जनसंख्या विस्फोट क्या है | जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण
जनसंख्या विस्फोट क्या है | जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण
भारत में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि (Rapid Growth of Population in India) (जनसंख्या विस्फोट क्या है ) –
जनसंख्या विस्फोट क्या है – भारतवर्ष में जनसंख्या वृद्धि के आँकड़े चौका देने वाले हैं, क्योंकि विश्व की लगभग 16.7% जनसंख्या अकेले भारत में निवास कर रही है, जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि में भारत में विश्व का केवल 2.4% भू-भाग है। देश में 6 लाख से अधिक गाँव व 512 से अधिक नगर व शहर हैं, जिनमें 1991 की जनगणना के अनुसार 84.6 करोड़ जनसंख्या निवास कर रही थी। जो जनगणना 2001 में बढ़कर 1,02,70,15,247 हो गई है। इस प्रकार विश्व का प्रत्येक छठा व्यक्ति भारतीय नागरिक है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण
भारतवर्ष में जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
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ऊँची जन्म दर (Higher Birth Rate)-
भारतवर्ष की जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण जन्म दर का ऊँचा होना है। देश में 1991 ई0 में जन्म दर 29.5 प्रति हजार थी, जो 2010 ई0 तक घटकर 22.8 प्रति हजार हो पायी है।
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विवाह की अनिवार्यता (Compulsory Marriage) –
भारितवर्ष में जनसंख्या वृद्धि का सामाजिक कारण विवाह की अनिवार्यता है। इसी कारण देश में जन्म दर ऊँची है। चूँकि देश का प्रत्येक व्यक्ति जब विवाह बन्धन स्वीकार करता है, तो बच्चों का जन्म भी एक बाध्यता है। स्पष्ट है कि विवाह की अनिवार्यता जनसंख्या वृद्धि में योगदान देती है।
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बाल-विवाह की प्रथा (Custom of Child Marriage)-
भारतीय समाज म प्राचीन काल से बाल-विवाह प्रथा प्रचलित रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी 10 से 15 वर्ष के बच्चों की शादियों होती हैं। जबकि 15 वर्ष से 20 वर्ष के माध्य 60 प्रतिशत विवाह हो रहे हैं। बाल विवाहो से दीर्घकालीन दाम्पत्य जीवन में प्रजनन काल बढ़ जाता है, जिससे जनसंख्या में वृद्धि होती है, जबकि विकसित देशों में देर से विवाह के कारण जन्म दर कम रहती है। प्रसन्नता का विषय है कि अब भारतवर्ष के शिक्षित समाज में देर से विवाह को बल दिया जा रहा है।
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निर्धनता या निम्न जीवन स्तर (Poverty or Low Living Standard)
भारत में 43 प्रतिशत जनसंख्या निर्धन है। तेन्दुलकर रिपोर्ट- योजना आयोग के अनुसार भारत में 37.2 प्रतिशत लोग गरीब है, जिसमें 37 प्रतिशत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में 41.8 प्रतिशत लोग व शहर क्षेत्र में 25.7 प्रतिशत लोग गरीब हैं।
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मनोरंजन के साधनों की कमी (Lack of Recreative Sources)-
मानव समाज के लिए मनोरंजन एक आवश्यकता है, क्योंकि मनोरंजन के साधन जनसंख्या को नियंत्रित करते हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है।
भारत के शहरी क्षेत्रों में अधिकतम मनोरंजन के साथन केन्द्रित हैं, महंगे होने के कारण 60 प्रतिशत जनसंख्या तक सीमित हैं। जबकि स्वतंत्रता के 50 वर्षों बाद भी ग्रामीण क्षेत्र मनोरंजन के साधनों से शत-प्रतिशत दूर है।
