परीक्षा में कम्प्यूटर का उपयोग | Use of Computer in Examination in Hindi

परीक्षा में कम्प्यूटर का उपयोग | Use of Computer in Examination in Hindi
परीक्षा में कम्प्यूटर का उपयोग
कम्प्यूटर आधुनिक युग की एक चमत्कारिक देन है। मानव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर की उपयोगिता सिद्ध होती जा रही है। कम्प्यूटर के महत्व तथा उपयोग को स्वीकार किया जाने लगा है। कम्प्यूटर तीव्र गति से कार्य करने वाली इलैक्ट्रानिक युक्ति (Electronic Device) है । यद्यपि कम्प्यूटर का आविष्कार तीव्र गति से अंकगणितीय संक्रियाएं करने वाले यन्त्र के रूप में हुआ था परन्तु तार्किक व आंकिक दोनों ही प्रकार की संक्रियाओं को करने में समर्थ होने के कारण यह शीघ्र ही एक बहुउद्देशी्य उपकरण बन गया। आधुनिक युग में तो कम्प्यूटर एक अनिवार्य आवश्यकता बन गया। परीक्षा सम्बन्धी कार्य में भी कम्प्यूटर के उपयोग तथा महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। वस्तुतः परीक्षा सम्बन्धी कार्य में कम्प्यूटर के प्रयोग की संभावनाएं बहुत ही अधिक हैं। अनेक शिक्षा संस्थाओं तथा परीक्षा निकायों ने परीक्षा कार्य को अधिक गति से करने तथा मानवीय त्रुटियों की सम्भावना को कम करने हेतु कम्प्यूटरों का प्रयोग प्रारम्भ कर दिया है। परीक्षा परिणामों के अंकपत्र तथा प्रमाणपत्र कम्प्यूटर पर तैयार कराना एक सामान्य सी बात हो गई है। वस्तुतः कम्प्यूटर परीक्षा के कार्य को आधिक नियोजित, सहज, व्यवस्थित तथा त्रुटि रहित ढंग से तीव्र गति के साथ संपन्न कर सकते हैं।
परीक्षा संबंधी कार्य में कम्प्यूटर के निम्न उपयोग हो सकते हैं –
- प्रश्नपत्रों के निर्माण में
- प्रश्नों के संग्रहण में
- परीक्षा संबन्धी सूचनाओं के संग्रह व समूहन (Compilation) में
- परीक्षा परिणामों के संग्रह तथा सारणीयन में
- अंकपत्र व प्रमाणपत्र तैयार करने में
- परीक्षा सुधार के क्षेत्र में शोध कार्य करने में।
प्रश्नों को तैयार करने के कार्य में कम्प्यूटर महत्वपूर्ण सहायता कर सकता है। कम्प्यूटर की सहायता से प्रश्नों का पद विश्लेषण (Item Analysis) करना बहुत ही सरल है। कम्प्यूटर में प्रश्नों को संग्रहित करना अधिक सुविधाजनक होता है। इसके अंतिरिक्त प्रश्नों में आवश्यकतानुसार संशोधन करना तथा नवीन प्रश्नों को समाहित करना सभव होता है। कम्प्यूटर में संग्रहित प्रश्नों का समूह एक उपयोगी प्रश्न बैंक (Question Bank) का कार्य कर सकता है। कम्प्यूटर पर प्रश्नों का वर्गीकरण उनकी विषयवस्तु तथा कठिनाई स्तर के आधार पर किया जा सकता है। प्रश्न बैक में संग्रहित प्रश्नों में से प्रश्नों का चयन कम्यटर की सहायता से अधिक ताकिक ढंग से किया जा सकता है। कम्प्यूटर की सहायता से परीक्षा कार्य का संचालन अधिक व्यवस्थित ढंग से तथा अधिक शीघ्रता और गति से सम्पादित किया जा सकता है। विभिन्न, परीक्षा केन्द्रों पर बैठने वाले परीक्षार्थियों से संबन्धित सूचनाएं कम्प्यूटर में संग्रहित करके उनका आवश्यकतानुसार समूहन (compilation) व वर्गीकरण (classification) किया जा सकता है। वस्तुनिष्ठ परीक्षणों का अंकन (scoring) कार्य कम्प्यूटर त्रुटि रहित ढंग से अधिक शीघ्रता से कर सकता है। परीक्षा परिणामों को तैयार करने में भी कम्प्यूटर एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। छात्रों के द्वारा विभिन्न विषयों/प्रश्नपत्रों में प्राप्त अंकों को कम्प्यूटर में प्रविष्ट करा देने के उपरान्त कम्प्यूटर अत्यन्त शीघ्रता से परीक्षा परिणाम