Michael Faraday (माइकल फैराडे)

माइकल फैराडे | Michael Faraday in Hindi

माइकल फैराडे | Michael Faraday in hindi

विद्युत जनरेटर का निर्माता माइकल फैराडे (Michael Faraday in hindi) | बिजली दो तरह पैदा की जाती है | एक तरीका रसायन प्रतिक्रिया द्वारा सैल से, दूसरी घूमती मशीन का प्रयोग करके विद्युत चुंबक द्वारा उत्पन्न करना है | इस घूमती हुई मशीन को जनरेटर कहते हैं | छोटी सी घूमती हुई मशीन को डायनेमो भी कहते हैं | जनरेटर का मूल सिद्धांत फैराडे ने ही निकाला था |

फैराडे ऐसा व्यक्ति था जिसने किसी स्कूल या कालेज में शिक्षा प्राप्त किए बिना अपने अध्यवसाय से विज्ञान, विशेष रूप से बिजली के क्षेत्र में इतना काम किया कि उनका नाम सदा के लिए अमर हो गया | उनका जन्म 22 सितंबर 1791 में लंदन के निकट एक स्थान पर हुआ था | 14 वर्ष की आयु में उन्होंने पुस्तकों पर जिल्दसाजी का काम आरंभ किया | जिल्द बनाते समय वह पुस्तकें पढ़ने लगे तो उनकी रुचि विज्ञान में बड़ी | उन दिनों डेवी विज्ञान संबंधी भाषणों के लिए लंदन आए | फैराडे उनके भाषण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भाषण के पूरे नोट ले लिए | नोट डेवी को दिखाएं | प्रसन्न होकर डेवी ने उन्हें अपना शिष्य बना कर सहायक रख लिया | देवी के साथ रहकर फैराडे ने रसायन और भौतिक शास्त्र का अध्ययन किया |

जब तार में बिजली प्रवाहित होती है उस समय उसके गिर्द चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न हो जाता है | उस समय यदि दूसरा कोई चुंबक उसके निकट होगा तो वह भी उस विद्युत धारा से प्रभावित होगा यथा कंपास या दिशा सूचक घड़ी की सुई | इसी ज्ञान के आधार पर फैराडे ने बिजली की एक बहुत सरल मोटर बनाई जिससे विद्युत शक्ति को यांत्रिक शक्ति में परिवर्तित किया जा सकता था | उन्होंने परीक्षण किए कि जब चुंबक को तार के निकट घुमाया जाता है तो उसमें विद्युत प्रवाह पैदा हो जाता है | इसी ज्ञान की सहायता से उन्होंने पहला विद्युत पैदा करने वाला संयंत्र जनरेटर स्थापित किया | आज हमारे जीवन में बिजली का जो महत्व है वह फैराडे के इसी सिद्धांत पर आधारित है | इसी सिद्धांत के आधार पर बिजली को घरेलू उपयोग में लाने का श्रेय कुछ अन्य वैज्ञानिकों को भी है |

माइकल फैराडे बहुत ही सरल और धार्मिक विचारों के व्यक्ति थे | अभिमान उन्हें छू भी नहीं गया था | उनकी वैज्ञानिक खोजों के कारण ब्रिटिश सरकार ने उन्हें ‘सर’ का खिताब देना चाहा और लंदन की रॉयल सोसाइटी का अध्यक्ष बनाने की पेशकश की | दोनों बातें उन्होंने बड़ी विनम्रता पूर्वक अस्वीकार कर दी परंतु सरकार ने उन्हें पेंशन और मकान देकर उनके लिए सुविधाएं मुहैया की | फैराडे के संबंध में डेवी महोदय ने कहा था कि मेरी सबसे बड़ी खोज फैराडे हैं |

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