अर्थशास्त्र / Economics

भारत की जनसंख्या नीति | राष्ट्रीय जनसंख्या नीति | Population policy of India in Hindi | National Population Policy in Hindi

भारत की जनसंख्या नीति | राष्ट्रीय जनसंख्या नीति | Population policy of India in Hindi | National Population Policy in Hindi

भारत की जनसंख्या नीति (Population Policy)-

जनसंख्या नीति का तात्पर्य ऐसी सरकारी घोषणा है कि जिसमें ‘जनसंख्या’ वृद्धि की जाये अथवा जनसंख्या नियंत्रित की जाने से होता है। किन्तु आर्थिक विश्लेषण में जनसंख्या नीति से तात्पर्य किसी देश की उस जनसंख्या से है जिसमें देश की जनसंख्या का आकार (Sizc) व संरचना (Structure) निश्चित की जाती है। चूकि भारत गर्म जलवायु व आर्थिक समस्याओं से ग्रसित देश है, जहाँ जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हो चुकी है, फलतः देश में श्रमिकों का आधिक्य, बेकारी, गरीबी जैसी गम्भीर समस्यायें हैं। अत: भारत की जनसंख्या नीति निश्चय ही जनसंख्या नियंत्रण से सम्बन्धित होगी।

राष्ट्रीय जनसंख्या नीति

भारतवर्ष जनांकिकीय संक्रमण की द्वितीय अवस्था जनसंख्या विस्फोट (Population Explosion) की स्थिति में है, नवीन आँकड़ों के अनुसार भारत की जन्म दर 1.95 प्रतिशत वार्षिक है, यह जन्म दर विश्व में सबसे ऊँची है।

स्थायी आर्थिक विकास, सामाजिक विकास एवं पर्यावरण सुरक्षा की आवश्यकतानुसार 2045 ई0 तक स्थिर जनसंख्या दर प्राप्त करने हेतु दीर्घकालीन रूपरेखा प्रस्तुत की है। राष्ट्रीय जनसंख्या नीति में कुल प्रजनन दर 2010 ई0 तक 2.1% का लाना है। यद्यपि देश में 1991 से 2001 तक 180.6 मिलि0 व्यक्तियों की वृद्धि हुई, इस प्रकार जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर जो 1991 ई0 में 2.14 प्रतिशत थी, उसे 2001 ई0 तक घटाकर 1.93 प्रतिशत पर लाया जा सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।

योजना आयोग (Planing Commission) ने कहा है- “जनसंख्या वृद्धि को एक अवधि तक स्थिर करना आयोजित विकास का केन्द्र बिन्दु है।”

स्वतंत्रता पश्चात् सरकार की जनसंख्या नीति

स्वतंत्रता के बाद सन् 1951 में ‘योजना आयोग की स्थापना के बाद आयोग ने भारतीय आर्थिक विकास व समस्यात्मक तथ्यों को आर्थिक नियोजन के माध्यम से हल करने की व्यवस्था की। दुर्भाग्य है कि भारतीय जनसंख्या नीति परिवार नियोजन एवं नसबन्दी में फंसकर रह गयी है। इसलिए जनसंख्या नीति में इस समस्या को जन -सांख्यिकी की सीमाओं से आगे बढकर देखना चाहिए, क्योंकि आर्थिक विकास के द्वारा स्वतः आर्थिक समस्यायें समाप्त हो जायेंगी।

भारतीय जनसंख्या नीति, 197 6

भारत में जनसंख्या नीति की घोषणा अप्रैल 1976 में तत्कालीन स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन मंत्री डॉ0 कर्ण सिंह ने की। उन्होंने जनसंख्या नीति (New Poputation Policy ) में राष्ट्रीय विचार-विमर्श के बाद एक दीर्घकालीन नीति में कहा कि भारत उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में गरीबी के लिए जनसंख्या वृद्धि की समस्या से निपटना आवश्यक है।

