गवर्नर जनरल विलियम बैंटिक की स्वीकृति | बैंटिक की घोषणा के परिणाम
गवर्नर जनरल विलियम बैंटिक की स्वीकृति | बैंटिक की घोषणा के परिणाम
गवर्नर जनरल विलियम बैंटिक की स्वीकृति
(Approval of Governor General William Bentick)
गवर्नर जनरल बैटिक को मैकाले का विवरण पत्र 2 फरवरी, 1835 को प्राप्त हुआ। इस पर उसने गंभीरता से विचार कर 7 मार्च, 1835 को उसकी मुख्य सिफारिशों को स्वीकार करते हुए ब्रिटिश सरकार की नई शिक्षा नीति की घोषणा की। इस नीति की मुख्य विशेषतायें निम्न प्रकार थीं-
(1) शिक्षा के लिए निर्धारित धनराशि का सर्वोत्कृष्ट प्रयोग केवल अंग्रेजी शिक्षा के लिए ही किया जा सकेगा।
(2) संस्कृत, अरबी और फारसी की शिक्षण संस्थाओं को बन्द नहीं किया जायेगा। उनके शिक्षकों के वेतन और छात्रों की छात्रवृत्तियों के लिए आर्थिक अनुदान यथावत् जारी रहेगा।
(3) भविष्य के प्राच्य साहित्य के मुद्रण और प्रकाशन पर कोई व्यय नहीं किया जायेगा।
(4) मद्र 3 से बचने वाली धनराशि को अंग्रेजी भाषा, अंग्रेजी साहित्य और पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा पर व्यय किया जायेगा।
बैंटिक की घोषणा के परिणाम
(Consequences of Bentinck’s Resolution)
बैटिक की इस घोषणा के परिणाम निम्न प्रकार थे –
(1) कलकत्ता मदरसा तथा संस्कृत कॉलेज को बनारस से मान्यता मिल गई।
(2) प्राच्य कॉलेज आगरा, दिल्ली तथा कलकत्ता में स्थापित हुए।
(3) कलकत्ता प्रेस की स्थापना से भारतीय साहित्य का प्रकाशन होने लगा।
(4) अंग्रेजी भाषा तथा साहित्य के प्रति भारतीयों में रुचि विकसित होने लगी।
(5) 1854 तक शिक्षा नीति का अभाव रहा। कोई समान शिक्षा नीति नहीं थी।
(6) विभिन्न प्रांतों में शिक्षा की स्थिति भिन्न थी, केन्द्र सरकार का इस सम्बन्ध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं था।
(7) माध्यमिक विद्यालयों की संख्या में वृद्धि होने लगी किन्तु प्राथमिक शिक्षा हिन्दुओं, मुसलमानों तथा मिशनरियों द्वारा संचालित होती रही।
(8) विद्यालय के निरीक्षण तथा शिक्षण प्रशिक्षण की व्यवस्था न थी।
(9) किताबी ज्ञान का विस्तार हुआ। विज्ञान शिक्षा का स्तर सामान्य था।
(10) गैर सरकारी कषेत्रों में भारतीय शिक्षा संस्थायें विकसित होती रही।
शिक्षाशास्त्र – महत्वपूर्ण लिंक
- चार्टर एक्ट सन 1818 तथा 1833 का संक्षेप में वर्णन | सन् 1813 का चार्टर का आज्ञा पत्र | सन् 1833 का चार्टर का आज्ञा पत्र
- मैकाले का विवरण पत्र – 1835 | मैकाले का निस्यन्दन सिद्धान्त | बैंटिंक द्वारा विवरण पत्र की स्वीकृति – 1835
- लॉर्ड कर्जन के शिक्षा सम्बन्धी सुधार | शिमला शिक्षा सम्मेलन – 1901 | भारतीय विश्वविद्यालय आयोग – 1902 | भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम – 1904
- विलियम एडम की रिपोर्ट | एडम द्वारा प्रस्तावित शिक्षा योजना | एडम रिपोर्ट का मूल्यांकन | एडम योजना की अस्वीकृति
- वुड का घोषणा पत्र- 1854 | वुड के घोषणा पत्र की प्रमुख सिफारिशें
- राष्ट्रीय शिक्षा की माँग | राष्ट्रीय शिक्षा के सिद्धांत | राष्ट्रीय शिक्षा के सिद्धांत की विशेषताएँ | राष्ट्रीय शिक्षा-संस्थाओं की स्थापना
- ब्रिटिश कालीन शिक्षा के उद्देश्य | ब्रिटिश कालीन शिक्षा के गुण | ब्रिटिश कालीन शिक्षा के दोष
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