अनुसंधान क्रियाविधि / Research Methodology

प्रश्नावली का अर्थ | प्रश्नावली की प्रमुख विशेषतायें | प्रश्नावली के विभिन्न प्रकार या रूप | प्रश्नावली निर्माण हेतु आवश्यक बातें | एक अच्छी प्रश्नावली के लक्षण

प्रश्नावली का अर्थ | प्रश्नावली की प्रमुख विशेषतायें | प्रश्नावली के विभिन्न प्रकार या रूप | प्रश्नावली निर्माण हेतु आवश्यक बातें | एक अच्छी प्रश्नावली के लक्षण | Meaning of Questionnaire in Hindi | Salient Features of the Questionnaire in Hindi | Different Types or Forms of Questionnaires in Hindi | Requirements for the preparation of the questionnaire in Hindi | Characteristics of a good questionnaire in Hindi

प्रश्नावली का अर्थ

(Meaning of Questionnaire)

प्रश्नावली प्रश्नों की उस सूची को कहते हैं जिसे शोधकर्ता डाक द्वारा अध्ययन के लिये चयनित व्यक्तियों को भेजता है और जिसके आधार पर उनसे उत्तर लेने होते हैं। इसकी कुछ परिभाषायें निम्नलिखित हैं-

(1) लुण्डबर्ग (Lundberg) के अनुसार- “प्रश्नावली प्रेरणाओं का एक समूह है जिसे शिक्षित व्यक्तियों के समक्ष उन प्रेरणाओं के अन्तर्गत उनके मौलिक व्यवहार का अवलोकन करने हेतु प्रस्तुत किया जाता है।”

(2) बोगार्डस (Bogardus) के अनुसार –“प्रश्नावली विभिन्न व्यक्तियों को उत्तर प्रस्तुत करने के लिये सौंपी गयी प्रश्न तालिका है।”

(3) पोप (Pope) के अनुसार, “प्रश्नावली को प्रश्न-समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसका उत्तर सूचनादाता को बिना किसी अनुसंधानकर्त्ता की सहायता के देना होता है।”

प्रश्नावली की प्रमुख विशेषतायें

(Characteristics of Questionnaire)

प्रश्नावली की मुख्य विशेषतायें अग्रलिखित हैं-

(1) प्रश्नों की सूची (Set of Questions)- प्रश्नावली उद्देश्यपूर्ण प्रश्नों की एक सूची है जो एक पत्र पर छपी होती है।

(2) सूचनादाता पर निर्भर (Depending Upon the Informant)- सूचनादाता से प्राप्त सूचनायें ही सत्य मान ली जाती हैं।

(3) सूचनादाता से सम्पर्क न होना (Lack of Contact with the informant)- शोधकर्ता का सूचनादाता से प्रतयक्ष सम्पर्क नहीं होता।

(4) डाक-व्यवस्था (Mail System)- प्रश्नों की सूची स्थानीय स्तर पर व्यक्तिगत रूप से पहुंचायी जाती है, किन्तु दूर के लिये डाक द्वारा ही भेजी जाती है।

(5) केवल पत्रों से सम्पर्क (Contact by Mail only)- प्रश्नावली पद्धति में शोधकर्ता और सूचनादाता के मध्य विचारों का आदान-प्रदान पत्र द्वारा ही होता है।

(6) विस्तृत क्षेत्रों के लिये सहायक प्रणाली (Helpful Method in Wide Area) – प्रश्नावली प्रणाली विस्तृत क्षेत्रों में बिखरे लोगों से सूचना प्राप्त करने की एक सफल प्रणाली है।

(7) व्यक्तिगत पत्र की व्यवस्था (System of Personal Letter)- प्रश्नावली के साथ ही शोधकर्ता सूचनादाता को एक व्यक्तिगत पत्र भी भेजता है जिसमें सहयोग के लिये प्रार्थना करता है।

(8) अनुगामी पत्र की व्यवस्था (System of Reminder)- प्रश्नावली भेजने के बाद यदि उत्तरदाता से कोई उत्तर प्राप्त न हो तो उसे एक अनुगामी पत्र भेजता है जिसमें प्रश्नावली को भरकर भेजने की प्रार्थना की जाती है।