जनसंख्या नीति का लक्ष्य- भारत की नई जनसंख्या नीति के विभिन्न लक्ष्य सम्बन्धी माप दण्ड घोषित हुए। जनसंख्या नीति का लक्ष्य जन्म दर 35 प्रति हजार से घटाकर 25 प्रति हजार करना है। इसलिए चिकित्सा सुविधाएँ, बन्ध्याकरण, प्रशिक्षित कर्मचारी व उपकरण आदि की उपलब्धता का लक्ष्य भी निधारत हुआ। वर्ष 1976 की जनसंख्या नीति में उत्तरदायी दृष्टिकोण की पहल हुई, ताकि लाग स्वच्छा से जनसंख्या नियंत्रण के कार्यक्रमों को अपनायें।

जनसंख्या नीति के प्रमुख कार्य

गाट्टीय जनसंख्या नीति के प्रमुख कार्य निम्न घोषित हुए-

  1. बन्ध्याकरण की आनवार्यता- भारत सरकार ने नई जनसंख्या नीति में बन्ध्याकरण (Stcrlization) का आनकवाय करने की राज्य सरकारों से अपील की। लेकिन यह भी कहा कि भारत सरकार बन्ध्याकरण व नसबन्दी का साधनों के अभाव में अनिवार्य घोषित नहीं कर सकती है, इसलिए जिन राज्यों के पास पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं, वे बन्ध्याकरण को अनिवार्य घोषित कर सकते हैं।
  2. विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाने की आवश्यकता- राष्ट्रीय जनसंख्या नीति में विवाह की न्यूनतम आयु लड़कियों की 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष व लड़कों की विवाह आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रावधान किया गया है। अतः वैवाहिक कानून में संशोधन करके लड़के व लड़कियों की उम्र क्रमशः 21 : 18 वर्ष कर दी गई है।
  3. वित्तीय सहायता- केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को आर्थिक सहायता देने का एक मापदण्ड बनाया कि राज्यों को केन्द्रीय आर्थिक सहायता का 8% परिवार नियोजन कार्यक्रमों पर व्यय करना होगा। सन् 1971 की जनसंख्या के आधार पर सन् 2000 तक यह आर्थिक सहायता यथावत् चलती रही।
  4. जनसंख्या शिक्षा सम्बन्धी पाठ्यक्रम- जनसंख्या शिक्षा को पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किया जाये, इसलिए शिक्षा में जनसंख्या सम्बन्धी मूल्यों के ज्ञान के लिए ऐसी पाठ्य पुस्तकें तैयार की जायें, जिनसे लड़के-लड़कियों को जनसंख्या की समस्या सम्बन्धी व्यावहारिक सामग्री प्राप्त हो सके।
  5. छोटे परिवार के सिद्धान्त सम्बन्धी नियम- जनसंख्या नीति में छोटे परिवार सिद्धान्त पर बल दिया गया है। सरकार ने कहा कि इस सिद्धान्त के अनुसार करमचारियों को परिवार नियंत्रित करने होंगे।
  6. बन्ध्याकरण के लिए पुरस्कार- जनसंख्या नीति में बन्ध्याकरण के लिए पुरस्कार घोषित किये गये जिसमें दो बच्चों के बाद बन्ध्याकरण में रु 150 तीन बच्चों के बाद बन्ध्याकरण में रु 100 व चार बच्चों के बाद बन्ध्याकरण कराने पर रु 70 पुरस्कार देने का घोषणा हुई।
  7. दान पर कर छूट व व्यापक प्रचार- सरकार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए जान देने वाली संस्थाओं, व्यक्तियों या कम्पनी आदि को आय कर में छूट देने की घोषणा की है, जिससे परिवार नियोजन के लिए दान से धन की व्यवस्था हो सके।

संशोधित जनसंख्या नीति, 1977

भारत सरकार ने जनसंख्या नीति, 1977 में निम्नलिखित संशोधन किया-

(1) सर्व प्रथम परिवार नियोजन कार्यक्रम का नाम बदलकर परिवार कल्याण कार्यक्रम (Family Welfarc Programme) किया गया क्योंकि भारतीय जनमानस परिवार नियोजन शब्द से घृणा करने लगा था।

(2) परिवार कल्याण कार्यक्रम में बन्ध्याकरण अथवा नसबन्दी की अनिवार्यता को समाप्त कर ऐच्छिक किया गया।