तैयार करके छात्रों के अंक पत्र व प्रमाणपत्र उपलब्ध करा सकता है। कम्प्यूटर में सूचनाओं/परीक्षा परिणामों को खोजना बहुत ही सरल होता है। कम्प्यूटर पर किये गये कार्यों में त्रुटि न होने का विश्वास रहने के कारण एक ओर जहां कम्प्यूटर परीक्षा कार्य को सुगम बनाता है तथा उसे गति प्रदान करता है वहीं दूसरी ओर वह परीक्षाओं की साख (creditability) को भी बढ़ाता है। परन्तु यहां यह स्पष्ट कर देना उचित ही होगा कि कम्प्यूटर पर किये गये कार्यों की यथार्थता (Accuracy) कम्प्यूटर में प्रविष्ट सूचनाओं की यथार्थता तथा कम्प्यूटर को प्रोग्राम साफ्टवेयर (Programmed software) के रूप में दिये गये निर्देशों पर ही निर्भर करती है। यदि इनमें कुछ त्रुटि हो जाती है तब कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम भी त्रुटिपूर्ण हो सकते हैं । कम्प्यूटर भाषा में इसे GIGO (Garbage in Garbage out) कहते हैं अर्थात् कम्प्यूटर में कूड़ा प्रविष्ट कराने पर परिणाम भी कूड़े के समान प्राप्त होंगे। इसीलिए कम्प्यूटर का उपयोग करते समय इस प्रकार की त्रुटियों से बचने की सख्त आवश्यकता होती है। कम्प्यूटर की बहुविधि उपयोगिता के कारण आने वाले समय में परीक्षाओं के संचालन में कम्प्यूटर का प्रयोग अपरिहार्य हो जाने की पूर्ण सम्भावना है। यही कारण है कि अनेक माध्यमिक परीक्षा संस्थाओं तथा विश्वविद्यालयों ने अपने परीक्षा सम्बन्धी कार्यों में कम्प्यूटर की सहायता लेना प्रारम्भ कर दिया है।
शिक्षक शिक्षण – महत्वपूर्ण लिंक
- संरचनात्मक तथा योगात्मक मूल्यांकन | Formative and Summative Measurement in Hindi
- सामान्यीकृत मापन किसे कहते हैं? | इप्सेटिव मापन किसे कहते हैं? | Normative Measurement in Hindi | Ipsative Measurement in Hindi
- निकष संदर्भित मापन तथा मानक संदर्भित मापन | निकष सन्दर्भित तथा मानक सन्दर्भित मापन की तुलना
- सतत्- आन्तरिक मूल्यांकन | Continuous-Internal Evaluation in Hindi
- ग्रेड प्रणाली | ग्रेड प्रणाली के लाभ | Grading System in Hindi | Merits of Grading System in Hindi
- प्रश्न बैक किसे कहते हैं? | प्रश्न बैंकों के प्रमुख प्रकार |Question Bank in Hindi
- खुली पुस्तक परीक्षा | Open Book Examination in Hindi
- सेमेस्टर प्रणाली क्या है? | इसकी सम्पूर्ण जानकारी | Semester System in Hindi
- स्केलिंग प्रणाली क्या है | What is scaling system
- सार्वजनिक परीक्षाओं का प्रमापीकरण | Standardization of Public Examinations in Hindi
- सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता (Transparency in Public Examinations)
- चर के प्रकार | गुणात्मक चर एवं मात्रात्मक चर | Types of Variables in Hindi
- मापन के स्तर | मापन के प्रकार | Levels of Measurement in Hindi
- मापन के आवश्यक तत्व | Essential Elements of Measurement in Hindi
- मूल्यांकन का अर्थ | मूल्यांकन का प्रत्यय | Concept and meaning of Evaluation in Hindi
- शैक्षिक मापन तथा मूल्यांकन के उद्देश्य | मापन तथा मूल्यांकन का महत्व
- मापन तथा मूल्यांकन के कार्य | Functions of Measurement and Evaluation in Hindi
- मूल्यांकन प्रक्रिया के सोपान | Steps of Evaluation Process in Hindi
- मापन की त्रुटियाँ | Errors of Measurement in Hindi
- संरचनात्मक तथा योगात्मक मूल्यांकन | Formative and Summative Measurement in Hindi
Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- [email protected]