्त्व

लेन-देन की व्यवस्थित प्रणाली से आशय | विभिन्न व्यावसायिक लेन-देन | लेन-देन प्रक्रिया प्रणाली के तत्त्व | Meaning of systematic system of transactions in Hindi | Various business transactions in Hindi | Elements of Transaction Processing System in Hindi

लेन-देन की व्यवस्थित प्रणाली से आशय

(Meaning of Transaction Processing System)

अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ व्यवसाय का भी विकास हो रहा है जिसके कारण उसमें (व्यवसाय में) होने वाली घटनाओं (Transaction) में भी वृद्धि हो रही है जिसे एक बिना व्यवस्थित प्रणाली द्वारा रखना मुश्किल ही नहीं असंभव भी है। व्यवसाय को सही दिशा देने एवं उसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उसमें होने वाली घटनाओं या लेन-देनों का व्यवस्थित लेखा जोखा या व्यवस्थित रख-रखाव ही Transaction Processing System है। इसमें रख-रखाव के साथ विभिन्न डाटा को महत्वपूर्ण सूचनाओं में बदलना भी शामिल है।

अतः Transaction Processing System से आशय व्यवसाय के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उसमें होने वाले लेन-देनों को व्यवस्थित ढंग से रखने तथा उनसे विभिन्न व्यक्तियों को विभिन्न सूचनाएँ देना है।

विभिन्न व्यावसायिक लेन-देन (Different Business Transaction)

व्यवसाय में होने वाले लेन-देन प्रत्येक व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर करते हैं लेकिन सामान्यतः निम्नलिखित लेन-देन सभी व्यवसाय में होते हैं-

(1) राजस्व चक्र (Revenue Cycles) — ये मुख्यतः आय से संबंधित होते हैं जो माल या सेवा, किसी अन्य व्यक्ति को देने से उत्पन्न होती है।

(2) व्यय चक्र (Expenditure Cycle) — उत्पादन करने के लिए दूसरे व्यक्तियों से माल व सेवा लेना तथा उनके बदले जो भुगतान होता है उनसे संबंधित लेने-देन इसमें शामिल है।

(3) उत्पादन चक्र (Production Cycle) — वे लेन-देन या घटनाएं जो माल को तैयार माल में बदलने के लिए की जाती हैं, इसमें शामिल है।

(4) वित्त चक्र (Finance Cycle)- इसके अंतर्गत वे लेन-देन शामिल हैं जो Capital Fund प्राप्त करने तथा उनके प्रबंधन से संबंधित है।

(5) वित्तीय प्रतिवेदन चक्र (Financial Reporting Cycle)– उपरोक्त चारों के अतिरिक्त एक और भी चक्र है जिसे वित्तीय प्रतिवेदन चक्र कहते हैं। वास्तव में यह कोई क्रियात्मक चक्र नहीं होता है लेकिन इसके अंतर्गत अन्य चारों चक्र के डाटा की मदद से व्यवसाय के वित्तीय विवरण (Financial Statement) बनाये जाते हैं।

लेन-देन प्रक्रिया प्रणाली के तत्त्व

(Components of Transaction Processing System)

लेन-देन प्रक्रिया के महत्वपूर्ण तत्वों में निम्नलिखित शामिल हैं-

आगम, प्रक्रिया, संचयन एवं निर्गम अर्थात् Transactional Processing System का Model

  • Input
  • Processing
  • Output
  • Storage

लेन-देन प्रक्रिया प्रणाली (Transaction Processing System) कम्प्यूटराइज्ड या मैन्युअल फार्म में हो सकता है।

