अर्थव्यवस्था के प्रकार

अर्थव्यवस्था के प्रकार | Type of economy in hindi

अर्थव्यवस्था के प्रकार | Type of economy in hindi

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विकास तथा उद्देश्य की दृष्टि से अर्थव्यवस्था के निम्नलिखित प्रकार हैं-

  1. विकसित अर्थव्यवस्था,
  2. विकासशील अर्थव्यवस्था।

उद्देश्य की दृष्टि से अर्थव्यवस्था के स्वरूप

  1. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था,
  2. समाजवादी अर्थव्यवस्था,
  3. मिश्रित अर्थव्यवस्था।

(1) विकसित अर्थव्यवस्था- आर्थिक व औद्योगिक दृष्टि से उन्नत मज़बूत, सम्पन्न व स्थिर अर्थव्यवस्था को विकसित अर्थमजस्था का नाम दिया जाता है। संयुक्त राज्य अमेन्नि, ब्रिटेन, जर्मनी में विकसित अर्थव्यवस्था पाई जाती है।

(2) विकासशील अर्थव्यवस्था- विकासशील अर्थव्यवस्था से आशय उन देशों की अर्द्धविकसित अर्थव्यवस्था से है जिन्होंने अपने आर्थिक विकास की प्रक्रिया आरम्भ कर दी है और विकास के पथ पर वे धीरे- धीरे बढ़ रहे हैं, किन्तु विकसित देशों की तुलना में वे काफी पिछड़े हुए हैं। उनके उद्योग भी अभी विकास की प्रारम्भिक अवस्था में हैं। उनके लोगों का रहन-सहन का स्तर तथा प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों की तुलना में काफी कम है। भारत, ब्राजील, विकासशील अ्थव्यवस्था वाले देशों के उदाहरण हैं।

(3) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था वह आर्थिक प्रणाली है। जिसमें निजी लाभ के लिए उत्पादन किया जाता है और उत्पादन के साधन निजी स्वामित्व में होते हैं। उत्पादन के प्रमुख क्षेत्रों में निजी उद्यम पाये जाते हैं तथा उसमें कीमत-यंत्र प्रचलित होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैण्ड, जर्मनी, फ्रांस, जापान, इटली आदि देशों में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था पायी जाती है।

(4) समाजवादी अर्थव्यवस्था- यह वह आर्थिक प्रणाली है जिसमें उत्पादन के समस्त साधनों पर समाज या राज्य का अधिकार होता है और जिसमें उपभोग, उत्पादन, विनिमय और वितरण की क्रियायें राज्य द्वारा जनसाधारण के हित के लिए होती है। वर्तमान में समाजवादी अर्थव्यवस्था चीन में पायी जाती है।

(5) मिश्रित अर्थव्यवस्था- मिश्रित अर्थव्यवस्था पूर्ण समाजीकरण तथा पूर्ण स्वतंत्र आर्थिक व्यवस्था की दो प्रणालियों के बीच का रास्ता है। इस अर्थव्यवस्था में निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों का समन्वय तथा सह-अस्तित्व रहता है परन्तु निजी क्षेत्रों को प्रधानता दी जाती है। अपने-अपने क्षेत्र में दोनों इस प्रकार कार्य करते हैं। बिना शोषण के देश के समस्त वर्गों के कल्याण में वृद्धि होती है और देश का तीव्र गति से विकास होता है हमारे देश भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था पायी जाती है ।

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