प्रबंधन सूचना प्रणाली / Management Information System

डाटा से आशय | डाटा के स्वरूप | डाटा संचरण | ट्रान्समिशन मोड्स | डाटा संचरण की कार्यविधि

डाटा से आशय | डाटा के स्वरूप | डाटा संचरण | ट्रान्समिशन मोड्स | डाटा संचरण की कार्यविधि | Meaning of data in Hindi | Data Format in Hindi | data transmission in Hindi | Transmission Modes in Hindi | data transmission process in Hindi

डाटा से आशय (Meaning of Data)

डाटा शब्द की उत्पत्ति भाषा के शब्द ‘डैटम’ से मानी जाती है जिसका अभिप्राय है- किसी व्यक्ति अथवा वस्तु से सम्बन्धित उपयोगी जानकारी एवं सूचना। अतः डाटा से अभिप्राय, विचार-विमर्श, निर्णयों, संगणनाओं या मापन हेतु मूल आधार के रूप में इस्तेमाल होने वाले उन वास्तविक आँकड़ों से है, जिन्हें संख्यांकों अथवा प्रपत्रों, प्रतिवेदनों आदि की रचना के लिए संकलित किया जाता है। इस प्रकार, डाटा को किसी तथ्य, प्रेक्षण, पूर्वानुमान और घटना के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। डाटा किसी व्यक्ति के लिए सूचना प्राप्त करने का साधन है। दूसरे शब्दों में, किसी व्यक्ति, संस्था या वस्तु आदि से सम्बन्धित तथ्य अथवा जानकारी को ‘डाटा’ कहा जाता है।

उदाहरणार्थ- हाथ में पहनने वाली घड़ी से सम्बन्धित कई जानकारी हो सकती है; जैसे-घड़ी की डिजाइन, उसके चेन की क्वालिटी, कलर, कीमत, ब्राण्ड, उसकी निर्माता कम्पनी का नाम आदि। इसी तरह, एक विद्यार्थी के सम्बन्ध में भी अनेक जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं, जैसे- विद्यार्थी का नाम, अनुक्रमांक, नामांकन संख्या, विषय, परीक्षण केन्द्र का नाम आदि। ये समस्त तथ्य डाटा के उदाहरण हैं।

डाटा के स्वरूप (Nature of Data)

डाटा के विभिन्न स्वरूप निम्नलिखित है:

  1. संख्यात्मक डाटा (Numeric Data) — इस तरह का डाटा अंकों या संख्याओं के रूप में होता है। जैसे-6, 5, 7, 685 आदि।
  2. शाब्दिक डाटा (Verbal Data)- इस तरह के डाटा में किसी भाषा के एल्फाबेट, शब्द, वाक्य आदि आते हैं जिसे टैक्स्ट आदि भी कहा जाता है। जैसे- कोई पात्र, दस्तावेज, फाइल, रिकॉर्ड आदि।
  3. संख्यात्मक-शाब्दिक डाटा (Numeral-Verbal Data)—अंकों तथा शब्दों दोनों तरह के डाटा के मिले-जुले रूप को संख्यात्मक-शाब्दिक डाटा कहते हैं।
  4. चित्र (Figure) – डाटा चित्र के रूप में भी हो सकता है इस तरह के डाटा में रेखा, वृत्त, त्रिभुज, आयत, वर्ग, ग्राफ, चार्ट, फोटोग्राफ आदि आते हैं।
  5. चलचित्र (Cinema)— इस तरह का डाटा वीडियोगेम चलचित्र, कॉर्टून मूवी, ग्राफिक्स आदि के रूप में होता है।
  6. ध्वनि/आवाज (Sound)– डाटा ध्वनि/आवाज के रूप में भी हो सकता है। इस तरह के डाटा में ध्वनियाँ, आवाजें, गीत, संगीत आदि आते हैं।