  1. आगम (Input)- किसी भी प्रक्रिया के लिए आगम का होना आवश्यक है इसमें विभिन्न प्रकार के स्रोत प्रपत्र शामिल हैं जैसे कि ग्राहक आदेश, विक्रय स्लिप, इनवाइस, क्रय आदेश, कर्मचारी समय कार्ड आदि। इन्हीं के आधार पर विभिन्न लेन-देनों की प्रक्रिया होती है। स्रोत प्रपत्र से आशय प्रारंभिक प्रपत्रों से है। ये आगम प्रायः निम्न उद्देश्यों की पूर्ति में मदद करते हैं-
  2. प्रोसेसिंग संभव बनाते हैं।
  3. भविष्य में भी डाटा उपलब्ध हो जाते हैं।
  4. एक प्रमाप निर्धारित करते हैं कि किस-किस प्रकार के डाटा की जरूरत पड़ती है।
  5. प्रक्रिया (Processing)- इसके अन्तर्गत लेन-देन संबंधी डाटा को Journal book व रजिस्टर में क्रमबद्ध (chronological) रूप में स्थाई रूप से रखा जाता है। इसके अंतर्गत प्रारंभिक स्तर पर की जाने वाली calculations भी शामिल है। Processing manually या कम्प्यूटर की मदद से की जा सकती है। सामान्यतः व्यवसायों में निम्न प्रकार की Journals रखी जाती हैं।

(1) Sales Journal, (2) Purchases Journal, (3) Cash Receipt Journal, (4) Cash Payment Journal

यहाँ प्रोसेसिंग के अंतर्गत विभिन्न Journal में Vouchers से लेखा किया जाता है।

कम्प्यूटर की मदद से प्रोसेसिंग Batch में या Online की जाती है। Batch Processing में कुछ लेन-देनों को एकत्रित किया जाता है तथा एक साथ उनकी प्रोसेसिंग की जाती है जबकि आनलाइन प्रोसेसिंग में जैसे ही लेन-देन होता है उसकी Processing कर दी जाती है।

कम्प्यूटीकृत प्रणाली (Computerized Processing)

  1. Batch Processing

Journal Entry     Posting In Ledger          Financial Statement

  1. प्रत्यक्ष प्रणाली (Direct Processing)

Ledger

Financial Statement

  1. संचयन (Storage)– विभिन्न प्रकार के Ledger व Files इसमें शामिल हैं। व्यवसाय में विभिन्न प्रकार के Ledger रखे जाते हैं जैसे General Ledger, Sales Ledger, Purchase Ledger etc. इन ledger की वजह से व्यवसायिक लेन-देनों को संक्षिप्त रूप में या निष्कर्ष रूप में देख पाना संभव होता है। कम्प्यूटर की मदद से चलाई जा रही प्रणाली में विभिन्न प्रकार की फाइलें रखी जाती हैं। जैसे- Transaction Files, Master Files, Table Files, Reference File आदि।

कार्य विवरण फाइल (Transaction File) – इसके अन्दर सभी Input Data के रिकार्ड होते हैं। इस फाइल की मदद से ही मास्टर फाइल तैयार की जाती है। प्रबंधकों का मास्टर फाइल बन जाने के बाद इन फाइलों में ज्यादा interest नहीं होता है।

प्रधान फाइल (Master File) — यह एक सूचना का permanent स्रोत है। इन्हें transaction file की मदद से तैयार किया जाता है। मास्टर फाइल कई प्रकार की हो सकती हैं  जैसे ग्राहक के खाते, पूर्तिकर्ता के खाते आदि।

  1. निर्गम (Output) – किसी भी प्रणाली का निर्गम (output) प्रायः उसका उद्देश्य ही होता है अर्थात् निर्गम (output) से वही प्राप्त होता है जिसके लिए प्रणाली चलाई जा रही थी। इसके अंतर्गत लेन-देन प्रक्रिया व्यवस्था (Transaction Processing System) में विभिन्न रिपोर्ट, Trial Balance, Balance Sheet व Profit & Loss A/c प्राप्त किए जाते हैं। ये Printed या Computer Screen पर देखे जा सकते हैं। इन्हीं की मदद से प्रबंधक अपने उद्देश्य प्राप्त करता है।

कूट भाषा (Codes) – प्रायः लेन-देन प्रक्रिया व्यवस्था जो Computer की मदद से चलाई जाती है जिसमें input डालते समय code का प्रयोग किया जाता है जो निम्न प्रकार के हो सकते है-

  1. Mnemonic Codes, Sequence Codes, 3. Block Codes, 4. Group Codes
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