वणिकवाद से आशय | वणिकवाद को जन्म देने वाले कारक | वणिकवाद के पतन के कारण

वणिकवाद से आशय | वणिकवाद को जन्म देने वाले कारक | वणिकवाद के पतन के कारण वणिकवाद से आशय (Meaning of Mercantilism) वणिकवाद तीन शताब्दियों की प्रचलित विचारधारा का मिश्रण है। अत: हम केवल इतना ही कह सकते हैं कि वणिकवाद आर्थिक विचारों की मध्ययुगीन विचारधारा और आधुनिक विचारधारा‌ के बीच की वह विचारधारा है…

आर्थिक सिद्धान्त का अर्थ | आर्थिक सिद्धान्त का महत्व | आर्थिक सिद्धान्त की सीमायें

आर्थिक सिद्धान्त का अर्थ | आर्थिक सिद्धान्त का महत्व | आर्थिक सिद्धान्त की सीमायें आर्थिक सिद्धान्त का स्वभाव तथा अर्थ (The Nature and Concept of Economic Doctrine) आर्थिक सिद्धान्त अवलोकित आर्थिक घटनाओं के कारण तथा परिणाम के सम्बन्ध को बताता है तथा उनकी व्याख्या करता है। आर्थिक सिद्धान्त इन सम्बन्धों के संक्षिप्त तथा व्यवस्थित कथन होते…

भारत का विदेशी ऋण | India’s external debt in Hindi

भारत का विदेशी ऋण | India’s external debt in Hindi भारत का विदेशी ऋण अभी हाल तक भारत सरकार, रिजर्व बैंक तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं (विश्व बैंकओ ई.सी.डी., बैंक फार इंटरनेशनल सेटलमेंट्स, इंस्टीट्यूट आफ इंटरनेशनल फाइनेंस इत्यादि) के संबंधी आंकड़े में काफी अन्तर थे। इन अन्तरों को दूर करने के लिए तथा ऋण संबंधी आँकड़ों में…

रुपया-पौण्ड सम्बन्ध विच्छेद | नयी विनिमय दर व्यवस्था | सम्बन्ध विच्छेद के कारण

रुपया-पौण्ड सम्बन्ध विच्छेद | नयी विनिमय दर व्यवस्था | सम्बन्ध विच्छेद के कारण रुपया-पौण्ड सम्बन्ध विच्छेद (Break-down Rupee-Sterling Link) 1971 में पौण्ड की मार्क तथा डालर से 29% मूल्य वृद्धि के कारण भारत सरकार ने रुपये का पौण्ड स्टर्लिंग से सम्बन्ध, सितम्बर, 1975 से समाप्त कर दिया। विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए अब भारतीय रुपये…

विदेश व्यापार नीति 2004-09 | विदेश व्यापार नीति के मुख्य उद्देश्य | विदेशी व्यापार नीति 2004-2009 की समीक्षा

विदेश व्यापार नीति 2004-09 | विदेश व्यापार नीति के मुख्य उद्देश्य | विदेशी व्यापार नीति 2004-2009 की समीक्षा विदेश व्यापार नीति 2004-09 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीकमल नाथ ने 31 अगस्त 2004 को 5 वर्षों (2004- 2009) के लिए नयी विदेश व्यापार नीति घोषित की। इस नीति का मुख्य उद्देश्य विश्व व्यापार भारत के भाग…

निर्यात-आयात नीति 2002-07 | मूल्यांकन 31 मार्च 2002 को घोषित

निर्यात-आयात नीति 2002-07 | मूल्यांकन 31 मार्च 2002 को घोषित निर्यात-आयात नीति (2002-2007) (Export-Import Policy (2002-2007) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री मुरासोली मारन ने 31 मार्च 2002 को अगले पांच वर्षों के लिए निर्यात-आयात नीति की घोषणा की। देश में निर्यात को बढ़ाना देने तथा विश्व बाजार में 1% निर्यात का लक्ष्य प्राप्त करने के…

भारत की नई व्यापार नीति | व्यापार नीति में परिवर्तन | भारत की नई व्यापार नीति 1991 की व्याख्या

भारत की नई व्यापार नीति | व्यापार नीति में परिवर्तन | भारत की नई व्यापार नीति 1991 की व्याख्या भारत की नई व्यापार नीति (New Trade Policy of India) 1990-91 और चालू वर्ष में निर्यात वृद्धि में प्रवृत्तियों के प्रत्यावर्तन से व्यापक निर्यात की जरूरत है। इसके विपरीत, पहले आर्थकि नीति के वातावरण का इस…

सार्वजनिक वितरण व्यवस्था का महत्त्व | सार्वजनिक वितरण-व्यवस्था के गुण | सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के दोष

सार्वजनिक वितरण व्यवस्था का महत्त्व | सार्वजनिक वितरण-व्यवस्था के गुण | सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के दोष सार्वजनिक वितरण व्यवस्था का महत्त्व भारतवर्ष जैसे अभावग्रस्त अर्थव्यवस्था के लिए सार्वजनिक वितरण-व्यवस्था अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके द्वारा अर्थव्यवस्था में मूल्य-नियंत्रण, निर्धन और कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं के हित की रक्षा कर सकते हैं। उत्पादकों को उनकी वस्तु को…

सार्वजनिक वितरण प्रणाली | सार्वजनिक वितरण के उद्देश्य | सरकारी हस्तक्षेप | सरकारी हस्तक्षेप के प्रकार

सार्वजनिक वितरण प्रणाली | सार्वजनिक वितरण के उद्देश्य | सरकारी हस्तक्षेप | सरकारी हस्तक्षेप के प्रकार भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System in India) सार्वजनिक वितरण प्रणाली का अर्थ भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आवश्यक उपभोग वस्तुएं उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें इनकी बढ़ती हुई…