ई-मेल से आशय

ई-मेल से आशय | ई-मेल की प्रक्रिया | ई-मेल पता | ई-मेल की सीमाएँ | वर्ल्ड वाइड वेब | मुख्य वेब ब्राउजस

ई-मेल से आशय | ई-मेल की प्रक्रिया | ई-मेल पता | ई-मेल की सीमाएँ | वर्ल्ड वाइड वेब | मुख्य वेब ब्राउजस | Meaning of e-mail in Hindi | E-mail Process in Hindi | e-mail address in Hindi | E-mail Limitations in Hindi | World Wide Web in Hindi | main web browsers in Hindi

ई-मेल से आशय (Meaning of e-mail)

ई-मेल (e-mail) इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रूप है। इलेक्ट्रॉनिक मेल से तात्पर्य डाक (Mail) को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा है। ई-मेल इण्टरनेट के प्रयोग का महत्वपूर्ण आयाम है। ई-मेल सुविधा सम्प्रेषण के अन्य साधनों की अपेक्षा संदेश को तीव्रता से एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को सम्प्रेषित कररती है। इस प्रणाली से उपग्रह के द्वारा संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पर सम्प्रेषित होता है।

ई-मेल की प्रक्रिया (Process of e-mail)

ई-मेल की प्रक्रिया निम्नलिखित हैं-

  1. हमें अपना संदेश टाइप करके प्राप्त करने वाले का ई-मेल एड्रेस देकर सेंड के बटन पर क्लिक करना होता है। यह सब होने के बाद संदेश मॉडम द्वारा इनकोड होकर फोन लाइन के जरिये एनेलॉग सिग्नल्स की तरह भेजा जाता है।
  2. ई-मेल संदेश हमारे सर्विस प्रोवाइडर तक पहुँचता है और अगर वहाँ ई-मेल एड्रेस को वैलिड पाया जाता है, तो इसे भेज दिया जाता है अन्यथा इसे सेंडर को वापस लौटा दिया जाता है।
  3. मेल इण्टरनेट के होते हुए भी भेजी जाती है। इसे प्राप्त करने वाले को प्रोवाइडर द्वारा ले लिया जाता है और वह इसे अपने मेल सरवर तक पहुँचाता है, जहाँ इसे प्राप्त करने वाले के मेल बॉक्स तक पहुँचा दिया जाता है। यह वहाँ तब तक रहता है, जब तक प्राप्त करने वाला इण्टरनेट से कनेक्ट नहीं होता और अन्त में इसे मॉडम और कम्प्यूटर डाटा के रूप में लाते हैं, ताकि वह संदेश पढ़ सके।

ई-मेल पता (Address of e-mail)

जिस प्रकार साधारण संदेश भेजने के लिए संदेश प्राप्त करने वाले का नाम, पता आदि की जरूरत होती है, उसी प्रकार ई-मेल प्रणाली में भी ई-मेल पते की जरूरत होती है।

जिस तरह हाथ से लिखा पत्र एक से अधिक पतों पर भेजा जा सकता है, वैसे ही ई-मेल भी कई जगह भेजा जा सकता है। एक ई-मेल एड्रेस एक व्यक्ति या कम्प्यूटर की पहचान होता है। ई-मेल एड्रेस का ढाँचा निम्न प्रकार का होता है-

यूजरनेम @ होस्ट, सबडोमेन, सेकंड-लेवर होमेन, फर्स्ट लेवलडोमेन

उदाहरण के लिए-free2drvkshukla@gmail.com

ई-मेल की सीमाएँ (Limits of e-mail)

  1. ई-मेल द्वारा सम्प्रेषण करने के लिए संदेश प्राप्तकर्ता के पास भी ई-मेल की सुविधा होना जरूरी है उसके अभाव में ई-मेल की सेवाओं का लाभ नहीं लिया जा सकता है।
  2. ई-मेल द्वारा सम्प्रेषण प्राप्त करने पर प्राप्तकर्ता को इसकी जानकारी होना जरूरी है।

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वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web)

वर्ल्ड वाइड वेब इण्टरनेट की सबसे ज्यादा लोकप्रिय सुविधा है। यह Internet की ज्यादातर सेवाओं की तरह Web सेवा सम्बन्धी एक शिक्षण संस्था, European Centre for Nuclear Research, से शुरू हुई। तापमान समय में, इण्टरनेट पर होने वाला ज्यादातर कार्य, वर्ल्ड वाइड वेब (www) के माध्यम से ही होता है। अब वेब केबल Information Retrieval System न होकर शिक्षण का एक शक्तिशली माध्यम बन चुका है। Web पर उपलब्ध डाक्यूमेण्ट Web Pages कहलाते हैं। ये वेब पेज HTML (Hyper Text Markup Language) में लिखे जाते हैं। इन पेजों पर कई हाइपरलिंक्स होते हैं। ये हाइपरलिंक किसी शब्द या वाक्यांश के रूप में होते हैं। इन पेजों पर कई हाइपरलिंक्स होते हैं। ये शब्द या वाक्यांश कलर मॉनीटर पर प्रायः नीले तथा श्याम-श्वेत मॉनीटर पर छायांकित रूप में दिखाई देते हैं। प्रत्येक हाइपरलिंक वास्तव में एक Web page अन्य होता है। जब आप हाइपरलिंक पर माउस द्वारा क्लिक करते हैं तो www इस Page को Address (जो URL (Uniform Resource Locator कहलाता है।) पर जाकर इस Web page के आपके सम्मुख पेश कर देता है। Web page अपने हाइपरलिंक की वजह से ज्ञान का अनन्त भण्डार है। प्रायः इस हाइपरलिंक से जो Web page खुलता है। उसमें भी अनेकानेक हाइपरलिंक होते हैं, जिससे हाइपरलिंक की एक शृंखला-सी बन जाती है। अतः हम कह सकते हैं कि हाइपरलिंक वेब पेजों के मध्य सम्बन्ध स्थापित करते हैं।

इन Web pages को खोलने के लिए, Web browser का प्रयोग किया जाता है। Web browser ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो आपको हाइपरलिंक को पढ़ने की सुविधा के साथ-साथ निम्न सुविधाएँ भी देते हैं-

  • यह आपको तत्काल Internet Address (URL या हाइपरलिंक) पर ले जाता है।
  • यह उन Web Pages को जो आपको पसंद हैं, Favorite site में डालने की सुविधा देता है। Favorite में इन Sites के नामों की एक सूची बन जाती है। इन नामों की सूची में आप जिस नाम पर भी क्लिक करते हैं, वह Page तत्काल खुल जाता है। आप जिस-जिस Web page पर जाते हैं, यह History नामक फोल्डर में उनका Record रखता है, जिन्हें आप Access कर सकते हैं।
  • यह अनेक Search Engines का प्रयोग करने की भी सुविधा देता है।

मुख्य वेब ब्राउजस (Main Web Browser)

कुछ मुख्य Web Browser निम्नलिखित है-

  • MOSAIC—यह सबसे पहला Web Browser है तथा इसकी गति धीमी है। इसे Macintosh तथा Windows दोनों Operating systems में प्रयोग किया जा सकता है।
  • Netscape Navigator- यह Web Browser Windows, Macintosh तथा Unix नामक तीनों Operating Systems में चलाया जा सकता है। इसे आप Internet से निःशुल्क Download भी कर सकते हैं। यह अत्यधिक तीव्र गति से कार्य करता है।
  • Microsoft Internet Explorer- इसे Windows Operating System में प्रयोग किया जाता है यह भी अत्यधिक तीव्र गति से कार्य करता है।
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