अनुसंधान क्रियाविधि / Research Methodology

सहभागी अनुसंधान तकनीक के गुण – इन 21 गुणों के बारे में जाने (Properties of participatory research techniques in Hindi)

सहभागी अनुसंधान तकनीक के गुण (Properties of participatory research techniques in Hindi)

Table of Contents

सहभागी अनुसंधान तकनीक के गुण

सहभागी अनुसंधान (सहभागी अनुसंधान तकनीक के गुण में अग्रलिखित गुण पाये जाते हैं-

  1. सूचनादाताओं से संबंध स्थापना

सहभागी अनुसंधान में एक अनुसंधान कर्ता को अपने सूचनादाताओं से संबंध स्थापित करना पड़ता है। बिना संबंध स्थापन के एक सहभागी अनुसंधान कर्ता अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल नहीं हो सकता है। संबंध स्थापन के आधार पर एक अनुसंधान कर्ता सूचनादाताओं के बीच अपनी सहभागिता दर्शा पाता है तथा सहभागी अनुसंधान करने में सफल होता है। अतः सूचनादाताओं से संबंध स्थापन सहभागी अनुसंधान का एक प्रमुख गुण है। संबंध स्थापन के द्वारा एक सहभागी अनुसंधान कर्ता बेहिचक अपने सूचनादाताओं से सब कुछ जान पाने में सफल होता है।

  1. सूचनादाताओं के सुख-दुःख में भागीदारी

एक सहभागी अनुसंधानकर्ता को अपने अध्ययन समूह के सदस्यों द्वारा अपने समाज के सदस्य के रूप में मान्यता प्राप्त हो जाती है। अनुसंधानकर्ता एवं सूचनादाता के बीच की दूरी समाप्त हो जाती है। इनके बीच अपनापन का भाव विकसित हो जाता है। सूचनादाताओं द्वारा अनुसंधानकर्ता की भावना की कद्र की जाती है। तथा अनुसंधानकर्ता भी सूचनादाताओं की भावनाओं का आदर करता है। दोनों एक दूसरे के सुख-दुःख के भागीदार भी बन जाते हैं। ऐसे घनिष्ठ संबंधों का लाभ एक सहभागी अनुसंधान कर्ता को प्राप्त होता है।

  1. प्राकृतिक व्यवहार का अध्ययन

सहभागी अनुसंधान में सूचनादाताओं एवं शोधकर्ता के बीच संकोच का भाव खत्म हो जाता है। अतः शोधकर्ता एवं सूचनादाता एक-दूसरे से बीना हिचक के बातचीत करते हैं । ऐसी स्थिति में एक अनुसंधानकर्ता अपने सूचनादाताओं के प्राकृतिक व्यवहार का अनुसंधान करने में सफल होता है। सूचनादाताओं के प्राकृतिक व्यवहार का अध्ययन अन्य मानवशास्त्रीय शोध तकनीक से संभव नहीं है। अन्य मानवशास्त्रीय तकनीक के प्रयोग में सूचनादाता तथा अनुसंधान कर्ता के बीच दूरी बनी रहती है। सूचनादाता अनुसंधान कर्ता को जवाब देते समय बिल्कुल सतर्क रहता है। अतः सूचनादाताओं के प्राकृतिक व्यवहार का अध्ययन संभव नहीं हो पाता है।

सहभागी अनुसंधान क्या है (What is participatory research in Hindi) सहभागी अनुसंधान के प्रकार

  1. सामाजिक किया कलापों का अध्ययन

एक सहभागी अनुसंधान कर्ता अपने सूचनादाताओं के समाज का अभिन्न अंग बन जाता है। सूचनादाताओं के समाज का सदस्य होने के कारण एक सहभागी अनुसंधान कर्ता उस समाज के किया-कलापों में भाग लेने लगता है तथा उस समाज के किया-कलापों का अध्ययन करने में सफल होता है वह दिन-रात उस समाज के बीच रहता है जिसका वह अध्ययन करता है। वह इस तथ्य का अनुसंधान करने में सफल होता है कि किस प्रकार उस समाज में विभिन्न प्रकार के सामाजिक कियाकलापों का निर्वहन किया जाता है। एक अनुसंधानकर्ता उस समाज की विभिन्न संस्थाओं तथा उसके प्रकार्य को समझने में सफल होता है।

