भारतीय दर्शन का तात्पर्य | दर्शन का अर्थ | फिलॉसफी से दर्शन की भिन्नता | भारतीय आदर्शवाद

भारतीय दर्शन का तात्पर्य | दर्शन का अर्थ | फिलॉसफी से दर्शन की भिन्नता | भारतीय आदर्शवाद भारतीय दर्शन का तात्पर्य भारत प्राचीन काल से ही चिन्तन-मनन में बहुत आगे रहा है और इस कारण यहाँ चिन्तन की अजस्र धारा बहती रही। आज भी भारतीय चिन्तन-धारा का प्रवाह रुका नहीं है यधपि उसकी शैली और…

शिक्षा में यथार्थवाद | यथार्थवाद के अनुसार शिक्षा का तात्पर्य | यथार्थवाद के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य

शिक्षा में यथार्थवाद | यथार्थवाद के अनुसार शिक्षा का तात्पर्य | यथार्थवाद के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य शिक्षा में यथार्थवाद शिक्षा के क्षेत्र में आदर्शवाद, प्रकृतिवाद एवं प्रयोजनवाद के समान ही यथार्थवाद का भी प्रयोग हुआ है और इस दार्शनिक विचारधारा ने शिक्षा के अर्थ, उद्देश्य, विधि, पाठ्यक्रम, अनुशासन, शिक्षक, शिक्षार्थी एवं शिक्षालय को अच्छी…

यथार्थवाद की विशेषताएँ | यथार्थवाद के सिद्धान्त

यथार्थवाद की विशेषताएँ | यथार्थवाद के सिद्धान्त यथार्थवाद की विशेषताएँ दार्शनिकों के द्वारा यथार्थवाद की कुछ विशेषताएँ बताई गई हैं जिन्हें हम यहाँ दे रहे हैं:- (i) प्रत्यक्ष जगत की सत्यता में विश्वास- यथार्थवादी प्रो० रॉस के शब्दों से सहमत हैं, “ऐ आदर्शवादियों, तुम्हारा कथन सत्य नहीं है। संसार विचार कदापि नहीं हो सकता है।…

यथार्थवाद | यथार्थवाद का तात्पर्य | शिक्षा में यथार्थवाद | यथार्थवाद के रूप | यथार्थवाद के विभिन्न प्रकार

यथार्थवाद | यथार्थवाद का तात्पर्य | शिक्षा में यथार्थवाद | यथार्थवाद के रूप | यथार्थवाद के विभिन्न प्रकार यथार्थवाद पिछले अध्यायों में आदर्शवाद, प्रकृतिवाद के दर्शनों पर विचार किया गया है। आदर्शवाद का दर्शन विचार जगत एवं उसकी वस्तु पर ध्यान केन्द्रित करता है और इन्हें ही वास्तविक मानता है-‘ब्रह्म एवं सत्यं जगत् मिथ्या’ ।…

प्रयोजनवाद के शिक्षा का उद्देश्य | शिक्षा में प्रयोजनवाद | प्रयोजनवाद के अनुसार शिक्षा का अर्थ

प्रयोजनवाद के शिक्षा का उद्देश्य | शिक्षा में प्रयोजनवाद | प्रयोजनवाद के अनुसार शिक्षा का अर्थ प्रयोजनवाद के शिक्षा का उद्देश्य परम्परागत शिक्षा के सम्बन्ध में प्रो० डीवी ने लिखा है कि परम्परागत शिक्षा का लक्ष्य दूरस्थ भविष्य की तैयारी होता है परन्तु यह अपूर्ण है। इसलिए पुराना सत्य, मूल्य, विश्वास ग्रहण करना आज उपयुक्त…

प्रयोजनवाद की विशेषताएँ | प्रयोजनवाद के प्रकार | प्रयोजनवाद के सिद्धान्त

प्रयोजनवाद की विशेषताएँ | प्रयोजनवाद के प्रकार | प्रयोजनवाद के सिद्धान्त प्रयोजनवाद की विशेषताएँ प्रयोजनवाद, प्रयोगवाद, व्यावहारिकतावाद, फलवाद या फलकवाद अथवा साधनवाद किसी भी नाम से इस दर्शन को हम पुकारें फिर भी इस दर्शन में कुछ अपनी विशेषताएँ मिलती हैं। जिन पर विचारकों ने अपनी दृष्टि डाली है। इन विशेषताओं को जानकर हम प्रयोजनवाद…

शिक्षा में प्रयोजनवाद | प्रयोजनबाद का तात्पर्य | भारतीय परिप्रेक्ष्य में प्रयोजनवाद का तात्पर्य | प्रयोजनवादी शिक्षा की विशेषताएँ

शिक्षा में प्रयोजनवाद | प्रयोजनबाद का तात्पर्य | भारतीय परिप्रेक्ष्य में प्रयोजनवाद का तात्पर्य | प्रयोजनवादी शिक्षा की विशेषताएँ आधुनिक युग में विज्ञान का विकास जोरों से होने लगा जिससे लोग हरेक क्रिया को कारण परिणाम की दृष्टि से देखने लगे। प्रकृतिवाद एवं भौतिकवाद में भी यह दृष्टिकोण दिखाई देती है। अतएवं आज के भौतिकवादी…

अस्तित्ववाद की मूलभूत मान्यताएँ | अस्तित्ववादी दर्शन की विशेषताएँ | अस्तित्ववाद के सिद्धान्त

अस्तित्ववाद की मूलभूत मान्यताएँ | अस्तित्ववादी दर्शन की विशेषताएँ | अस्तित्ववाद के सिद्धान्त अस्तित्ववाद की मूलभूत मान्यताएँ विभिन्न अस्तित्ववादियों के विचारों से हम उसकी मूलभूत मान्यताएँ प्राप्त करते हैं जिन्हें नीचे दिया जाता है :- (अ) सारतत्व से पहले अस्तित्व है (सार्त्र)। सारतत्व (एसेन्स) नित्य नहीं है। उसका निर्धारण मानव रुचि और चयन से होता…

अस्तित्ववाद का तात्पर्य | शिक्षा में अस्तित्ववाद | भारतीय और पाश्चात्य दृष्टि से अस्तित्ववाद का तात्पर्य | अस्तित्ववाय के अनुसार दर्शन का तात्पर्य | अस्तित्ववाद की मूलभूत मान्यताएँ

अस्तित्ववाद का तात्पर्य | शिक्षा में अस्तित्ववाद | भारतीय और पाश्चात्य दृष्टि से अस्तित्ववाद का तात्पर्य | अस्तित्ववाय के अनुसार दर्शन का तात्पर्य | अस्तित्ववाद की मूलभूत मान्यताएँ पिछले अध्यायों में हमने चार प्रमुख शिक्षा-दर्शन सम्प्रदायों के विषय में अध्ययन किया है। इन शिक्षा दर्शनों में एक विशेष बात पाई जाती रही जिससे कि ये…