प्रबंधन सूचना प्रणाली / Management Information System

प्रणाली की परिभाषा | प्रणाली के प्रकार | प्रणाली विश्लेषण का अर्थ | प्रणाली विश्लेषण के उद्देश्य

प्रणाली की परिभाषा | प्रणाली के प्रकार | प्रणाली विश्लेषण का अर्थ | प्रणाली विश्लेषण के उद्देश्य | Definition of System in Hindi | System Type in Hindi | Meaning of System Analysis in Hindi | Objectives of System Analysis in Hindi

प्रणाली की परिभाषा (Definition of System)

आपस में संबंधित तथ्यों या तत्वों के समूह को प्रणाली कहते हैं जिसमें ये तथ्य या तत्व किसी उद्देश्य के लिए एक साथ या एक के बाद एक घटित होते हैं। प्रणाली के हमारे जीवन में बहुत से उदाहरण हैं, जैसे-मानव का शरीर, व्यवसाय, शैक्षणिक संस्था, कम्प्यूटर आदि।

प्रणाली के प्रकार –

प्रणाली दो प्रकार की होती है— (1) निरपेक्ष प्रणाली (Abstract system), (2) भौतिक प्रणाली (Physical system)।

(1) निरपेक्ष प्रणाली (Abstract system) — यह विभिन्न सोच व विचारों के समूहक्षसे बनी प्रणाली होती है अर्थात् इसमें विचार आपस में एक-दूसरे से जुड़ते हैं और प्रणाली का निर्माण करते हैं। जैसे भगवान के बारे में विचार।

(2) भौतिक प्रणाली (Physical system) – यह तत्वों के समूह से बनी प्रणाली होती है जो किसी उद्देश्य पूर्ति के लिए कार्यरत होती है। जैसे- Computer, Weapons System, Transportation System, School System.

प्रणाली के प्रकार

  1. निश्चयात्मक और संभावनात्मक प्रणाली (Deterministic and Probabilistic System) – निश्चयात्मक प्रणाली पहले से ज्ञात तरीकों से काम करती है। इस प्रकार की प्रणाली में अर्न्तसंबंधों तथा क्रियाओं का पहले से पता होता है जिसके कारण इस प्रणाली में त्रुटि की संभावना बहुत कम होती है। उदाहरण के लिए कम्प्यूटर प्रोग्राम निर्देशों के समूह द्वारा सही परिणाम निकालता है क्योंकि इसमें कार्य प्रणाली पहले से ही निर्देशित होती है अर्थात निश्चित कार्य प्रणाली होती है।

संभावनात्मक प्रणाली के अन्तर्गत त्रुटि की संभावना हर वक्त मौजूद रहती है क्योंकि यह ठीक निश्चयात्मक प्रणाली के विपरीत होती है। अतः इसकी क्रियाओं के बारे में सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है निश्चय तौर पर ये पहले से ज्ञात नहीं होती हैं। ये प्रणाली बाहरी वातावरण पर आधारित होती है क्योंकि बाहरी वातावरण इन पर बहुत अधिक प्रभाव डालता है, उदाहरण के लिए माँग की पूर्ति Re-order level, Avg. lead time etc.

  1. बन्द और खुली प्रणाली (Closed and Open System) – यह प्रणाली अपने आप को पूर्ण मानती है अर्थात् यह हमेशा अपनी सीमा के अंतर्गत क्रिया करती है यह कभी भी वातावरण के साथ अर्न्तसंबंध नहीं बनाती। अतः वातावरण में चाहे जो भी हो इस प्रणाली पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। जिस वजह से इस प्रणाली में एक कमी भी आ जाती है अर्थात् ये अपनी इस प्रकृति की वजह से Update नहीं रह पाती तथा कभी-कभी बहुत बड़ी कमी का शिकार होकर प्रणाली व्यर्थ हो जाती है।
  2. खुली प्रणाली (Open System)- ये प्रणाली ठीक Closed System के विपरीत होती है। अर्थात् ये वातावरण के साथ संबंध बनाती है तथा समय में आए बदलाव से अपने-आप को बदलती रहती है।
  3. सापेक्ष बन्द प्रणाली (Relatively Closed System)- ये प्रणाली न तो पूर्णतः Closed System होती है और न ही Open System लेकिन ये System अपने आप को थोड़ा बहुत वातावरण से संबंध रखकर एक समय के बाद अपने आप को Update करती रहती है।
  4. अपघटन प्रणाली (Decomposition System)- हम जानते हैं कि एक बहुत बड़ी प्रणाली को सीधे ही समझ पाना व उस पर नियंत्रण रखना मुश्किल है अतः इस समस्या से बचने के लिए हम प्रणाली को एक विधिवत् रूप से छोटे-छोटे हिस्सों या उप प्रणालियों में बाँट देते हैं। इन हिस्सों को पुनः छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटते हैं और ऐसा तब तक करते हैं जब तक उन पर नियंत्रण संभव ना हो जाए। इस प्रकार प्रणाली को छोटे-छोटे उपप्रणाली में बाँटना ही Decomposition कहलाता है।

प्रणाली विश्लेषण का अर्थ

(Meaning of System Analysis)

प्रणाली विश्लेषण से आशय विभिन्न प्रणालियों की क्रियाओं के विश्लेषण से है जिसके द्वारा प्रबंधकीय कार्यों को सरलता से सम्पन्न किया जाता है। प्रणाली विश्लेषण के द्वारा सूचना प्रणाली की जरूरतों की पहचान की जाती है। यह समय में आये बदलाव के साथ अपने आप को बदलती रहती है। संक्षेप में, प्रणाली विश्लेषण के द्वारा प्रबंधक प्रत्येक स्तर पर किये गये कार्य को जाँचते हैं। सही पाये जाने पर ही अगली क्रिया प्रारम्भ होती है।

प्रणाली विश्लेषण के उद्देश्य

प्रणाली विश्लेषण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

(1) प्रणाली विश्लेषण के द्वारा सूचना प्रणाली की जरूरतों की पहचान की जाती है।

(2) प्रणाली विश्लेषण वातावरण के साथ सम्बन्ध बनाती है तथा समय में आये बदलाव के साथ अपने आप को बदलती रहती है।

(3) उपप्रणालियों के द्वारा बड़ी प्रणाली पर नियंत्रण रखा जा सकता है।

(4) प्रणाली विश्लेषण के द्वारा प्रबंधक प्रत्येक स्तर पर किये गये कार्य को जांचते हैं। सही पाये जाने पर ही अगली क्रिया प्रारम्भ होती है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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