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नेटवर्क टोपोलॉजी | नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार | कम्प्यूटर नेटवर्क से आशय | कम्प्यूटर नेटवर्क के उद्देश्य | कम्प्यूटर नेटवर्क के लाभ

नेटवर्क टोपोलॉजी | नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार | कम्प्यूटर नेटवर्क से आशय | कम्प्यूटर नेटवर्क के उद्देश्य | कम्प्यूटर नेटवर्क के लाभ | network topology | Types of Network Topology in Hindi | Meaning of computer network in Hindi | Objectives of Computer Networks in Hindi | Advantages of Computer Networks in Hindi

नेटवर्क टोपोलॉजी (Network Topology) से आशय–

‘नेटवर्क टोपोलॉजी’ का अर्थ उस भौगोलक व्यवस्था से है, जिसके अन्तर्गत नेटवर्क में उपस्थित विभिन्न कम्प्यूटर एक दूसरे से सम्पर्क स्थापित करते हैं। टोपोलॉजी द्वारा विभिन्न कम्प्यूटरों के बीच कम्युनिकेशन का मार्ग निर्धारित किया जाता है। दूसरे शब्दों में कनेक्शन बनाने की तकनीक को नेटवर्क टोपोलॉजी कहते हैं।

नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार

नेटवर्क की सम्भावित अनेक टोपोलॉजी हो सकती हैं लेकिन प्रयोग में लायी जाने वाली तीन प्रमुख टोपोलॉजी निम्नलिखित हैं।

(i) बस टोपोलॉजी (Bus Topology)– बस टोपोलॉजी का प्रयोग उस समय किया जाता है जब नेटवर्क की इन्स्टालेशन छोटी, सामान्य तथा अल्पकालीन हो। यह एक ब्रॉडकास्ट नेटवर्क है। इस नेटवर्क में एक ही कम्युनिकेशन चैनेल का प्रयोग सभी कम्प्यूटरों द्वारा किया जाता है। चैनल पर प्रसारित हर संदेश के लिए नेटवर्क का प्रत्येक कम्प्यूटर यह जाँच करता है कि संदेश में दिया गया पता उसका स्वयं का है अथवा नहीं। इस प्रकार संदेश गन्तव्य तक पहुँच जाता है। बस नेटवर्क अत्यधिक प्रचलित है क्योंकि इनकी लागत कम होती है। ऐसी नेटवर्क टोपोलॉजी का प्रयोग उन स्थानों पर किया जाता है, जहाँ अत्यन्त उच्च गति के कम्युनिकेशन चैनल का प्रयोग सीमित क्षेत्र में किया जाना हो।

(ii) स्टार टोपोलॉजी- स्टार टोपोलॉजी के अन्तर्गत कम्प्यूटर के साथ जुड़ी सभी केवल एक केन्द्रीय व्यवस्था से जुड़ी होती है, जिसे ‘Hub’ कहते हैं। पूरा नेटवर्क केन्द्रीय कम्प्यूटर पर आधारित होता है। इसलिए केन्द्रीय कम्प्यूटर उच्च गति एवं उच्च क्षमता वाला होना चाहिए। स्टार टोपोलॉजी में कम लाइनें होने के कारण कार्य कम आता है तथा एक कम्प्यूटर के खराब होने की दशा में नेटवर्क प्रभावित नहीं होता है।

(iii) रिंग टोपोलॉजी- इस प्रकार की नेटवर्क टोपोलॉजी के अन्तर्गत कोई केन्द्रीय कम्प्यूटर नहीं होता। सभी स्थानीय कम्प्यूटर एक चक्रीय केबिल द्वारा परस्पर जुड़े होते हैं। रिंग टोपोलॉजी का कोई सिरा नहीं होता। रिंग टोपोलॉजी के अन्तर्गत आंकड़ों के स्थानान्तरण की गति तेज होती है। रिंग का कोई नोड जब आँकड़े प्राप्त करता है तो वह यह निर्णय लेता है कि आँकड़े उसके लिए अथवा नहीं। यदि आँकड़े उसके लिए नहीं हैं तो वह उन्हें प्रयोग में लाये बिना अगले नोड की ओर प्रेषित कर देता है। यह नेटवर्क टोपोलॉजी स्टार टोपोलॉजी की अपेक्षा अधिक विश्वसनीय होती है क्योंकि कम्युनिकेशन में सभी कम्प्यूटरों की सहभागिता होती है। रिंग टोपोलॉजी में किसी एक नोड के खराब हो जाने की स्थिति में पूरा नेटवर्क बन्द हो जाता है तथा  नेटवर्क में किसी नये कम्प्यूटर को जोड़ना भी सरल नहीं होता।

कम्प्यूटर नेटवर्क से आशय (Meaning of Computer Network)

कम्प्यूटर नेटवर्क परस्पर जुड़े हुए विभिन्न कम्प्यूटरों का एक संजाल होता है। इसमें उपस्थित कम्प्यूटर्स भौगोलिक रूप से तो अलग होते हैं, लेकिन किसी-न-किसी संचार माध्यम द्वारा जुड़े रहते हैं। इसके साथ ही ये स्वयं सवायत्त भी होते हैं। नेटवर्किंग के तहत कम्प्यूटर एक- दूसरे से जानकारी का आदान-प्रदान करने के अलावा परस्पर कई हार्डवेयर, जैसे- प्रिण्टर, मॉडम आदि का भी साझा करते हैं। दूसरे शब्दों में, “दो या दो से ज्यादा कम्प्यूटरों को अन्य उपकरणों के साथ आपस में जोड़ना ‘नेटवर्क’ कहलाता है और इस तरह से कम्प्यूटरों को जोड़कर उपलब्ध साधनों के प्रयोग करने की विधि ‘नेटवर्किंग’ कहलाती है।”

