संस्कृति क्या है? | संस्कृति की परिभाषा | सामाजिक परिवर्तन के सांस्कृतिक कारक | सांस्कृतिक विडम्बना के सिद्धान्त की आलोचना

संस्कृति क्या है? | संस्कृति की परिभाषा | सामाजिक परिवर्तन के सांस्कृतिक कारक | सांस्कृतिक विडम्बना के सिद्धान्त की आलोचना संस्कृति क्या है? कुछ विद्वान सामाजिक परिवर्तन को संस्कृति में होने वाले परिवर्तनों के आधार पर समझाने की चेष्टा करते हैं। इस सन्दर्भ में आगबर्न और निमकाफ (Ogburn and Nimkoff) तथा सोरोकिन का नाम विशेष…

लौकिकीकरण | लौकिकीकरण का अर्थ एवं परिभाषा | लौकिकीकरण की विशेषताएं | लौकिकीकरण के क्षेत्र | लौकिकीकरण के प्रभाव | लौकिकीकरण के प्रमुख कारण

लौकिकीकरण | लौकिकीकरण का अर्थ एवं परिभाषा | लौकिकीकरण की विशेषताएं | लौकिकीकरण के क्षेत्र | लौकिकीकरण के प्रभाव | लौकिकीकरण के प्रमुख कारण लौकिकीकरण का अर्थ एवं परिभाषा सामान्यतया लौकिकीकरण की प्रक्रिया में हिन्दू धर्म अधिकाधिक, यद्यपि बहुत मन्द गति से अपनी जाति, सगोत्रता और ग्रामीण समुदाय वाले पारमपरिक सामाजिक ढाँचे से विलग होता…

कृषक आन्दोलन | अवध किसान आंदोलन | बकाश्त आंदोलन | मोपला विद्रोह

कृषक आन्दोलन | अवध किसान आंदोलन | बकाश्त आंदोलन | मोपला विद्रोह कृषक आन्दोलन किसानों और खेतिहर मजदूरों ने भी 20वीं शताब्दी में शोषक वर्ग के विरुद्ध आवाज बुलंद की जैसे कि उनके पूर्वजों ने 19वीं शताब्दी में किया था। हालांकि वे पहले की तुलना में अधिक संगठित थे। बीसवीं शताब्दी के किसानों ने राष्ट्रीय…

किसान आन्दोलन | किसान आन्दोलन का अर्थ | किसान आन्दोलन की परिभाषा | किसान आन्दोलन के कारण

किसान आन्दोलन | किसान आन्दोलन का अर्थ | किसान आन्दोलन की परिभाषा | किसान आन्दोलन के कारण किसान आन्दोलन का अर्थ किसान आन्दोलन वस्तुतः खेतिहर मजदूरों व किसानों से सम्बन्धित आन्दोलन है जो उनके शोषण, पतन एवं आर्थिक परतन्त्रता के खिलाफ उत्पन्न होता है। किसान तथा उससे सम्बन्धित अन्य समूहों का भी सहभाग इन आन्दोलनों…

विक्षरण | प्रसारवाद | प्रसारवादी सिद्धान्त | प्रसारवाद के प्रमुख सम्प्रदाय

विक्षरण | प्रसारवाद | प्रसारवादी सिद्धान्त | प्रसारवाद के प्रमुख सम्प्रदाय विक्षरण अथवा प्रसारवाद क्या है? प्रसारवाद- मानवशास का वह सिद्धान्त जिसके अनुसार यह माना जाता है कि संस्कृति का विकास एवं वृद्धि, सांस्कृतिक तत्वों के एक संस्कृति से दूसरी संस्कृति में फैलने के द्वारा होती है, प्रसारवाद कहलाता है। इस सिद्धान्त का उद्भव अठारहवीं…

नील विद्रोह | Indigo Revolt in Hindi

नील विद्रोह | Indigo Revolt in Hindi नील विद्रोह (Indigo Revolt) 1859-60 का नील विद्रोह जो बंगाल के पूर्वी इलाके में हुआ था, मजदूरों के एक बड़े और महत्वपूर्ण विद्रोह के रूप में देखा जाता है। वे किसान जो नील की खेती करते थे, या जिन्हें नील की खेती करने पर मजबूर किया जाता था,…

सामाजिक आन्दोलन के कारण | सामाजिक आन्दोलन के सिद्धान्त | सामाजिक आन्दोलन के प्रकार

सामाजिक आन्दोलन के कारण | सामाजिक आन्दोलन के सिद्धान्त | सामाजिक आन्दोलन के प्रकार सामाजिक आन्दोलन के कारण या सिद्धान्त सामाजिक आन्दोलन के संबंध मेंतीन सिद्धांत प्रमुख हैं- सापेक्षिक वंचन सिद्धांत (Relative Deprivation theory)- इससे स्टाउफर संबंधित है। संरचनात्मक तनाव या तनाव सिद्धान्त- (Structural Strain or Strain theory) स्मेल्सर पुर्ननिर्माण सिद्धांत (Revitalization theory)- वालेश-वालेश ने…

सामाजिक आन्दोलन | सामाजिक आन्दोलन की परिभाषा | सामाजिक आन्दोलन की विशेषताएँ | सामाजिक आन्दोलन के चरण | अधिसंरचनात्मक परिवर्तन एवं अधोसंरचनात्मक परिवर्तन में अन्तर

सामाजिक आन्दोलन | सामाजिक आन्दोलन की परिभाषा | सामाजिक आन्दोलन की विशेषताएँ | सामाजिक आन्दोलन के चरण | अधिसंरचनात्मक परिवर्तन एवं अधोसंरचनात्मक परिवर्तन में अन्तर सामाजिक आन्दोलन सामाजिक आन्दोलन को सामाजिक परिवर्तन का एक स्वरूप माना जाता है। लेकिन दोनों एक-दूसरे के पर्यायवाची न होकर परस्पर भिन्न है। सामाजिक आन्दोलन, सामाजिक परिवर्तन करने वाला साधन…

दलित आन्दोलन | समाज पर दलित आन्दोलन का प्रभाव | संथाल विद्रोह | मुंडा विद्रोह

दलित आन्दोलन | समाज पर दलित आन्दोलन का प्रभाव | संथाल विद्रोह | मुंडा विद्रोह दलित आन्दोलन जनजातियों को सबसे निचली हैसियत हासिल थी। वे समाज का सबसे निचला वर्ग समझे जाते थे। वे खेतों में मजदूरी करते थे। या सामान ढ़ोते थे, या कल-कारखानों में कुलियों और मालियों का काम करते थे। उपनिवेशवादी राज…