शिक्षा की आय के निजी स्त्रोत

शिक्षा की आय के निजी स्त्रोत | शिक्षा के शैक्षिक व्यय | शिक्षा के प्रत्यक्ष व्यय

शिक्षा की आय के निजी स्त्रोत | शिक्षा के शैक्षिक व्यय | शिक्षा के प्रत्यक्ष व्यय

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शिक्षा में होने वाले व्यय को शैक्षिक व्यय कहते हैं। जो धन शिक्षण संस्थाओं द्वारा शिक्षा के विकास के लिए मानवीय तथा भौतिक संसाधनों पर व्यय किया जाता है वह शैक्षिक व्यय कहलाता है।

सामान्यतः शैक्षिक व्यय में निम्न मद आते हैं-

  1. शिक्षकों तथा विद्यालय के अन्य कर्मचारियों को दिया गया वेतन।
  2. विद्यालय के शैक्षिक उपकरणों आदि के खरीदने पर किया गया व्यय।
  3. विद्यालय भवन आदि के निर्माण पर किया गया व्यय।
  4. फर्नीचर, पुस्तकों आदि को खरीदने में हुआ व्यय।।

शैक्षिक व्यय मुख्यतः निम्न होते हैं-

(1) आवर्तक व्यय- इस प्रकार के व्यय में शिक्षकों तथा कर्मचारियों का वेतन, शैक्षिक उपकरणों, पुस्तकालयों आदि के लिए पुस्तकों की खरीद, विद्यालय भवन की मरम्मत तथा नव-निर्माण तथा अन्य दैनिक शैक्षिक व्यय सम्मिलित हैं।

(2) अनावर्तक व्यय- आनवर्तक व्यय में इस प्रकार के व्यय आते हैं जो कई वर्षो में एक बार ही किया जाता है। इस प्रकार के व्यय में विद्यालय के लिए खेल के मैदान की व्यवस्था करना, महँगे उपकरणों तथा फर्नीचर आदि को खरीदना, अतिरिक्त कक्षाओं के लिए

भवनों का निर्माण करना, विद्यालय के लिए बस खरीदना जैसे व्यय आते हैं।

(3) प्रत्यक्ष व्यय- इस प्रकार के व्यय में प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले व्यय आते हैं। इनमें वेतन पर, बिजली पर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्रेस पर तथा इतर शैक्षिणक क्रियाओं, पर्वों अन्य साँस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों पर, पुस्तकालय, फर्नीचर आदि पर होने व्ला व्यय आता है।

(4) प्रित्यक्ष व्यय- अप्रत्यक्ष व्यय में विद्यालय के प्रशासन को चलाने वाले आवश्यक व्यय, पर्यवेक्षण, निरीक्षण, आदि तथा छात्रवृत्ति, छात्रावास आदि पर होने वाला व्यय आता है।

(5) विकास व्यय- विकास व्यय में विद्यालय के विकास के लिए किये जाने वाला व्यय आता है इस व्यय में विद्यालय भवन का निर्माण, प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि के निर्माण, नये कक्षों का निर्माण, नयी भूमि को क्रय करना, नये शिक्षकों की भर्ती करना, आदि व्यय जो विद्यालय के विकास के लिए आवश्यक है आते हैं।

(6) आकस्मिक व्यय- इस व्यय विद्यालय में होने वाले आकस्मिक कार्यों पर होने वाले व्यय हैं। इसमें भवन व कक्ष में किसी कारण होने वाले आकस्मिक व्यय, फर्नीचर के टूटने पर,नल व टंकी आदि के खराब होने पर, बिजली सम्बन्धित उपकरण खराब होने पर, कार्यालय के किसी उपकरण की मरम्मत आदि पर होने वाला व्यय सम्मिलित है।

(7) स्वीकार व्यय- इस प्रकार के व्यय जिन्हें सरकार अनुदान देने के लिए तैयार हो जाती है स्वीकार व्यय कहे जा सकते हैं। इन व्यय में वेतन पर, भत्तों पर, कर आदि पर होने वाले व्यय, किराया, कर्मचारियों की भविष्य निधि, बिजली, टेलीफोन आदि का बिल, पत्र-पत्रिकाओं का बिल आदि व्यय सम्मिलित है ।

(৪) विविध व्यय- इस व्ययों में छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, एन.सी.सी.,स्काऊट व गाइड, चाँक, रजिस्टर, ब्लैक-बोर्ड आदि पर होने वाले विधि व्यय अथवा राष्ट्रीय पर्वों पर मिष्ठान वितरण, साँस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन आदि आते हैं।

(9) लागत- किसी वस्तु का निर्माण करने में अथवा उसे खरीदने में जो व्यय आता है। उसे लागत व्यय कहते है। लागत निम्न होते हैं-

  1. एक लागत- इसमें उत्पादन पर या किसी सेवा पर होने वाला व्यय आता है।
  2. पूँजी लागत- इसमें विद्यालय के भवन, उपकरण, फर्नीचर, इन सबकी मरम्मत विद्यालय के लिए बस आदि खरीदने पर होने वाला व्यय आता है।
  3. पोषण लाग्त- इसमें वार्षिक व्यय आते हैं।

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