शिक्षाशास्त्र / Education

इतिहास कक्ष की आवश्यकता एवं महत्व | इतिहास कक्ष की सज्जा एवं उसकी व्यवस्था

इतिहास कक्ष की आवश्यकता एवं महत्व | इतिहास कक्ष की सज्जा एवं उसकी व्यवस्था | Need and importance of history room in Hindi | History room decoration and its arrangement in Hindi

इतिहास कक्ष की आवश्यकता एवं महत्व

इतिहास के शिक्षण के लिए भी विशेष कक्ष की आवश्यकता है क्योंकि इसके अध्यापन के हेतु विभिन्न उपकरणों तथा साधनों का प्रयोग किया जाता है। दूसरे, विशेष कक्ष के द्वारा उस विषय विशेष का वातावरण निर्मित किया जाता है जिससे छात्रों में उस विषय के लिए रुचि उत्पन्न करने में साहयता मिलती है। तीसरे, ऐतिहासिक उपकरणों, यन्त्रों आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में समय का अपव्यय होता, साथ ही सामग्री के टूटने-फूटने का भय रहता है। विशेष कक्ष की ब्यवस्था से इन दोषों को दूर किया जाता है।

इतिहास कक्ष की सज्जा एवं उसकी व्यवस्था

शिक्षाशास्त्रियों के मतानुसार इतिहास कक्ष की व्यवस्था के लिए निम्नलिखित बातें उपयोगी है :-

  1. इतिहास कक्ष सामान्य कक्ष से क्षेत्रफल में बड़ा होना चाहिए-

“The room should be large enough to allow floor space for the construction and demonstration of models, and for such activities as the acting or reading short historical plays. At the same time, the pupil’s desks should not be so for from the teacher that he loses that intimacy of contact which is so valuable in active and imaginative teaching,

  1. इतिहास-कक्ष में श्यामपट के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए। यदि दो श्यामपटों की व्यवस्था हो तो अधिक अच्छा है।
  2. विषय-पुस्तकालय होना चाहिए। इसके लिए कक्ष की दीवार में अल्मारी हो तो उत्तम है।
  3. दीवार- चित्र तथा मानचित्र हो ।
  4. एक शो-केश के लिए व्यवस्था हो । यदि यह दीवार में लग सके तो अच्छा है। इसमें अतीत काल के सिक्के, मुहरें, बर्तन, मूर्तियाँ आदि संगृहीत की जाएँ ।
  5. छात्रों में समय ज्ञान विकसित करने के लिए इतिहास-कक्ष में समय- रेखायें, समय-चाटं, समय-ग्राफ आदि की व्यवस्था की जाय । उनको दीवारों पर कालक्रम के अनुसार सुसज्जित किया जाय ।
  6. मानचित्र जिसमें विभिन्न शासकों की राज्य सीमाएँ प्रदर्शित की गई हों उनको भी दीवारों पर कालक्रम के अनुसार टाँगा जाय । प्रो० हस्लक दीवारों के मानचित्रों को अधिक बल देते हैं।
  7. इतिहास-कक्ष में रेडियो के लिए भी व्यवस्था हो ।
  8. प्रोजेक्टर, स्कीन आदि के लिए भी उपयुक्त व्यवस्था हो ।
  9. एक बुलेटिन बोर्ड होना चाहिए जिस पर कारटून, नवीन पुस्तकों केम आवश्यक सूचनाएँ एवं विशेष लेखों की कतरनों को चिपकाया जा सके ।
  10. व्यावहारिक कार्य के लिए मॉडल ट्र-स्टैण्ड की व्यवस्था हो । साथ ही कक्ष में उचित प्रकार की मेजों की व्यवस्था की जाय ।
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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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