शिक्षाशास्त्र / Education

अधिगम सामग्रियों का उत्पादन और वितरण | Production and distribution of learning materials in Hindi

अधिगम सामग्रियों का उत्पादन और वितरण | Production and distribution of learning materials in Hindi

अधिगम सामग्रियों का उत्पादन और वितरण

दूरस्थ शिक्षा संस्थान में सामग्री उत्पादन और वितरण प्रभाव (MPDD) प्रदान किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों के लिए स्वअधिगम सामग्री (SLM) के उत्पादन और वितरण का कार्य करता है। अध्ययन सामग्री का समय पर मुद्रण और शिक्षार्थियों को इसका प्रेषण (MPDD) का उत्तरदायित्व है। मुद्रित सामग्रियों का वितरण जिसमें स्वअधिगम सामग्री, एसाइनमेंट्स, कार्यक्रम गाइड्स, प्रासपैक्ट्स/ हैंडबुक्स (आवेदन फार्म और अन्य विविध मदें) शामिल हैं, इस प्रभाग को दिया गया कठिन कार्य है। यह सामग्रियों/एसाइनमेंट्स के उत्पादन का समक्रमिक कार्य, इन सामग्रियों की अपेक्षित मुद्रित संख्या, भण्डारण और इन सामग्रियों का सूची नियंत्रण और प्रत्येक शिक्षार्थी को (पाठ्यक्रमवार और मध्यमवार) देश की डाक-प्रणाली द्वारा और कभी व्यक्तिगत रूप से इसका प्रेषण कार्य भी करता है। प्रकृति के अनुसार, यह पूरा कार्य एक जटिल प्रचालन है और इसमें काफी संख्या में, पतों में परिवर्तन करने वाले, प्रायः अनुदेशों का माध्यम या पाठ्यक्रम में परिवर्तन करने वाले शिक्षार्थी शामिल हैं।

आइए उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय (UOU) हल्द्वानी उत्तराखण्ड का केस अध्ययन करते हुए इन सामग्रियों के उत्पादन और प्रेषण विधियों पर प्रकाश डालते हैं। UOU में यह निर्णय लेने की अत्यंत नम्य पहुँच है कि सामग्री का उत्पादन स्वयं किया जाए दूसर सस्थाना से मांगी जाएं। प्रसिद्ध संस्थानों, जो मुक्त और दूरस्थ शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, द्वारा पहले से तैयार किए गए पाठ्यक्रमों को सम्मत श्तों पर विश्वविद्यालय द्वारा आगे प्रयोग के लिए ले लिया जाता है। विश्वविद्यालय की वितरण प्रणाली में शिक्षार्थियों का पंजीकरण, उन्हें स्वअधिगम सामग्री प्रेषित करना, सहायता सेवाएं जैसे कि परामर्श, एसाइनमेंट्स का मूल्यांकन, पुस्तकालय सुविधा,  दृश्य प्रदर्शन सुविधा, प्रायोगिक कार्यों और सत्रांत परीक्षा का आयोजन, शिक्षार्थी के मूल्याकन के अनुसार परिणाम की घोषणा और अर्हता प्रमाणन और उपाधियां प्रदान करने का कार्य सम्मिलित हैं। विश्वविद्यालय निम्नलिखित प्रभागों की सहायता से ये कार्य-निष्पादित करता है।

प्रवेश और मूल्यांकन, सामग्री उत्पादन और वितरण तथा क्षेत्रीय सेवाएं

Board of Studies के परामर्श से संकाय द्वारा तैयार की गई स्वअधिगम सामग्री मुद्रण के लिए सामग्री उत्पादन और वितरण प्रभाग को भेजी जाती है। मुद्रक उपलब्ध न होने के कारण, विश्वविद्यालय ने दिल्ली जयपर के विभिन्न प्रकाशक सूचीबद्ध किए है। प्रभाग, दूसरे संगठनों, मुख्यतः इग्नू से पुनः मुद्रण अधिकार से प्राप्त की गई सामग्री के पुनः मुद्रण की व्यवस्था भी करता है। अतः अच्छी दूरस्थ अधिगम सामग्री के विकास के निर्धारित सिद्धांतों और निबन्धनों से हटे बिना विश्वविद्यालय शिक्षार्थियों के लिए उच्च गुणवत्ता, अधिगम सामग्री के विकास में अग्रसर है। अतः उत्पादित सामग्री उत्तराखण्ड राज्य के शिक्षार्थियों को प्रेषित की जाती है बहुत से मामलों में सामग्री हल्द्वानी में मुद्रित की जाती है। इस प्रक्रिया से विश्वविद्यालय का काफी समय और स्त्रोत बच जाते हैं। इससे, आप जान गए होंगे कि आपके विश्वविद्यालय की अध्यन सामग्री आप तक कैसे पहुंचती है। यह प्रक्रिया, सभी भारतीय मुक्त विश्वविद्यालय में लगभग एक जैसी ही है।

