संयुक्त राज्य अमेरिका में लोहा-इस्पात उद्योग | संयुक्त राज्य अमेरिका में लौह इस्पात उद्योग की अवस्थिति एवं विअथव का विवरण

संयुक्त राज्य अमेरिका में लोहा-इस्पात उद्योग | संयुक्त राज्य अमेरिका में लौह इस्पात उद्योग की अवस्थिति एवं विअथव का विवरण

संयुक्त राज्य अमेरिका में लोहा-इस्पात उद्योग

(Iron and Steel Industry of U.S.A.)

संयुक्त राज्य अमेरिका में लोहा-इस्पात उद्योग – उत्तरी अमेरिका में लोहे और इस्पात का पहला कारखाना सन् 1644 में स्थापित किया गया। इनमें लकड़ी का कोयला जलाया जाता था। इसके बाद स्यूरमकिल घाटी में तथा पेन्सिलवानिया के कोयला क्षेत्र में इसकी स्थापना हुई किन्तु कई कारणों से उद्योग का विस्तार पश्चिमी अप्लेशियन भागों में 19वीं सदी से ही अधिक हुआ है-

(1) यहाँ अप्लेशियन कोयला क्षेत्र मिलते हैं, जो पश्चिमी पेन्सिलवानिया से लेकर पूर्वी कैण्टकी तथा उत्तरी अलवामा तक फैले हैं। यहाँ विटूमिनस कोयला मिलता है।

(2) सुपीरियर झील के चारों ओर करोड़ों टन उत्तम श्रेणी का कच्चा लोहा मिलता है।

(3) इन सुविधाओं के अतिरिक्त झील मार्गों से सस्ते यातायात की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। जिससे भारी माल कम खर्चे में इस्पात केन्द्रों तक भेजा जा सकता है।

(4) झीलों के दक्षिण और पूरव में पर्यापत विशाल मैदान है जहाँ खेती की जाती है। यहाँ खेती के उपयोगी यन्त्रों की बड़ी माँग है।

(5) इन मैदानों में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस भण्डार जमे हैं। इस प्रकार की सुविधाएँ विश्व के किसी भी देश में नहीं पायी जाती। अतः इस भाग में विश्व की सबसे अधिक इस्पात उत्पादन की क्षमता उस क्षेत्र में पायी जाती है जिसके मीन बिन्दु पिट्सवर्ग, शिकागो, और बफैलो हैं।

उपर्युक्त राज्य अमेरिका के मध्य-पश्चिमी भाग में इस्पात के मुख्य क्षेत्र निम्न हैं-

(1) उत्तरी अप्लेशियन प्रदेश, पश्चिमी पेन्सलवानिया तथा पूर्वी ओहियों में फैला हुआ है। इस प्रदेश में लौह अयस्क झील क्षेत्र में प्राप्त होती है। ओहियों, मोनहेला, अलैघनी और माहोनिंग नदियों द्वारा सस्ती यातायात की सुविधाएं, उत्तरी अप्लेशियन से उच्च कोटि का कोयला, मध्यवर्ती पश्चिमी भाग में कृषि का विकास होने तथा पूर्वी भागों में औद्योगिक क्षेत्रों की निकटता के कारण बाजार की सुविधा आदि ने इस क्षेत्र को मुख्य उत्पादक बना दिया है। इस प्रदेश में दो क्षेत्र सम्मिलित हैं-

(अ) पिट्सबर्ग क्षेत्र विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र माना जाता है। पिट्सबर्ग क्षेत्र के कारखाने ओहियो, अलैघनी तथा मोनगहेला नदियों की घाटियों में पिट्सबर्ग से 65 किमी. के भीतर स्थित हैं।

(ब) यंग्सटाउन क्षेत्र के कारखाने शैननंगो तथा माहोनिंन नदियों की घाटियों में यंग्सटाउन से 48 किमी. के भीतर स्थित है। यह सम्मिलित प्रदेश संयुक्त राज्य के इस्पात उद्योग का सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र है जहाँ समस्त देश में 35 प्रतिशत लोहा और इस्पात तैयार किया जाता है। इस प्रदेश के मुख्य इस्पात केन्द्र पिट्सवर्ग, कारनेगी, एशलैण्ड, मिडलटन, आयरनटन, हंटिंगटन, वारेन, मोनहाउस, पोर्टमाउथ, शेरोन और जॉन्सटाउन हैं। इस क्षेत्र में ठोक कोक बनाने योग्य कोयला प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। लौह अयस्क सुपीरियर झोल से प्राप्त की जाती है।

(2) बड़ी झीलों का प्रदेश संयुक्त राज्य अमेरिका के इस्पात उद्योग का प्रमुख क्षेत्र है, जो ईरी, मिशीगन, ओप्टेरियों और सुपीरियर झीलों के सहारे फैला है। इन क्षेत्रों में इस उद्योग के स्थानीयकरण का मुख्य कारण जल यातायात की सस्ती और उन्नत सुविधाएँ होना है। झील मार्गों द्वारा लौह अयस्क और कोयला आसानी से इकट्ठा किया जा सकता है और इस्पात की वस्तुएँ देश के भीतरी भागों में वितरित की जा सकती हैं। इस क्षेत्र के तीन भाग हैं-

