अनुकरण सिद्धान्त

अनुकरण सिद्धान्त | अरस्तु के काव्य और कला-सम्बन्धी विचार | अरस्तू का अनुकरण सिद्धान्त | कलाओं में अनुकरण का महत्त्व | अनुकरण सिद्धान्त की समीक्षा

अनुकरण सिद्धान्त | अरस्तु के काव्य और कला-सम्बन्धी विचार | अरस्तू का अनुकरण सिद्धान्त | कलाओं में अनुकरण का महत्त्व | अनुकरण सिद्धान्त की समीक्षा अनुकरण सिद्धान्त पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में यूनानी दार्शनिक अरस्तू का स्थान बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इसका कार्यकाल 374 ई0 पू0 से 322 ई० पू० माना जाता है। अरस्तू प्रसिद्ध…

लोंजाइनस का उदात्त सिद्धान्त

लोंजाइनस का उदात्त सिद्धान्त | उदात्त का स्वरूप | उदात्त के तत्त्व | काव्य में उदात्त-तत्त्व

लोंजाइनस का उदात्त सिद्धान्त | उदात्त का स्वरूप | उदात्त के तत्त्व | काव्य में उदात्त-तत्त्व लोंजाइनस का उदात्त सिद्धान्त काव्य में उदात्त-तत्त्व पर पाश्चात्य विचारकों ने विस्तार से विचार किया है। उदात्तता पर मुख्य रूप से विचार लोजाइनस ने किया है, पर कैकिलिडस तथा ब्रेडले आदि ने भी इस पर विचार किया है। यद्यपि…

ध्वनि-काव्य के प्रमुख भेद

ध्वनि-काव्य के प्रमुख भेद/प्रकार | आचार्य मम्मट के आधार पर ध्वनि- काव्य के भेद

ध्वनि-काव्य के प्रमुख भेद/प्रकार | आचार्य मम्मट के आधार पर ध्वनि- काव्य के भेद ध्वनि-काव्य के प्रमुख भेद/प्रकार ‘ध्वन्यालोक’ की रचना आचार्य आनन्दवर्धन ने की है। इस पर अनेक टीकाओं की रचना हुई है, परन्तु सबसे प्रथम एवं सर्वोत्तम टीका आचार्य अभिनवगुप्त की’ ‘लोचन’ है। आचार्य आनन्दवर्धन ने ‘ध्वन्यालोक’ के प्रथम प्रयोग में ध्वनि की…

ध्वनि सिद्धान्त

ध्वनि सिद्धान्त | ध्वनि सम्प्रदाय का संक्षिप्त परिचय | ध्वनि का अर्थ एवं स्वरूप | ध्वनि सिद्धान्त की प्रमुख स्थापनाएं

ध्वनि सिद्धान्त | ध्वनि सम्प्रदाय का संक्षिप्त परिचय | ध्वनि का अर्थ एवं स्वरूप | ध्वनि सिद्धान्त की प्रमुख स्थापनाएं ध्वनि सिद्धान्त (सम्प्रदाय) ध्वनि सिद्धान्त भारतीय काव्यशास्त्र का एक सम्प्रदाय है। भारतीय काव्यशास्त्र के विभिन्न सिद्धान्तों में सबसे प्रबल एवं महत्वपूर्ण ध्वनि सिद्धान्त है। ध्वनि सिद्धान्त का आधार अर्थ ध्वनि- को माना गया है तथा…

एल-नीनो

एल-नीनो एवं दक्षिणी दोलन | अल-नीनो की भौगोलिक संरचना | अल-नीनो का जलवायु विज्ञान | अल नीनो का प्रभाव | अल नीनो की उत्पत्ति का कारण

एल-नीनो एवं दक्षिणी दोलन | अल-नीनो की भौगोलिक संरचना | अल-नीनो का जलवायु विज्ञान | अल नीनो का प्रभाव | अल नीनो की उत्पत्ति का कारण | El-Nino in Hindi | The Geographical Formation of El Nio in Hindi | Climatology of El Nio in Hindi | Effect of El Nio in Hindi | The…

वर्षण से तात्पर्य

वर्षण से तात्पर्य | अवक्षेपण की उत्पत्ति | वर्षा के प्रकार | पर्वतीय वर्षा की आवश्यक दशाएं | पर्वतीय वर्षा की विशेषताएँ | चक्रवातीय वर्षा

वर्षण से तात्पर्य | अवक्षेपण की उत्पत्ति | वर्षा के प्रकार | पर्वतीय वर्षा की आवश्यक दशाएं | पर्वतीय वर्षा की विशेषताएँ | चक्रवातीय वर्षा | Meaning of precipitation in Hindi | Origin of Precipitation in Hindi | Types of Rain in Hindi | Necessary conditions of mountain rainfall in Hindi | Characteristics of mountain…

भ्रंशन के प्रकार | Types of fault in Hindi

भ्रंशन के प्रकार | Types of fault in Hindi भ्रंशन के प्रकार तनावमूलक संचलन की तीव्रता के कारण जब भूपटल में एक तल (plane) के सहारे चट्टानों का स्थानान्तरण हो जाता है, तो उत्पन्न संरचना की भ्रंश कहते हैं। जिस तल के सहारे भूपटल की चट्टानों में खण्डों का स्थानान्तरण होता है, उसे विभंग तल…

सागरीनितल का फैलाव

सागरीनितल का फैलाव | Dilatation of the seafloor in Hindi

सागरीनितल का फैलाव | Dilatation of the seafloor in Hindi सागरीनितल का फैलाव हेस की संकल्पना सागर भूवैज्ञानिकों तथा भूमतिकीविदों के प्रारम्भिक कार्यों पर आधारित थी। 1952 में मैसन ने प्रशान्त महासागर में चुम्बकमापी यंत्र की सहायता से सागर नितल की शैलों के चुम्बकत्व से सम्बन्धित महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त की। तदन्तर इन्होंने उत्तरी अमेरिका के…

सामान्य वायुमण्डलीय संचरण

सामान्य वायुमण्डलीय संचरण | वाकट संचरण | वायु राशियों का वर्गीकरण

सामान्य वायुमण्डलीय संचरण | वाकट संचरण | वायु राशियों का वर्गीकरण | General atmospheric transmission in Hindi |  Classification of air signs in Hindi सामान्य वायुमण्डलीय संचरण पृथ्वी की सतह और वायुमण्डल के सम्पर्क क्षेत्र में उत्पन्न विभिन्न वायुमण्डलीय गतियों एवं विक्षोभों को वायुमण्डलीय परिसंचरण कहते हैं। इसमें तापमान, वायुदाब एवं आर्द्रता के प्रभाव से…