सामग्री तैयारी और मुद्रण प्रक्रिया (Process of Material Preparation and Printing)

मुद्रित अध्ययन सामग्री की मात्रा को ध्यान में रखते हुए, मुद्रण कार्य विकेन्दीकृत किया गया है और विभिन्न अध्ययन विद्यालय, पाठ्यक्रम की तैयारी और विश्वविद्यालय द्वारा इस उद्देश्य के लिए केन्द्रीय रूप से सूचीबद्ध मुद्रणालयों को मुद्रण कार्य सौंपने के लिए उत्तरदायी हैं। स्कूल मुख्यत: स्वअध्ययन सामग्री के विकास संबंधी निम्नलिखित कार्य करते हैं :

* नए कार्यक्रम शुरू करना और स्वअधिगम सामग्री का मुद्रण

* विद्यमान पाठ्यक्रमों/कार्यक्रमों की पुनरावृत्ति ओर उनका मुद्रण, और

* पुरानी पाठ्यक्रम सामग्री का मुद्रण

अधिगम सामग्री का प्रेषण ( Dispatch of Learning Materials)

शिक्षार्थियों को सामग्री दो बार प्रेषित की जाती है अ्थात एक शैक्षिक वर्ष में जून और जुलाई में इस उद्यम में, भारतीय डाक विभाग, विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण साझेदार है।

सामग्री उत्पादन और वितरण प्रभाग (MPDD) का कम्प्यूटर सैल, विद्यार्थी पंजीकरण और मूल्यांकन प्रभाग से प्राप्त प्रवेश डाटा का प्रोसेस करता है ओर लेबल बनाए जाते हैं। इन लेबलों पर विद्यार्थी से संबंधित संपूर्ण सूचना अर्थात पंजीकरण सं0, नाम, पता, प्रेषित किए जाने वाले पाठ्यक्रम, लॉट सं0, प्रेषण की तारीख इत्यादि होती है। इन्हें स्टोर में भेजा जाता है। जहां इसे लेबल पर मुद्रित सूचना के अनुसार अध्ययन सामग्री वाले लिफाफों पर चिपकाया जाता है फिर इन पैकेटों को शिक्षार्थियों को भेजने के लिए, डाक कार्यालय में भेजा जाता है। नीचे दी गई तालिका में इस वर्ष के दौरान प्रेषित पैकेट्स की कुल संख्या का विवरण दिया गया है:

प्रेषित पैकेटों की संख्या

वर्ष (अप्रैल माह) पैकटों की संख्या

16 अप्रैल 2014 19,412

वितरण क्रिया का भाग होने के नाते , मुद्रित अध्यन सामग्री अध्ययन केन्दों, क्षेत्रीय और शिक्षार्थी सहायता केन्द्रों को भी वितरित की जाती है। वर्ष 2013 -14 सत्र के दौरान, अध्ययन सामग्री के 19,412 पैकेट और लगभग 25,000 प्रोसपैक्ट्स विभिन्न केन्द्रों और अध्ययन केन्द्रों को प्रषित किए गए। क्षेत्रीय केन्द्रों और अध्ययन केन्द्रों को अधिक मात्रा में सामग्री भेजने के लिए विoवि० अपने परिवहन प्रचालकों की सेवाएं प्राप्त करता हैं।

अप्रयुक्तप्राय सामग्री (Obsolete Material)

अपने शिक्षार्थियों तक अद्यतन ज्ञान पहुँचाना, विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कार्यक्रमों की स्वअध्ययन सामग्री कम से कम पांच वर्षों में एक बार संशोधित की जानी होती है। इस अनुसरण में, विश्वविद्यालय के पास पहले से उपलब्ध सामग्री का स्टॉक पुराना हो जाता है और इसलिए इसे समय के साथ अप्रयुक्तप्राय घोषित किया जाना होता है। यह ब्लाक्स, पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों की समीति संख्या के साथ नियंत्रणीय है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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