सूचना एवं संचार तकनीकी का अर्थ

सूचना एवं संचार तकनीकी का अर्थ | आई.सी.टी. के शैक्षिक महत्व का वर्णन

सूचना एवं संचार तकनीकी का अर्थ
सूचना एवं संचार तकनीकी का अर्थ

सूचना एवं संचार तकनीकी का अर्थ | आई.सी.टी. के शैक्षिक महत्व का वर्णन | Meaning of Information and Communication Technology in Hindi | Describes the educational importance of I.T.C. in Hindi

सूचना एवं संचार प्रौद्यागिकी का सक्षिप्त रूप में आईसीटी (I. C. T.) कहा जाता है। सूचना व संचार प्रौद्योगिकी उन कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सूचना के पारेषण, संग्रहण, निर्मण, प्रदर्शन या आदान-प्रदान में काम आते हैं। सूचना व संचार प्रौद्योगिकी की इस व्यापक परिभाषा के तहत रेडियो, टीवी, वीडियो, डीवीडी, टेलीफोन (लैंडलाइन और मोबाइल फोन दोनों ही), सैलेलाइट प्रणाली, कम्प्यूटर और नेटवर्क हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर आदि सभी आते हैं, इसके अलावा इन प्रौद्योगिकी से जुड़ी जुई सेवाएं और उपकरण, जैसे-वीडियो कॉन्फ्रेसिंग, ई-मेल और ब्लॉग्स आदि भी आईसीटी के दायरे में आते हैं।

शैक्षिक तकनीकी एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी

सूचना क्रान्ति से समाज के सम्पूर्ण कार्यकलाप प्रभावित हुए हैं-धर्म, शिक्षा (e-learning), स्वास्थ्ये (e-health), व्यापार (e-commerce), प्रशासन, सरकार (e-governance), उद्योग, अनुसंधान व विकास, संगठन, प्रचार आदि सब के सब क्षेत्रों में कायापलट हो गया है। आज का समाज सूचना समाज कहलाने लगा है।

कुछ वर्षों से इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को शिक्षा के क्षेत्र में कैसे उपयोग किया जा सकता है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की सहायता से छात्र सब अब ई-पुस्तके, परीक्षा के नमूने वाले प्रश्न पत्र, पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र आदि देखने के साथ संसाधन व्यक्तियों, मेंटोर, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, व्यावसायिकों और साथियों से दुनिया के किसी भी कोने पर आसानी से संपर्क कर सकते हैं।

जब से सूचना और संचार प्रोद्योगिकी को एक शिक्षण माध्य के रूप में उपयोग किया गया है, इसने एक त्रुटिहीन प्रेरक साधन के रूप में कार्य किया है, इसमें वीडियों,, टेलिविजन, मल्टीमीडिया कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर का उपयोग शामिल है। इससे छात्र सीखने की प्रक्रिया में गहराई से जुड़ते हैं। नीचे हम कुछ क्षेत्रों को प्रस्तुत कर रहे हैं जिसके माध्यम से हम जान सकते हैं कि विद्यालयों और विश्वविद्यालयों की शिक्षा में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुये हैं।

आई. सी. टी. का शैक्षिक महत्व

आई. सी.टी. के शैक्षिक महत्व या उपयोगिता को निम्नतः स्पष्ट किया जा सकता है-

(1) दूरस्थ शिक्षा- हममें से अनेक लोग अपनी शिक्षा जारी रखना चाहते हैं किन्तु समय की सीमाओं के कारण पढ़ाई जारी रखना कठिन हो जाता है। इसलिए कई लोग और छात्र दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के माध्यम से पढ़ने का विकल्प अपनाते हैं, जिससे वे अपनी शिक्षा आराम से जारी रख सकें। अब छात्र विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों तथा विद्यालयों की वेबसाइट आसानी से देख कर वहां दिए जा रहे दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के बारे में जान सकते हैं और नवीनतम जानकारी ले सकते हैं।

(2) आभासी कक्षा कक्ष बृहस्पति- बृहस्पति का विकास, जो एक आभासी कक्षाकक्ष है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर द्वारा किया गया प्रयास है और यह सर्वाधिक जीवन्त सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पहल हैं। बृहस्पति एक वेब आधारित ई-अधिगम्यता कार्यक्रम है, जिससे अनुदेशक पाठ्यक्रम सामग्री द्वारा परिसर में अभिगम्यता बढ़ा सकते हैं, कक्षा की चंचाएं कर सकते हैं और वेब पर ही आकलन कर सकते हैं। इसे परिसर के बाहर और मेंटोर अभिगम्यता के लिए ई-अधिगम्यता सामग्री उपयोग करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एक खुले स्रोत वाला सॉफ्टवेयर है तथा इसे भी विश्वविद्यालय द्वारा उपयोग किया जा सकता है।