(3) विवाह योग्य आयु को बढ़ाने पर विचार किया गया जिससे जन्म दर कम हो सके।

(4) ‘छोटे परिवार’ का सन्देश घर-घर पहुँचाया जाये, जिससे जनभावना ‘छोटा परिवार-सुखी परिवार’ एवं ‘हम दो हमारे दो’ की बन सके।

(5) जन्म दर घटाने के लिए कृत्रिम उपायों में वृद्धि हो, जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में निः शुल्क उपलब्ध किया जाये।

(6) परिवार कल्याण कार्यक्रम में गाँव पंचायत, युवकों, मजदूरों के संगठनों को जोड़कर तेजी से प्रचार किया जाये।

(7) परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रशिक्षण सुविधायें उपलब्ध कराई जायें। केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि प्रत्येक परिवार कल्याण केन्द्र पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाये।

नई जनसंख्या नीति- 2000

केन्द्र सरकार ने अपनी नई जनसंख्या नीति की घोषणा 15 फरवरी, 2000 को कर दी है। नई राष्ट्रीय जनसंख्यार नीति – 2000 को तीन मुख्य उद्देश्यों के परिप्रेक्ष्य में पर्याप्त मात्रा में गर्भ निरोधकों, स्वास्थ्य सुरक्षा ढाँचा व स्वास्थ्य कर्मियों की आपूर्ति करना है। जबकि ‘मध्यकालीन उद्देश्य Mednim Term Objective) सन् 2010 तक कुल प्रजननता दर (TFR) को 2 : 1 के प्रतिस्थापन स्तर (Replacement Level) तक लाना है। नई जनसंख्या नीति का दीर्घकालिक उद्देश्य (Long Term Objective) सन् 2045 तक स्थिर जनसंख्या को ऐसे स्तर पर स्थिर बनाने की बात कही गई है, जो आर्थिक दृष्टि, सामाजिक विकास तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से अनुरूप हो।

15 फरवरी, 2000 को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित नई जनसंख्या नीति की घोषणा करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि छोटे परिवार (प्रति दम्पति बच्चे) का मानक अपनाने के लिए प्रोत्साहन एवं प्रेरणा प्रदान करने के लिए इसमें 16 उपायों को शामिल किया गया है। इनमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को 21 वर्ष की निर्धारित आयु के पश्चात् विवाह करने, दो बच्चों के मान को अपनाने तथा दो बच्चों के पश्चात् नसबन्दी कराने पर यथोचित पुरस्कार दिये जाने के उपाय शामिल हैं।

छोटे परिवार के मानक को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए शामिल किये गये। प्रयासों में निम्नलिखित उल्लेखनीय हैं-

  1. केन्द्र सरकार पंचायतों और जिला परिषदों को पुरस्कृत करेगी, जो अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के उपाय को अधिकाधिक अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
  2. नई नीति के तहत बाल विवाह निरोधक अधिनियम तथा प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण तकनीकी निरोधक अधिनियम को कड़ाई के साथ लागू किया जायेगा।
  3. गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले उन परिवारों को पाँच हजार रुपये की स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी जायेगी जिनके सिर्फ दो बच्चे हों और दो बच्चों के जन्म के बाद उन्होंने बन्ध्याकरण करा लिया हो।
  4. गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले उन लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा, जो-निर्धारित उम्र में विवाह करने के बाद पहले बच्चे को तब जन्म दें जब माँ की उम्र 21 वर्ष हो जाए और वे छोटे परिवार के सिद्धान्त में विश्वास रखते हुए दो बच्चों को जन्म देने के बाद बध्याकरण करा लें।
  5. ग्रामीण क्षेत्रों में एम्बुलेस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उदार श्तों पर ऋण तथा आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
  6. गर्भपात सुविधा योजना को और मजबूत किया जाएगा।
  7. गैर-सरकारी स्वयं सेवी संस्थाओं को इस कार्य से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

नई जनसंख्या नीति के कार्यान्वयन पर निगरानी रखने व उसकी समीक्षा के लिए 11 मई, 2000 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय 100 सदस्यीय ‘राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग’ (National Population Commition) का गठन किया है।

अर्थशास्त्र – महत्वपूर्ण लिंक

Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com

About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

Leave a Comment

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
close button
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
error: Content is protected !!