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गर्म जलवायु (Hot Climate)-
भारतवर्ष की जनसंख्या में तीव्र वृद्धि का एक कारण गर्म जलवायु भी है, जो कम उम्र में ही क्षमता उत्पन्न कर देती है। नम व उष्ण जलवायु के अन्तर्गत कम उम्र में लड़का-लड़की परिपक्व हो जाते हैं। इसलिए बाल अवस्था में ही विवाह एक अनिवार्यता है। इसका प्रत्यक्ष प्रभाव जनसंख्या वृद्धि पर पड़ता है, जबकि ठण्डी जलवायु (Cold Climate) में प्रजनन क्षमता देर से उत्पन्न होने के कारण जन्म-दर कम रहती है, जैसे-इंग्लैण्ड, अमेरिका, कनाडा आदि।
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मृत्यु दर में कमी (Fall in Mortality Rate) –
भारत की मृत्यु-दर में आश्चर्यजनक कमी हुई है, स्वतंत्रता के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में विशेष सुधार हुआ है, फलतः बच्चे व महिलायें चिकित्सा सेवाओं के फलस्वरूप दीर्घ जीवन प्राप्त कर रहे हैं। सन् 1981 में मृत्यु दर 12.5 प्रतिशत थी जो 1991 ई0 में घटकर 9.8 प्रतिशत और वर्तमान 2010 ई0) तक घटकर 7.4 प्रतिशत प्रति हजार पहुँच चुकी है। Source : Economic Survey 2009-10, Ministry of Health Indian Govt Page 284.
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अशिक्षा (Illiteracy)-
भारतवर्ष में ऊँची जन्म दर का प्रमुख कारण अशिक्षा है, जिसके कारण परिवार-नियोजन जैसे कार्यक्रम असफल रहे हैं। जनगणना 2001 के अनुसार कुल साक्षर 64.84% है और उत्तर प्रदेश में साक्षरता 56.27 प्रतिशत है, जबकि वर्ष 1951 में साक्षरता मात्र 18.33 प्रतिशत थी। वहीं विकसित राष्ट्र अमेरिका 90% इंग्लैण्ड 95 प्रतिशत है। देशवासियों में अन्धविश्वास, भाग्यवादिता एवं रूढ़िवादियों का बोलबाला है। अशिक्षा के कारण यौन-शिक्षा व प्रौढ़ शिक्षा बालिकाओं को नहीं दी जाती है।
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धार्मिक विश्वास (Religious Faith)-
जनसंख्या वृद्धि का एक कारण धार्मिक विश्वास से पोषित धर्मान्धता है। मनुस्मृति में कहा है-” पुत्र के बिना मानव को इस लोक में सुख नहीं मिलता है और परलोक में मोक्ष नहीं होता है” इसी प्रकार धर्म में आशीर्वाद “पुत्रवती भव कन्यादान सबसे बड़ा दान जैसी धार्मिक कथाएँ प्रचलित हैं।
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अन्धविश्वास व भाग्यवादिता-
भारत में जनसंख्या वृद्धि के लिए अन्धविश्वाम व भाग्यवादी दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है, देश में ‘जिसने मुँह दिया है वही खाना देगा’ जैस भाग्यवादी कहावत लोकप्रिय है। इसका दुष्परिणाम यह है कि देश में अबाध गति से जनसंख्या बढ़ रही है।
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परिवार नियोजन के प्रति उदासीनता-
भारत में जनसंख्या वृद्धि के नियंत्रण हेतु परिवार नियोजन कार्यक्रम घोषित हुआ लेकिन देशवासियों ने अशिक्षा, सामाजिक व धार्मिक मान्यताओं से इस कार्यक्रम को अस्वीकार कर दिया, भारत सरकार ने इसे ऐच्छिक परिवार कल्याण कार्यक्रम घोषित किया है, फिर भी परिवार कल्याण के प्रति उदासीनता के कारण गर्भपात, बन्ध्याकरण, नसबन्दी, निरोधक सुविधाओं का सीमित प्रयोग हो रहा है, परिवार नियोजन कार्यक्रमों को नकारने के कारण जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हो रही है।
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