(9) शिक्षित सूचनादाताओं का अध्ययन (Study of Literate Respondents) – प्रश्नावली में प्रश्नों के उत्तर स्वयं सूचनादाताओं द्वारा भरे जाते हैं इसलिये उनका शिक्षित होना आवश्यक होता है।

(10) व्याख्या पत्र (Explanatory Note) – सामान्यतया प्रश्नावली के साथ-साथ सूचनादाताओं से उत्तर भेजने की प्रार्थना के आशय का एक व्याख्या पत्र संलग्न होता है।

प्रश्नावली के विभिन्न प्रकार या रूप

(Various Types of Questionnaires)

प्रश्नावली के निम्नलिखित विभिन्न रूप हैं-

(1) सूचनाओं के आधार पर (On the Basis of Information) : लुण्डबर्ग की राय में सूचनाओं के आधार पर दो प्रकार की प्रश्नावलियाँ तैयार की जाती हैं- (i) प्रथम, तथ्य सम्बन्धी सामग्री को एकत्रित करने वाली प्रश्नावली और (ii) द्वितीय, सूचनादाताओं के विचार और मनोवृत्ति का ज्ञान प्राप्त करने वली प्रश्नावली।

(2) संरचना के आधार पर (On the Basis of Structure) : श्रीमती यंग ने इनका विभाजन निम्नलिखित प्रकार से किया है-

(i) संरचित प्रश्नावली (Structured Questionnaire)- शोधकर्ता प्रश्नावली का निर्माण अनुसंधान कार्य आरम्भ करने से पूर्व कर लेता है। ऐसी प्रश्नावली संरचित कहलाती है।

(ii) असरंचित प्रश्नावली (Non-Structured Questionnaire) – इसमें शोधकर्ता पहले से किसी प्रश्नावली का निर्माण नहीं करता बल्कि इसके निर्माण का कार्य अनुसंधान में प्रगति के साथ-साथ चलता है।

(3) प्रश्नों की प्रकृति के आधार पर वर्गीकरण (Classification on the Basis of Nature of Questions) : प्रश्नों की प्रकृति के आधार पर प्रश्नावली को निम्नलिखित चार वर्गों अथवा श्रेणियों में रखा जा सकता है-

(i) समित प्रश्नावली (Restricted Questionnaire)- बन्द या सीमित प्रश्नावली में अनुसंधानकर्ता सूचनादाता की सुविधा के लिये प्रश्नावली के प्रश्नों के सम्मुख उनके सम्भावित कई उत्तर भी लिख देता है। उत्तरदाता इन्हीं में से किसी एक का चयन करता है। उसे उत्तर देने की सम्पूर्ण स्वतन्त्रता नहीं मिलती।

(i) अप्रतिबंधित प्रश्नावली (Unrestricted Questionnaire) – इस प्रश्नावली के द्वारा प्रायः व्यक्तियों का स्वतन्त्र मत ज्ञात किया जाता है। उन्हें उत्तर देने की पूर्ण स्वतन्त्रता होती है।

(ii) चित्रमय प्रणाली (Picturesque Questionnaire) – इसमें प्रश्नों के सम्भावित उत्तर चित्रों द्वारा प्रदर्शित किये जाते हैं। उत्तरदाता किसी एक चित्र पर स्वविवेक से, सही का चिन्ह‌अंकित कर देता है। ऐसी प्रश्नावली प्रायः बच्चों और अशिक्षित व्यक्तियों से सूचना प्राप्त करने के लिये प्रयुक्त असीमित होते हैं।

(iii) मिश्रित प्रश्नावली (Mixed Questionnaire)- इस प्रश्नावली में कुछ प्रश्न सीमित और असीमित होते हैं।

प्रश्नावली निर्माण हेतु आवश्यक बातें | एक अच्छी प्रश्नावली के लक्षण

(Ingredients of Questionnaire Construction)

