बाल्यावस्था | बाल्यावस्था का अर्थ | बाल्यावस्था की सामान्य विशेषताएँ

बाल्यावस्था | बाल्यावस्था का अर्थ | बाल्यावस्था की सामान्य विशेषताएँ बाल्यावस्था- (6 वर्ष से 12 वर्ष तक) शैशवावस्था के बाद व्यक्ति बाल्यावस्था में प्रवेश करता है जो क्रम में दूसरी अवस्था होती है। शैशवावस्था के लक्षण धीरे-धीरे लुप्त हो जाने से बाल्यावस्था में अन्य नए लक्षण दिखाई देते हैं। (पूर्व बाल्यावस्था में दोनों अवस्थाओं का…

शैशवावस्था | शैशवावस्था का अर्थ | शैशवावस्या की सामान्य विशेषताएँ

शैशवावस्था | शैशवावस्था का अर्थ | शैशवावस्या की सामान्य विशेषताएँ शैशवावस्था (जन्म से 6 वर्ष तक) प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाली यह अवस्था विकास की पहली सीढ़ी है। जन्मोपरान्त यह शुरू होती है और 6 वर्ष तक चलती है। विकास की दृष्टि से यह बहुत ही महत्वपूर्ण अवस्था है। इसका कारण यह है कि…

विकास की अवस्थाएँ | विकास अवस्थाओं का शैक्षिक महत्त्व

विकास की अवस्थाएँ | विकास अवस्थाओं का शैक्षिक महत्त्व विकास की अवस्थाएँ व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन काल को “विकास की अवस्था” कह सकते हैं। विकास की अवस्था कई हैं। यदि ऐसा कहा जाता है तो वहाँ अवस्था का तात्पर्य विभिन्न सोपान से है जो कुछ कालान्तर में पाए जाते हैं। इन अवस्थाओं का विभाजन कई…

विकास के सिद्धान्त | अभिवृद्धि और विकास का शैक्षिक अभिप्राय | अभिवृद्धि और विकास का शैक्षिक महत्त्व

विकास के सिद्धान्त | अभिवृद्धि और विकास का शैक्षिक अभिप्राय | अभिवृद्धि और विकास का शैक्षिक महत्त्व विकास के सिद्धान्त मनुष्य के विकास एवं वृद्धि पर ध्यान दें तो विदित होगा कि यह कुछ सिद्धान्तों पर आधारित होता है ये सिद्धान्त नीचे दिए जा रहे हैं जिनकी जानकारी शिक्षा मनोविज्ञान के अध्ययन करने वालों को…

विकास की सामान्य विशेषताएँ | विकास को प्रभावित करने वाले तत्व

विकास की सामान्य विशेषताएँ | विकास को प्रभावित करने वाले तत्व विकास की सामान्य विशेषताएँ मनुष्य के विकास के विभिन्न पहलू होते हैं, फिर भी उन सभी को ध्यान से देखने पर कुछ सामान्य विशेषतायें उनमें पाई जाती हैं। इन विशेषताओं को नीचे दिया जा रहा है- विकास एक प्रतिदर्श का अनुसरण करता है- प्राणी…

व्यक्ति का विकास | व्यक्ति की अभिवृद्धि | विकास का अर्थ | अभिवृद्धि का अर्थ | विकास के कारण | विकास के रूप

व्यक्ति का विकास | व्यक्ति की अभिवृद्धि | विकास का अर्थ | अभिवृद्धि का अर्थ | विकास के कारण | विकास के रूप व्यक्ति का विकास जीव के उत्पत्ति से सम्बन्धित सूचनाओं से ज्ञात होता है कि पुरुष (नर) और स्त्री (मादा) के संयोग से गर्भाधान की क्रिया होती है। जीव के गर्भस्थ होने पर…

भारतीय समाज का शिक्षा पर प्रभाव | शिक्षा के नवनिर्माण में समाज का योगदान | भारतीय समाज के पिछड़े वर्गों के लिए शिक्षा व्यवस्था

भारतीय समाज का शिक्षा पर प्रभाव | शिक्षा के नवनिर्माण में समाज का योगदान | भारतीय समाज के पिछड़े वर्गों के लिए शिक्षा व्यवस्था भारतीय समाज का शिक्षा पर प्रभाव- शिक्षा का तात्पर्य उस सामाजिक प्रक्रिया से है जिसके द्वारा व्यक्ति समाज के पर्यावरण के प्रति क्रिया व प्रतिक्रिया, समायोजन और प्रत्यायोजन करता है, एक…

समाजीकरण व्यक्ति को मनुष्य में बदलने की प्रक्रिया | विद्यालय समाजीकरण का एक अभिकरण | शिक्षा समाजीकरण की प्रक्रिया के रूप में

समाजीकरण व्यक्ति को मनुष्य में बदलने की प्रक्रिया | विद्यालय समाजीकरण का एक अभिकरण | शिक्षा समाजीकरण की प्रक्रिया के रूप में समाजीकरण व्यक्ति को मनुष्य में बदलने की प्रक्रिया व्यक्ति जन्म के समय तक प्राकृतिक जीव या प्राणी होता है। शैशवावस्था से आगे वह धीरे-धीरे विभिन्न बातों को सीखता एवं ग्रहण करता है। ज्यों-ज्यों…

समाजीकरण की प्रक्रिया के रूप में शिक्षा | समाजीकरण का तात्पर्य | समाजीकरण का स्वरूप | समाजीकरण की प्रक्रियाएँ | समाजीकरण संस्कृति-संक्रमण की प्रक्रिया

समाजीकरण की प्रक्रिया के रूप में शिक्षा | समाजीकरण का तात्पर्य | समाजीकरण का स्वरूप | समाजीकरण की प्रक्रियाएँ | समाजीकरण संस्कृति-संक्रमण की प्रक्रिया समाजीकरण की प्रक्रिया के रूप में शिक्षा   मानव प्राणी का जन्म एक सामाजिक प्रक्रिया का परिणाम होता है। माता और पिता के सहयोग से बालक का जन्म होता है, वस्तुतः यह…