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मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का अर्थ | मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की परिभाषाएँ | मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का महत्त्व

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का अर्थ | मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की परिभाषाएँ | मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का महत्त्व

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का अर्थ

‘मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान’ का शाब्दिक विश्लेषण करने पर यह मालूम होता है कि यह एक विज्ञान है जो मानसिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित है। इसको दूसरे शब्दों में हम इस प्रकार कह सकते हैं कि यह व्यक्तित्व के सन्तुलित विकास से सम्बन्धित है क्योंकि एक सन्तुलित व्यक्तित्व वाले व्यक्ति का ही मन स्वस्थ रह सकता है। सन्तुलित व्यक्तित्व वह कहा जाता है जो हर तरह की सम-विषम परिस्थितियों में अपने को समायोजित कर सके। मनुष्य के मानसिक स्वास्थ्य को कायम रखने के लिए मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान को तीन पक्षों में बाँटा गया है-

(1) व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा- इसके अन्तर्गत वे सभी सामान्य कार्य आ जाते हैं जिनसे व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य कायम रह सकता है।

(2) व्यक्ति के मानसिक रोगों की रोक-थाम- यह प्रयास करना कि व्यक्ति के पास मानसिक रोग फटकने ही न पाये अर्थात् ऐसी दशायें या परिस्थितियाँ न उत्पन्न हो पायें जो मानसिक रोग पैदा करती हैं।

(3) व्यक्ति के मानसिक रोगों का प्रारम्भिक उपचार- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का तीसरा पक्ष व्यक्ति के प्रारम्भिक मानसिक रोगों का उपचार करना भी है।

इस प्रकार के तीनों कार्य करने वाला विज्ञान मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान कहलाता है। मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के इन पहलुओं को अगर संक्षेप में हम व्यक्त करना चाहें तो यह कह सकते हैं कि इनका एक रूप विधयात्सक (Positive) है जो उन नियमों और सिद्धान्तों तथा तरीकों की जाँच और खोज करता है जिनसे व्यक्ति का सन्तुलन स्थापित हो सके और व्यक्ति अपने वातावरण से अधिकाधिक समायोजन स्थापित कर सके तथा अपने मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा कर सके। इसका दूसरा रूप निषेधात्मक (Negative) है जो व्यक्ति को मानसिक अस्वस्थता से बचाता है। उसमें मानसिक दोष, संघर्ष और समायोजन दोष नहीं उत्पन्न होने पाते। इनमें रोगों की रोक-थाम और प्रारम्भिक उपचार होता है।

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की परिभाषाएँ

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की कुछ परिभाषायें इस प्रकार हैं जिसका अवलोकन करने से उसका अर्थ और भी स्पष्ट हो जायेगा।

(1) हैडफील्ड (Hadfild)- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का सम्बन्ध मानसिक स्वास्थ्य कायम रखने और मानसिक अव्यवस्था रोकने से है।

(2) जे० एफ० शैफर (J. F. Saffer)- “In the broadest sense, the aim of mental hygiene is to assist every individual in the attainment of a fuller, huppier, more homogenous, and more effective existence.”

(3) बैलिन जे० ई० वैलेक (Wallin J. E. Wallac)- इन्होंने मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की पूर्ण एवं समग्र परिभाषा दी है जो इस प्रकार है-

“मानसिक स्वास्थ्य-विज्ञान, स्वास्थ्य-रक्षा सम्बन्धी सूचना और विधि के प्रयोग का प्रतिनिधित्व करता है जो मनोविज्ञान, बाल-अध्ययन, शिक्षा, समाजशास्त्र, मनोविकृति चिकित्सा, चिकित्सा विज्ञान और जीव-विज्ञान से ली गयी है और जिनका प्रयोग इन उद्देश्यों से किया जाता है- (1) व्यक्ति और समुदाय के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा और उन्नति, तथा (2) छोटे और बड़े मानसिक रोगों तथा मानसिक शैक्षिक और सामाजिक कुसमायोजन से सम्बन्धित दोषों की रोक-थाम और उपचार ।”

(4) एच० आर० भाटिया (H. R. Bhatia)- “मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान मानसिक रोगों से बचने के और मानसिक स्वास्थ्य कायम रखने का विज्ञान और कला है। यह कुसमायोजनाओं के सुधारों से सम्बन्ध रखता है। इस कार्य में यह आवश्यक रूप से कारणों के निर्धारण का कार्य भी करता है ।”