(3) शिक्षा ऋण- शिक्षा ऋण और इससे संबंधित जानकारी पाना एक समय अत्यन्त कठिन कार्य था, किन्तु अब इस क्षेत्र में सूचना और सचार पहलों की सहायता से शिक्षा ऋण पाने से संबंधित प्रक्रियाओं, सीमाओं और अन्य जानकारी में सम्बन्धित पूछताछ के उत्तर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

(4) परीक्षा के परिणाम– एक एसा समय था जब छात्र अपनी परीक्षा के परिणाम जानने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थाने भटकत रहते थे, तथापि, पिछले 10 वरषों से परीक्षा के परिणाम और विभिन्न शैक्षिक प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं के परिणाम जो अनेक मंडलो / संस्थानों / आयोगों (उदाहरण के लिए सी. बी. एस. ई., आई. सी. एस. ई. राज्य शिक्षा मंडल, यू. पी. एस. सी., कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), आईसीएआई, जीजीएसआईपीयू आदि) द्वारा आयोजित परीक्षाओं के परिणाम इंटरनेट पर आसानी से देखे जा सकते हैं। छात्रों या प्रत्याशियों को वेबसाइट में दिए गए उपयुक्त स्थान पर केवल अपना रोल नंबर लिखना होता है और परीक्षा का परिणाम/अंक सूची स्क्रीन पर आ जाती है। पिछले कुछ वर्षो से वेब पर परीक्षा का परिणाम सुविधाजनक रूप से देखने के लिए अत्यन्त लोकप्रिय हो गया है। वेब के अतिरिक्त ईं. मेल, एसएमएस (संक्षिप्त संदेश सेवा) और आईवीआरएस (अंतःक्रियात्मक वाणी प्रत्युत्तर प्रणाली) के जरिए भी परिणाम जाने जा सकते हैं।

(5) कक्षा I से XII एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें- छात्र और शिक्षक अब सभी विषयों की कक्षा I से XII तक की पाठ्यपुस्तकें डाउनलोड कर सकते हैं और उन्हें बाजार में नवीनतम अंक की उपलब्धता के लिए प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है। इसके अध्यायों को विषयवार रूप से मुद्रण योग्य पीडीएफ फार्मट में उपलब्ध कराया गया है तथा इसे किसी भी समय और कहीं से भी देखा और डाउनलोड किया जा सकता हे।

(6) छात्रवृत्ति की जानकारी- विभिन्न पृष्ठ भूमियों और वित्तीय स्थिति से आने वाले प्रतिभावान छात्रों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा अनेक छात्रवृत्तियों के कार्यक्रम तथा योजनाएं चलाई जाती हैं। प्रौद्योगिकी से अब छात्रों को योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षायें, जैसे-राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा, ओलंपियाड आदि के बारे में जानकारी और उसमें आवेदन ऑन लाइन कर दिया गया है।

(7) ऑनलाइन परीक्षा नमूने के प्रश्न – पत्र – एक समय था जब छात्रों को नमूने के प्रश्न-पत्र और सीबीसई परीक्षा की अंक योजनाएं आने की प्रतीक्षा करनी होती थी और वे बाजार से इन्हें खरीदते थे । अब यह स्थिति नहीं है, अब ऑनलाइन सीबीएसई के नमूना प्रश्न-पत्र आसानी से देखे जा सकते हैं, क्योंकि मूचना और संचार प्रौद्योगिकी से यह पहल की गई है। अनेक परीक्षाओं जैसे राष्ट्रीय ओलंपियाड नमूना प्रश्न- पत्र इस बात की जानकारी पाने के लिए आसानी से डाउनलोड किए जा सकते हैं । यह सुविधा राष्ट्रीय इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) द्वारा भी प्रदान की जा रही है।

(৪) विदेशी शिक्षा- यदि एक छात्र विदेश में पढ़ने की आंकाक्षा· रखता है तो अब निर्देश में पढ़ने के लिए सभी महत्वपूर्ण जानकारियों, सामान्य मार्गदर्शी सिद्धान्त, अंतर्राष्ट्य छात्रवृत्तियों की जानकारी नेट पर उपलब्ध है।

(9) ई-शिक्षण- ज्ञान एवं सूचना के इस युग में कार्यों के क्रियान्वयन का तरीका सूचना प्रौद्योंगिकी एवं संचार तकनीकी के कारण तेजी से बदल रहा है। इन परिस्थितियों में ज्ञान एवं दक्षता में तीव्र विकास की आवश्यकता महसूस की जा रही है। शिक्षण प्रक्रिया के रूप बदल रहे हैं, ई-शिक्षण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। रा.इ.सू.प्रौ.सं. शिक्षण के इस माध्यम का सर्व सुलभ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

 (10) ऑनलाइन प्रवेश परामर्श- भारत सरकार द्वारा विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों, जैसे-बी.ई., बी.आर्क, बी.फार्मा, एम. बी.ए., एम.सी.ए., एम.बी.बी.एस., बी. डी.एस., बी.एड., आदि में प्रवेश के लिए सूचनाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं।

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