  1. सामाजिक संबंधों का अध्ययन

एक सहभागी अनुसंधानकर्ता तथा सूचनादाताओं के बीच भावनात्मक संबंध का विकास होता है। वह सूचनादाताओं के साथ संबंध विकसित कर लेता है। साथ ही साथ वह उस समाज के विभिन्न व्यक्तियों के बीच प्रचलित सामाजिक संबंध से अवगत होता है। वह परिवार, वंश, गोत्र तथा ग्राम समुदाय में प्रचलित सामाजिक संबंधों को बहुत नजदीक से देखता है तथा सामाजिक सच्चाई से अवगत होता है।

  1. सामाजिक समस्या की जानकारी

एक सहभागी अनुसंधानकर्ता उन लोगों के समाज में जाकर रहता है जिसका वह अध्ययन करता है। वह उस समाज का एक सदस्य बन जाता है। अतः वह उस समाज की विभिन्न समस्याओं से अवगत होता है। वह उन समस्याओं से संबंधित सच्चाई को जानने में सफल होता है।

  1. बातचीत की सुविधा

सहभागी अनुसंधान में एक अनुसंधानकर्ता हमेशा सूचनादाताओं के मध्य रहता है। अतः वह सूचनादाताओं से हमेशा सूचना प्राप्त करने की स्थिति में रहता है। वह बिना हिचक किसी सूचनादाता से बातचीत कर लेता है। इस सुविधा के कारण एक शोधकर्ता अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में जल्द सफल हो जाता है।

  1. समस्याओं के समाधान के उपाय

एक सहभागी अनुसंधानकर्ता केवल अपने सूचनादाताओं के समाज की समस्याओं से ही अवगत नहीं होता है, बल्कि वह उस समाज की समस्याओं को सुलझाने में भी सहायक होता है। उस समाज के सदस्य अनुसंधानकर्ता के ऊपर भरोसा करने लगते हैं तथा अपनी विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान में उसकी मदद लेते हैं। समस्याओं को सुलझाकर एक सहभागी अनुसंधानकर्ता अपनी स्थिति और मजबूत कर लेता है तथा सूचनादाताओं से सूक्ष्म जानकारी प्राप्त कर लेता है।

  1. अंतर्दृष्टि का विकास

सहभागी अनुसंधानकर्ता सूचनादाताओं के समाज में दिन-रात रहता है। अतः वह उस समाज की सच्चाई के बारे में उसके मस्तिष्क में एक अंतरदृष्टि का विकास होता है। उसी अंतर्दृष्टि के आधार पर वह सामाजिक सच्चाई का विवरण प्रस्तुत करता है।

  1. सूक्ष्म से सूक्ष्म घटनाओं की जानकारी

क्योंकि एक सहभागी अनुसंधानकर्ता अपने सूचनादाताओं के साथ-साथ रहता है, अतः बह उस समाज के सूक्ष्म से सूक्ष्म घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सफल होता है वह कुछ वैसी सामाजिक घटनाओं के संबंध में भी जानकारी प्राप्त कर लेता है जिसे समाज के सदस्य एक अनजान व्यक्ति के सामने प्रकट नहीं होने देना चाहते हैं। लेकिन सहभागी अनुसंधान में अनुसंधानकर्ता तथा सूचनादाता के बीच संकोच समाप्त हो जाता है। यही कारण है कि एक सहभागी अनुसंधानकर्ता सूक्ष्म से सूक्ष्म घटनाओं की जानकारी प्राप्त करने में सफल होता है।

  1. ज्यादा सत्य सूचनाओं का संकलन

एक सहभागी अनुसंधानकर्ता सूचनादाताओं के प्राकृतिक व्यवहार तथा सामाजिक सच्चाई को प्रत्यक्ष रूप से देखने में सफल होता है। अतः वह ज्यादा सत्य सूचनाओं को संकलित करने में सफल होता है।

  1. परम्पराओं एवं रीति- रिवाजों का गहराई से अध्ययन

एक सहभागी अनुसंधानकर्ता उस समाज की परम्पराओं एवं रीति-रिवाजों को गहराई से अध्ययन करने में सफल होता है। क्योंकि वह रीति-रिवाजों में भाग लेकर उसका कमबद्ध ढंग से शोध करता है। अतः वह सामाजिक सच्चाई की गहराई तक पहुँच पाने में सफल होता है।

सहभागी अनुसंधान तकनीक के गुण – इन 21 गुणों के बारे में जाने (Properties of participatory research techniques in Hindi)

  1. सूचनादाताओं से स्पष्टीकरण की सुविधा

क्योंकि एक सहभागी अनुसंधानकर्ता सूचनादाताओं के सम्पर्क में रहता है, अतः वह किसी भी विषय पर सूचनादाताओं से स्पष्टीकरण प्राप्त करने में सफल होता है। वह स्पष्टीकरण के आधार पर सामाजिक सच्चाई को अच्छे ढंगसे समझ पाता है।