(अ) ईरी क्षेत्र बफैलो से टोलडो और डिट्रायट तक फैला है। इस क्षेत्र के मुख्य केन्द्र बफैली, ईरी, डिट्रायट, लारेन, वारेन, टोडललो और क्लीवलैण्ड हैं। इस क्षेत्र में न तो लौह- अयस्क मिलता है और न कोयला ही किन्तु चूना पत्थर अधिक मिलता है। सुपीरियर झील क्षेत्र द्वारा लौह-अयस्क और रेलमार्ग द्वारा उत्तरी अप्लेशियन से कोक प्रात किया जाता है।

(ब) किशीगन क्षेत्र के प्रमुख केन्द्र शिकासगो, गेरी, सेण्टलुई, मिलवाकी हैं। यहीं विश्व के सबसे बड़े दो इस्पात के कारखाने स्थापित हैं। इन क्षेत्रों में बढ़िया किस्म का लौह अयस्क चूना पत्थर मिलता है। कोयला उत्तरी अप्लेशियन क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है।

(ग) सुपीरियर झील के अति निकट की मैसाबी श्रेणी से प्रचुर मात्रा में अच्छा लोहा मिल जाता है। अप्लेशियन क्षेत्र से लौअते हुए जहाज यहाँ से काफी कोयला ले जाते हैं। यहाँ सस्ते जल यातायात की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां के प्रसिद्ध केन्द्र डुलूथ ओर सुपीरियर हैं।

(3) मध्य अटलाण्टिक तटीय प्रदेश मध्य मैसेचूसेट्स से लगाकर स्पैरो पाइण्ट तक फैला है। संयुक्त राज्य के अन्य इस्पात प्रदेशों की तुलना में इस प्रदेश में न लौह अयस्क ही मिलता है और न कोयला ही। लौह अयस्क स्पेन, ब्राजील, वेनेजुएला और कनाडा से तथा कोयला अप्लेशियन क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है। चूने का पत्थर स्थानीय रूप से पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। इस क्षेत्र के प्रधान केन्द्र तट के सहारे वाशिंगटन से बोस्टन तक फैले हैं। उल्लेखनीय केन्द्र वाल्टीमोर, हैरिसवर्ग, ट्रेण्टर, मोरसीविले, स्पैरो पाइण्ट, वैथेलहम, स्टललटन, फिलाडेन्फिया, बरसैस्टर और वाटरबरी हैं।

(4) दक्षिणी अप्लेशियन (अथवा अलवामा) प्रदेश अलबामा राज्य में फैला है। यहाँ कम्बरलैण्ड तथा दक्षिणी अलैघनी पठार से पूरव में उपलब्ध विशाल भण्डार से बिटूमिनस कोयला प्राप्त होता है। इस क्षेत्र में प्रसिद्ध केन्द्र बर्मिघम के चारों ओर 16 किमी. के क्षेत्र में चुने का पत्थर, लौह अयस्क और कोकिंग कोयला मिल जाता है। यहाँ श्रमिक सस्ते मिल जाते हैं, किन्तु यह क्षेत्र उत्तर की विशाल माँग के क्षेत्रों से दूर पड़ता है। यहाँ सबसे अधिक उत्पादन वर्जीनिया में होता है। इसके मुख्य केन्द्र बर्मिघम, फ्लोरेन्स, शारानुगा, ह्यस्टन, डॉगरफील्ड और वर्जीनिया है।

(5) पश्चिमी क्षेत्र- इस क्षेत्र में इस्पात उद्योग का विकास सामरिक कारणों से हुआ है। कालाराडो में प्यूब्लो, उटाहा में जनेवा, प्रशान्त तट पर सैनफ्रांसिस्को और लॉस एन्जेल्स प्रमुख केन्द्र हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के इस्पात केन्द्रों का विशिष्टीकरण इस प्रकार हैं-

(क) जलयान (Ships) न्यूयार्क, फिलाडेल्फिया, वाल्टीमोर, न्यूपोर्ट और विलिंगटन में बनाये जाते हैं।

(ख) मोटरगाड़ियाँ (Motor Cars) क्लीवलैण्ड, फिलाडेल्फिया, डिट्रायट इण्डियानापोलिस, कोनर्सविले न्यूयार्क लैशिंग, फ्लिंट, पोस्टिक, टोलडो और वफैलो में तैसार की जाती हैं।

(ग) इंजन (Engines) तथा बिजली की मशीनें (Electrical Machinery) न्यूयार्क, फिलाडेल्फिया, पिट्सवर्ग, शिकागो और मिलवाकी में बनायी जाती है।

(घ) कपड़ा बुनने की मशीनें (Weaving Machinery) वोल्टन, वरसैस्टर और फिलाडेल्फिया में बनायी जाती हैं।

(च) कृषि यन्त्र (Agricultural Instrument’s) शिकागो, इलिनीयोस और मिनियापोलिस में बनाये जाते हैं।

संयुक्त राज्य में लोहे तथा इस्पात उद्योग का अधिकतर उत्पादन देश के भीतर ही खप जाता है। यहाँ के सम्पूर्ण इस्पात उत्पादन का केवल 5 प्रतिशत के लगभग ही निर्यात होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि संयुक्त राज्य में स्वयं ही लोहे तथा इस्पात की वस्तुओं की बहुत बड़ी माँग रहती है। यहाँ का इस्पात जापान से महँगा पड़ता है एवं यहाँ पर श्रम लागत भी ऊँची रहती है।

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