एक अच्छी प्रश्नावली के निर्माण में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है-

(1) विषय का विश्लेषण (Analysis of the Subject)- शोधकर्ता सबसे पहले अध्ययन के विषय का पूर्ण सावधानी से विश्लेषण करे।

(2) स्पसष्ट और सरल प्रश्न (Clear and Easy Questions)- प्रश्न स्पष्ट तथा सरल हों जिससे प्रत्येक सूचनादाता इन्हें वांछित अर्थ में समझ सके।

(3) उचित क्रम (Proper Order) – प्रश्नावली में आन्तरिक सम्बद्धता हेतु प्रश्नों को व्यवस्थित या उचित क्रम में रखना चाहिये।

(4) सीमित-पृष्ठ प्रश्नावली (Limited-Pages Questionnaire)- प्रश्नावली में सीमित किन्तु महत्वपूर्ण प्रश्न हों जिससे प्रश्नावली सीमित पृष्ठों में तैयार की जा सके। छपायी इतनी आर्कषक हो कि उत्तरदाता उत्तर देने के प्रति आकर्षित हो।

(5) रहस्यपूर्ण प्रश्नों से बचाव (To Avoid Mystic Questions)- सूचनादाता के व्यक्तिगत जीवन से सम्बन्धित रहस्यपूर्ण प्रश्नों को न पूछा जाये क्योंकि इससे वह पक्षपातपूर्ण हो सकता है।

(6) सीधे उत्तर वाले प्रश्न Questions of Direct Replies) – प्रश्नावली में ऐसे वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या अधिक रखनी चाहिये जिनके उत्तर सीधे ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में प्राप्त हो सकें। ऐसे प्रश्नों की सांख्यिकीय विवेचना की जा सकती है।

(7) केवल उपयोगी प्रश्नों का प्रयोग (Use of Useful Questions Only)- शोधकर्ता विशेषज्ञों से परामर्श कर प्रश्नावली में केवल उपयोगी प्रश्नों का ही समावेश करे।

(8) उपयुक्त भाषा (Proper Language)- प्रश्नों की भाषा दो अर्थ बताने वाली न हों उत्तरदाता प्रश्नों को उसी रूप में समझ सके जिस रूप में वे पूछे गये हैं।

(9) क्रम (Order) – प्रश्नों का क्रम सामान्य से विशिष्ट तथा सरल से जटिल की ओर होना चाहिये। इनकी रचना मनोवैज्ञानिक ढंग से की जाये।

(10) अवकाश के दिन का सदुपयोग (Use of the Holidays)- प्रश्नावली सूचनादाता के पास उसके अवकाश के दिन से एक दिन पूर्व पहुँचनी चाहिये जिससे कि बिना किसी जल्दबाजी या दबाब के वह उत्तर लिख सके।

(11) सही पता (Contact Address)- प्रश्नावली भेजने से पहले पते की जाँच कर लेनी चाहिये। यह सही होना चाहिये।

(12) जबाबी लिफाफे का प्रयोग (Use of Stamped Envelope)- शीघ्र उत्तर प्राप्ति हेतु टिकट लगा जवावी लिफाफा सूचनादाता के पास प्रश्नावली के साथ ही भेज देना चाहिये।

(13) प्रयोजनों का वर्णन (Description of the Objectives)- प्रश्नावली के साथ सूचनादाता के पास एक ऐसा पत्र भी भेजना चाहिये जिसमें कार्य के प्रयोजनों का संक्षिपत व्यौरा दिया गया हो। इससे सूचनादाता के मन की शंकायें दूर हो जाती हैं।

(14) प्रश्नों की पूर्व जाँच (Scrutiny of the Questions)- प्रश्नावली के प्रश्नों की पूर्व जाँच कर ली जाये।

(15) अनुभागी पत्र (Reminders)- यदि निर्धारित समय पर प्रश्नावली का उत्तर प्राप्त न हो तो शोधकर्ता अनुगामी पत्र भेज कर सूचनादाता से शीघ्र उत्तर भेजने की प्रार्थना करे।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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