  1. समाजीकरण प्रकिया की जानकारी

एक सहभागी अनुसंधानकर्ता समाज के सदस्य के रूप में मान्यता मिलने के कारण समाजीकरण प्रक्रिया को बहुत समीप से देख तथा समझ पाता है। वह समाज के विभिन्न सदस्यों के व्यवहार तथा सामाजिक गुण से परिचित होता है। वह यह भी बहुत आस-पास से देख पाता है कि किस प्रकार समाज में एक व्यक्ति को जीवन की एक अवस्था से दूसरी अवस्था में प्रवेश कराया जाता है।

  1. कूरीति तथा कुप्रथाओं के संबंघ में जानकारी

सहभागी अनुसंधानकर्ता समाज के बीच रहने का अवसर प्राप्त करता है। अतः वह उस समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार की कुरीतियों तथा कुप्रथाओं से परिचित होता है तथा सही जानकारी प्राप्त करने में सफल होता है। जैसे- डायन, कुदृष्टि, बाल विवाह इत्यादि ।

  1. संघर्श एवं सहयोग की जानकारी

समाज के बीच रहने के कारण एक सहभागी अनुसंधानकर्ता लाभप्रद स्थिति में रहता है। वह समाज में प्रचलित संघर्ष तथा सहयोग की प्रक्रियाओं से परिचित होता है तथा सामाजिक सहयोग एवं संघर्ष पर सामाजिक सच्चाई से के बीच रहने के कारण एक सहभागी अवगत होता है।

  1. प्रतियोगिता की जानकारी

प्रतियोगिता भी एक सामाजिक प्रक्रिया है तथा सभी समाज में प्रतियोगिता किसी न किसी रूप में पाई जाती है चूंकि एक सहभागी अनुसंधानकर्ता समाज के बीच रहता है तथा सामाजिक किया-कलापों का अंग बन जाता है, अतः उसे समाज में प्रचलित प्रतियोगिता प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त होती है।

  1. स्थानीय भाशा जानने में सहायक

एक सहमागी अनुसंधानकर्ता अपने सूचनादाताओं से काफी लंबे समय तक सम्पर्क में रहता है। अतः वह सूचनादाताओं से बातचीत करते-करते उनकी स्थानीय भाषा की जानकारी भी प्राप्त कर लेता है। स्थानीय भाषा का ज्ञान प्राप्त कर एक सहभागी अनुसंधानकर्ता अपने सहभागी अनुसंधान में विशेष सफलता प्राप्त करने में सफल होता है।

  1. कमबद्ध अनुसंधान में सहायक

एक सहभागी अनुसंधानकर्ता सूचनादाताओं के मध्य हमेशा रहता है। अतः वह सामाजिक सच्चाइयों का कमबद्ध शोध करने में सफल होता है। अगर उसे किसी प्रकार की समस्या का सामना करन पड़ता है, तब वह सूचनादाताओं से मिलकर उसे आसानी से दूर कर लेता है।

  1. स्थिर अभिलेखन में सहायक

सहभागी शोध एक शोधकर्ता को सामाजिक सच्चाई के स्थिर अभिलेखन में सहायक होता है। सहभागी अनुसंधानकर्ता धीरे-धीरे सभी सामाजिक सच्चाइयों का कमबद्ध शोध कर उसे लिखित रूप प्रदान करने में सफल होता है।

  1. शारीरिक भाषा के अध्ययन में सहायक

शारीरिक अंगों की गति के अध्ययन द्वारा सहभागी शोधकर्ता सूचनादाताओं की शारीरिक भाषा को समझ पाने में सफल होता है। जब कोई सहभागी अनुसंधानकर्ता सहभागी अनुसंधान करता है तो उसे विभिन्न प्रकार की तकनीकों का भी सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि सहभागी अनुसंधानकर्ता को समय व परिस्थति के अनुरूप तकनीकों का भी प्रयोग कर समस्या के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेता है।

इस प्रकार प्रकार उपरोक्त बिन्दुओं के माध्यम से आप लोग सहभागी अनुसंधान तकनीक के गुणों के बारे में जानकारी प्राप्त किया । जब कभी भी इस प्रकार के गुण आपके सामने प्रस्तुत होंगे तो आप लोग समझ सकते हैं कि वह तकनीक सहभागी अनुसंधान तकनीक है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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