डाटा संचरण

डाटा संचरण से आशय-डाटा के प्रेषण को डाटा संचरण कहते हैं। यह संचरण जिस माध्यम से होता है उसे संचार चैनल कहते हैं।

ट्रान्समिशन मोड्स

दो उपकरणों के मध्य डाटा संचरण विधि या मोड्स को ट्रान्समिशन मोड्स कहते हैं। इसकी तीन श्रेणियाँ हैं-

(i) नैरो बैण्ड- नैरो बैण्ड संचरण में डाटा प्रेषण 50 से 150 बैण्ड प्रति सेकण्ड (BPS) की गति से होता है। यह गति की बहुत धीमी दर होती है। इसका प्रयोग टेलीग्राफ और टेलीटाइप में होता है।

(ii) ध्वनिसमान संचरण- यह मध्यम गति का संचार होता है जिसमें 300 से 9600 BPS की दर से डाटा का संचार होता है। यह ध्वनि तरंगों की गति के समान गति होती है। इसलिए इसे ध्वनि समान संचरण कहते हैं।

(iii) बाइण्ड बैण्ड संचरण- यह 19200 से लेकर 50,0000 BPS से अधिक गति का संचरण होता है। यह गति कोएक्सिअल केवल, फाइबर आप्टिक केबल और माइक्रोवेव मीडिया में सम्भव है। इसमें सबसे अधिक गति होती है।

डाटा संचरण की कार्यविधि (Working of Data Transmission Modes)

दो उपकरणों के मध्य डाटा ट्रांसमिशन दो प्रकार से सम्पन्न होता है-(i) समानांतर संचरण, (ii) लगातार संचरण ।

(i) समानांतर संचरण (Parallel Transmission)— समानांतर संचरण में बाइनरी डाटा जो कि 0 और 1 से मिलकर बना होता है, को Bits के समूह में संगठित कर लिया जाता है तथा इस संगठित डाटा को एक साथ संचरित किया जाता है। जिस प्रकार कि हम बोलते समय अक्षरों को संगठित करके शब्दों के रूप में बोलते हैं। समानांतर संचरण में n-bites भेजने के लिए n-wire का प्रयोग किया जाता है अर्थात् यदि 8-bit भेजनी है तो 8 तारों का प्रयोग किया जाएगा। इसे चित्र में दिखाया गया है-

समानांतर संचरण का मुख्य लाभ गति होता है अर्थात् डाटा संचरण, क्रमिक संचरण की तुलना में अधिक गति से होता है परन्तु समानांतर संचरण अधिक महँगा होता है।

(ii) लगातार संचरण (Continuous Transmission)- लगातार संचरण में एक बिट दूसरी बिट का अनुसरण करती है। लगातार संचरण की गति समानांतर संचरण की तुलना में कम होती है। यह संचरण का साधन काफी सस्ता है। बिटों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रेषित करने का चित्र दर्शाया गया है-

संचरण दो प्रकार से होता है- (A) समकालिक संचरण (Synchronous Transmission), (B) असहकालिक संचरण (Asynchronous Transmission) ।

(A) समकालिक संचरण (Synchronous Transmission) — Synchronous Transmission में डाटा एक समूह के रूप में व्यवस्थित होता है। यह डाटा भिन्न-भिन्न बाइटों के समूह से निर्मित होता है। प्राप्तकर्त्ता अपने इच्छित डाटा को सम्पूर्ण डाटा समूह से वाइट को अलग करके अपने प्रयोग में लेता है। जैसा कि दर्शाया गया है-

(B) असहकालिक संचरण (Asynchronous Transmission) – इस डाटा Transmission में डाटा बाइट के साथ एक Start Bit और Stop Bit स्थापित की जाती है जो प्राप्तकर्त्ता (User) को प्रत्येक बाइट के आरम्भ और अन्त होने के बारे में सूचना देती है। इसमें डाटा Transfer Byte के रूप में प्रसारित होता है। जैसा कि दर्शाया गया है-

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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