कम्प्यूटर नेटवर्क के उद्देश्य (Aims of Computer Network)

कम्प्यूटर नेटवर्क के मुख्य उद्देश्य निम्न है-

  1. इन्फॉर्मेशन डाटाबेस या प्रोसेसर्स सी.पी.यू. जैसे भौगोलिक रूप से दूर स्थित संसाधन को बाँटना संचार की विश्वसनीयता और व्यय के नियंत्रण ममें नेटवर्क प्रदान करने का सामान् उद्देश्य संसाधन को बाँटना ही है।
  2. नेटवर्क उपयोगकर्ताओं के बीच सम्पर्क स्थापित करता है। नेटवर्क के उपयोगकर्ता भौगोलिक रूप से दूर स्थित होने पर भी परस्पर सम्पर्क कर सकते हैं और एक दूसरे को संदेश प्रेषित कर सकते हैं।
  3. वितरित प्रोसेसिंग क्षमता प्रदान करना जिसका मतलब है प्रोसेसिंग को एक बड़े कम्प्यूटर से लेकर उस स्थान में वितरण करना जहाँ डाटा का उत्पादन होता है या जहाँ अधिकतर ऑपरेशंस होते हैं। यह खर्च को नियंत्रित करता है।
  4. बैंक अप के द्वारा प्रोसेसिंग क्षमता की विश्वसनीयता का बढ़ाना। यदि एक प्रोसेसिंग यूनिट खराब हो जाती है तो दूसरा प्रोसेसर (जो इस यूनिट का बैक अप है) जो भौतिक रूप में दूर है इसका काम संभाल सकता है।
  5. संसाधनों का केन्द्रित प्रबंध और आबंटन प्रदान करना।
  6. कम्प्यूटर संसाधनों के मानक बढ़ौती के लिए हम किसी भी समय में एक अतिरिक्त छोटा और सस्ता कम्प्यूटर को नेटवर्क की कम्प्यूटिंग क्षमता को बढ़ाने हेतु नेटवर्क में कनेक्ट कर सकते हैं। इसी कार्य को एक बड़े केन्द्रित कम्प्यूटर में करना कठिन और कीमती है।

कम्प्यूटर नेटवर्क के लाभ (Advantages of Computer Network)

कम्प्यूटर नेटवर्क के मुख्य लाभ निम्नलिखित है-

  1. सॉफ्टवेयर का साझा प्रयोग (Common Use of Software)- कम्प्यूटर नेटवर्क द्वारा हम किसी सॉफ्टवेयर को सर्वर कम्प्यूटर में लोड करके सभी कम्प्यूटरों में प्रयोग कर सकते हैं। ऐसा करने में हमें सॉफ्टवेयर को प्रत्येक कम्प्यूटर में लोड करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी इससे हमारे समय व धन की बचत होगी।
  2. हार्डवेयरों का साझा प्रयोग (Common Use of Hardware)- नेटवर्किंग का एक मुख्य लाभ यह भी है कि इसके द्वारा हार्डवेयरों (जैसे—प्रिण्टर, मॉडम, स्कैनर आदि) का साझा प्रयोग कर सकते हैं। उदाहरणार्थ, यदि किसी संस्थान में 10 कम्प्यूटर और सिर्फ एक प्रिण्टर हो, जिसे किसी एक कम्प्यूटर से ही जोड़ा गया हो और कार्यालय में नेटवर्किंग भी नहीं हो तो सिर्फ वही प्रयोगकर्त्ता प्रिण्टर का प्रयोग कर सकता है, जिसके कम्प्यूटर के साथ प्रिण्टर संलग्न है। यदि किसी अन्य कम्प्यूटर में स्टोर मैटर को प्रिण्ट करना हो तो उस कम्प्यूटर में फ्लॉपी/सीडी/पेनड्राइव के माध्यम से स्टोर करना पड़ेगा। जिसके साथ प्रिण्ट लगा है। इससे कार्य करने में असुविधा तो होगी ही, साथ ही समय का भी अपव्यय होगा लेकिन नेटवर्किंग के प्रयोग से, प्रत्येक कम्प्यूटर एक ही प्रिण्टर से जुड़ जायेगा और कार्य ज्यादा सुविधा एवं तीव्रता से होगा।
  3. पूर्ण विश्वसनीयता (Total Reliability)- नेटवर्क के प्रयोग द्वारा सम्प्रेषित व प्राप्त की गई सूचनाएं पूरी तरह से गोपनीय हैं। सिर्फ प्रयोगकर्त्ता ही स्वयं से संबंधित सूचनाएँ प्राप्त कर सकता है।
  4. संचार में तेजी (Fast in Communication)- कम्प्यूटर नेटवर्क के इस्तेमाल से आँकड़ों के संचार में तेजी आती है और सूचनाएँ (information) व तथ्य (facts) कुछ ही पलों में एक जगह से दूसरी जगह प्रेषित किये जा सकते हैं। इसके प्रयोग से समय व श्रम बचता है।
  5. आँकड़ों का संग्रहण व सुरक्षा (Storage and Safety of Data)- कम्प्यूटर नेटवर्क के तहत हम विभिन्न आँकड़ों व सूचनाओं को एक केन्द्रीय स्थान पर स्टोर कर सकते हैं। किसी वजह से यदि हमारे महत्वपूर्ण आँकड़े नष्ट हो जायें तो हम बैकअप फाइल से उसे प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा सूचनाओं को सुरक्षित रखने हेतु हम प्रत्येक नेटवर्क प्रयोगकर्ता को अलग-अलग यूजर नेम (user name) तथा (password) प्रदान कर सकते हैं।
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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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