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के सम्बन्ध में हम अपनी परिभाषा इस प्रकार दे सकते हैं कि यह वह विज्ञान है जो व्यक्ति और समुदाय की मानसिक स्वास्थ्य-रक्षा के उपायों, मानसिक रोगों से बचने के उपायों तथा मानसिक रोग के कारणों की खोज करता है तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताता है और उन्हें व्यावहारिक जीवन में प्रयोग करने का प्रयास  करता है।

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का महत्त्व

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का जीवन में बड़ा महत्व है। इसके महत्त्व का विश्लेषण हम इस प्रकार कर सकते हैं-

(1) सुसमायोजित जीवन- इस विज्ञान के द्वारा व्यक्ति को समायोजित जीवन-यापन करने में सहायता मिलती है। उसे अपनी परिस्थितियों से अनुकूलन स्थापित करने में मदद मिलती है।

(2) सन्तुलित व्यक्तित्व का विकास- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की सहायता से मानसिक संघर्ष कम होता है और भावना-ग्रन्थियाँ नहीं बनने पातीं । व्यक्तित्व के शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक और सामाजिक पक्षों का सन्तुलित विकास होता है। इस कार्य में मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान काफी सहायता करता है।

(3) स्वस्थ पारिवारिक वातावरण- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान द्वारा जब व्यक्तियों में स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण होता है तो पारिवारिक संतुलन, शान्ति, व्यवस्था और सुख में वृद्धि होती है। इस प्रकार पारिवारिक पर्यावरण स्वास्थ्यप्रद बनता है।

(4) शिशुओं का उचित पालन-पोषण- जब पारिवारिक संतुलन बढ़ेगा तो ऐसे परिवारों में शिशुओं का पालन-पोषण भी ठीक ढंग से होगा। उनकी सेवा सुश्रूषा अच्छी तरह होगी और उनका विकास भी पूर्ण रूप से हो सकेगा।

(5) स्वस्थ समाज का निर्माण- जब समाज के सदस्यों में मानसिक-ग्रंथियों की कमी होगी और उनके व्यक्तित्व संतुलित होंगे तो समाज में भी साम्य होगा, विषमता कम होगी। ऐसा समाज संतुलित होगा, उसमें संघर्ष की कमी होगी। इस प्रकार एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकेगा।

(6) शैक्षिक प्रगति- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान द्वारा मानसिक रोगियों की कमी हो जाती है। मानसिक रोग ग्रन्थियाँ शिक्षा के मार्ग में बाधक होती हैं। उनके न रहने पर शिक्षा में प्रगति होना स्वाभाविक है।

(7) मानसिक रोगों का उपचार- कुछ लोग न चाहने और प्रयास करने पर भी मानसिक रोगों से पीड़ित हो सकते हैं। कभी-कभी परिस्थितियाँ ऐसी विकट हो जाती हैं कि मनुष्य का उन पर वश नहीं चल पाता। ऐसी स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान उनका उपचार लेकर मानव की सेवा में प्रस्तुत होता है। मानसिक चिकित्सा उसके उपचारात्मक कार्य के लिए उत्पन्न हुई है। इस प्रकार इस विज्ञान का उपचारात्मक महत्त्व भी है।

(8) व्यावसायिक प्रगति और उन्नति- किसी भी व्यवसाय में मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति अधिक सफल हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान संतुलित व्यक्ति उत्पन्न करके उनकी व्यावसायिक क्षमता बढ़ाता है और उन्हें व्यावसायिक सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है।

(9) राष्ट्रीय भावना और एकता की वृद्धि- यदि मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हो जाये तो राष्ट्र में विषमता की कमी हो जायेगी और अधिक-से-अधिक संयम उत्पन्न हो जायेगा। इस प्रकार धर्म, जाति, भाषा, प्रान्तीयता के कारण उत्पन्न होने वाले भेद-भाव और संघर्ष कम होकर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देंगे। देश में विघटनकारी शक्तियों का प्रभाव कम होगा और भावात्मक एकता बढ़ेगी। इस प्रकार मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का राष्ट्रीय दृष्टि से भी काफी महत्व है।

(10) अन्तर्राष्ट्रीय एकता की वृद्धि- संतुलित व्यसियों में माना जाति के लिए उदार दृष्टिकोण उत्पन्न हो जाता है। उनमें देश, रंग, धर्म का भेदभाव समाप्त हो जाता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान अन्तर्राष्ट्रीय सदभावना उत्पार करने में विचार से भी अपना विशिष्ट महत्त्व रखता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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