1848 से 1870 तक इटली का एकीकरण

1848 से 1870 तक इटली का एकीकरण | इटली के एकीकरण में मेजिन, कावूर तथा गैरीवाल्डी के योगदान | इटली के एकीकरण में कावूर और गैरीबाल्डी के योगदान | इटली के एकीकरण में प्रमुख बाधाएँ | इटली के एकीकरण के विभिन्न चरण

1848 से 1870 तक इटली का एकीकरण | इटली के एकीकरण में मेजिन, कावूर तथा गैरीवाल्डी के योगदान | इटली के एकीकरण में कावूर और गैरीबाल्डी के योगदान | इटली के एकीकरण में प्रमुख बाधाएँ | इटली के एकीकरण के विभिन्न चरण 1848 से 1870 तक इटली का एकीकरण 18वीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में…

टायनबी के सभ्यता संबंधी विचार

टायनबी के सभ्यता संबंधी विचार | सभ्यता का विकास तथा टायनबी | सभ्यता का विघटन

टायनबी के सभ्यता संबंधी विचार | सभ्यता का विकास तथा टायनबी | सभ्यता का विघटन टायनबी के सभ्यता संबंधी विचार टॉयनबी का मत है कि सभ्यताओं की उत्पत्ति और विकास भौतिक अथवा भौगोलिक परिवेश का परिणाम नहीं है। वे वास्तव में एक अपरिभाष्य तत्त्व का परिणाम हैं, जो ‘ऊपरी तौर से मनोवैज्ञानिक प्रकार का है।…

टायनवी की इतिहास मीमांसा

टायनवी की इतिहास मीमांसा | टायनवी की इतिहास के विषय में अवधारणा

टायनवी की इतिहास मीमांसा | टायनवी की इतिहास के विषय में अवधारणा टायनवी की इतिहास मीमांसा टायनबी अपनी इतिहास की मीमांसा का वर्णन अपनी पुस्तक A Study of History में किया है। टॉयनबी का एक आधारभूत विचार यह था कि ‘ऐतिहासिक अध्ययन की सबसे छोटी सुबोधगम्य इकाई संपूर्ण समाज होता है न कि एकपक्षीय रूप…

हेगल की आलोचना

हेगल की आलोचना | राज्य के आदर्शवादी सिद्धान्त की आलोचना | हेगल का राज्य एक नए रूप में तिमिंगल है | Leviathan in Hindi

हेगल की आलोचना | राज्य के आदर्शवादी सिद्धान्त की आलोचना | हेगल का राज्य एक नए रूप में तिमिंगल है | Leviathan in Hindi हेगल की आलोचना महान् तार्किक हेगल की आलोचना अनेक आलोचकों तथा समीक्षकों ने निम्न आधारों पर की है- (1) शोपनहॉवर ने कहा है कि हेगल का तर्क- रहस्यवादी तरीका-  जिसने ऊसर…

हेगल का राज्य दर्शन

हेगल का राज्य दर्शन | हेगल के राज्य के लक्षण | हेगल के राज्य के सिद्धान्त पर विचार | हेगल के मानसिक समाज सम्बन्धी विचार | सम्पत्ति सम्बन्धी हेगल के विचार

हेगल का राज्य दर्शन | हेगल के राज्य के लक्षण | हेगल के राज्य के सिद्धान्त पर विचार | हेगल के मानसिक समाज सम्बन्धी विचार | सम्पत्ति सम्बन्धी हेगल के विचार हेगल का राज्य दर्शन प्लेटो की तरह हेगल भी राजनीतिक दर्शन के इतिहास में एक बड़े पद्धति-निर्माता थे। वे कुछ निश्चित स्वतः स्पष्ट सत्यों…

राज्य पृथ्वी पर ईश्वर का आगमन है

राज्य पृथ्वी पर ईश्वर का आगमन है | राज्य का अस्तित्व विश्व में ईश्वर का अभियान है

राज्य पृथ्वी पर ईश्वर का आगमन है | राज्य का अस्तित्व विश्व में ईश्वर का अभियान है “राज्य का अस्तित्व विश्व में ईश्वर का अभियान है।” “राज्य पृथ्वी पर ईश्वर का आगमन है” हेगल चरम वास्तविकता की सच्ची प्रकृति के सम्बन्ध में दो सम्प्रदाय हैं। एक सम्प्रदाय यह विश्वास करता है कि चरम वास्तविकता किसी…

इतिहास की विषय-वस्तु

इतिहास की विषय-वस्तु | इतिहास की विषय-वस्तु के सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों के विचार

इतिहास की विषय-वस्तु | इतिहास की विषय-वस्तु के सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों के विचार इतिहास की विषय-वस्तु इतिहास का क्षेत्र कितना व्यापक है, इसके लिए हमें उसकी विषय-वस्तु का अवलोकन बहुत आवश्यक है। इसलिए की विषय-वस्तु के सम्बन्ध में विद्वानों में मतैक्य नहीं पाया जाता। पहले के इतिहासकारों ने घटनामात्र को ही इतिहास की विषय-वस्तु…

इतिहास में वस्तुनिष्ठता का समीक्षात्मक अध्ययन

इतिहास में वस्तुनिष्ठता का समीक्षात्मक अध्ययन | इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आलोचनात्मक समीक्षा

इतिहास में वस्तुनिष्ठता का समीक्षात्मक अध्ययन | इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आलोचनात्मक समीक्षा इतिहास में वस्तुनिष्ठता का समीक्षात्मक अध्ययन यदि इतिहास को विज्ञान की संज्ञा से अभिहित किया जाय तो वस्तुनिष्ठता, जो कि विज्ञान की केन्द्रीय विशेषता है, का इतिहास में होना आवश्यक है। वस्तुनिष्ठता का वैज्ञानिक अर्थ यह होता है-‘दिये हुए कुछ निर्धारित नियम…

इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता

इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता | वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता | इतिहास में वस्तुनिष्ठता का महत्व

इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता | वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता | इतिहास में वस्तुनिष्ठता का महत्व इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता इतिहास में वस्तुनिष्ठता है आज परम आवश्यक मानी  जा रही है, क्योंकि इतिहास को भी एक  विज्ञान की श्रेणी प्रदान करने का प्रयास तेजी से चल रहा है और इतिहास का अध्ययन पूर्णतः वैज्ञानिक करने…