उद्देश्य तथा मूल्य में अन्तर

उद्देश्य तथा मूल्य में अन्तर | इतिहास-शिक्षण के उद्देश्य

उद्देश्य तथा मूल्य में अन्तर | इतिहास-शिक्षण के उद्देश्य | Difference between purpose and value in Hindi | Objectives of teaching history in Hindi

उद्देश्य तथा मूल्य में अन्तर –

उद्देश्य एक चेतनशील एवं क्रियाशील अभिप्राय है जो कि सदैव हमारे समझ रहता है । इस लक्ष्य को प्राप्त करना हमारा मुख्य ध्येय रहता है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हम विभिन्न प्रकार के साधन जुटाते हैं। ये साधन वे मार्ग हैं जिनके द्वारा हम अपने उद्देश्य की प्राप्ति करते हैं। इस प्राप्ति के मार्ग में उद्देश्य सदैव हमारे सामने बना रहता है, परन्तु महत्व वह अनुभव या फल है जो कि हमें अपने उद्देश्य की प्राप्ति में प्राप्त होते हैं । उद्देश्य हमारा एक होता है, परन्तु उसकी प्राप्ति में हमें अनेक अनुभव प्राप्त हो सकते हैं। इस प्रकार उद्देश्य स्वयं में एक साध्य है तथा मूल्य (Values) प्रतिफल (Product) है ।

इतिहास शिक्षण के उद्देश्य (Aims of Teaching History)

प्रत्येक विषय के शिक्षण के उद्देश्यों का निर्धारण सामान्य शिक्षा के उद्देश्य के आधार पर किया जाता है और शिक्षा के उद्देश्यों का निर्धारण समाज, व्यक्ति, जीवन-दर्शन, देश की आवश्यकताओं आदि के अनुसार होता है। सामान्य शिक्षा के उद्देश्य की प्राप्ति किसी एक विषय के शिक्षण से सम्भव नहीं है, परन्तु इतिहास- शिक्षण इन उद्देश्यों की प्राप्ति में पर्याप्त मात्रा में सहायक है। इतिहास-शिक्षण के उद्देश्य विभिन्न कालों में विभिन्न रहे हैं। इन्हीं उद्देश्यों के अनुसार इसका रूप भी परिवर्तित हुआ ।

यहाँ इतिहास-शिक्षण के उद्देश्य को दिया जा रहा है, जो कि विभिन्न समयों पर विभिन्न व्यक्तियों ने प्रतिपादित किये-

(1) काल आगस्त मुलर के अनुसार इतिहास-शिक्षण के उद्देश्य

(i) बालकों की मानसिक शक्तियों का विकास करना ।

(ii) इतिहास के अध्ययन द्वारा वर्तमान सामाजिक वातावरण को स्पष्ट करना । दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि इतिहास शिक्षण द्वारा वर्तमान को स्पष्ट करना ।

(2) मिस ड्रमण्ड के द्वारा प्रतिपादित उद्देश्य

(i) छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का निर्माण करना |

(ii) बालकों में अन्तरराष्ट्रीय सद्भावना का विकास करना ।

(iii) बालकों में इतिहास के लिए रुचि उत्पन्न करना। यह कार्य वर्तमान को स्पष्ट करके किया जाय ।

(3) लिंडवुड चेंज (Lindwood Chase) के अनुसार उद्देश्य

(i) छात्रों को ऐतिहासिक विधि का ज्ञान कराना |

(ii) बालकों को सामाजिक वातावरण की प्रकृति से अवगत करना ।

(iii) छात्रों में इतिहास के लिए रुचि उत्पन्न करना ।

(iv) छात्रों में राष्ट्रप्रेम उत्पन्न करना ।

(v) छात्रों में समय-ज्ञान विकसित करते हुए स्थान तथा समय में सम्बन्ध स्थापित करना ।

(vi) छात्रों को इस बात से अवगत कराना कि ऐतिहासिक परिस्थितियों का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ।

(vii) अतीत की देनों का मूल्यांकन करना ।

(4) अमेरिकन ऐतिहासिक आयोग के अनुसार उद्देश्य

(i) छात्रों में सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना का विकास करना ।

(ii) छात्रों को इतिहास का ज्ञान इस भांति प्रदान किया जाय, जिससे उनमें अधोलिखित प्रकार के भाव उत्पन्न हो सकें-

(अ) सूचनाएँ कहाँ और किस प्रकार से प्राप्त की जायँ ।

(ब) प्रमाणों तथा पक्षपात को किस प्रकार जाँचा जाय।

(स) तार्किक सारांश या नियम किस प्रकार निर्मित किये जायें, तथा

(द) किस प्रकार तथ्यों का संगठन, विश्लेषण एवं तुलनात्मक अध्ययन किया जाय ।

(iii) मानव के समक्ष सामाजिक विकास में आने वाली कठिनाइयों से छात्रों को अवगत कराना ।

(5) सेकण्डरी स्कूलों के समुदायों द्वारा प्रतिपादित उद्देश्य

(i) इतिहास शिक्षण द्वारा बालकों में कहानियों के लिए प्रेम को सन्तुष्ट किया जाय ।

(ii) छात्रों की कल्पना-शक्ति को विकसित करना |

(iii) मानसिक शक्तियों को प्रशिक्षित करना ।

(iv) आर्थिक तथा राजनैतिक समस्याओं में Cause तथा Effect को पहचानने का प्रशिक्षण प्रदान करना।

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