प्रबंधन सूचना प्रणाली / Management Information System

खातों की रचना | समूह की रचना | लेखांकन की कार्यविधि

खातों की रचना | समूह की रचना | लेखांकन की कार्यविधि | Preparation of Accounts in Hindi | Preparation of Group in Hindi | Function System of Accounting in Hindi

खातों की रचना (Preparation of Accounts)

टैली के अन्तर्गत समूहों व खातों की रचना एक आवश्यक एवं महत्वपूर्ण क्रिया है। यद्यपि टैली कार्यक्रम के अन्तर्गत अनेक खातों को अनिवार्य घोषित किया गया है व कम्पनी बनने के पश्चात् उक्त कम्पनी के ये खाते स्वयं ही बन जाते है। किन्तु लेखांकन को सुचारु रूप से चलाने के लिये कुछ अन्य समूहों व खातों का निर्माण किया जाता है। ये खाते व समूह प्रत्येक कम्पनी की आवश्यकता पर निर्भर करते हैं। नये बने समूहों व खातों में प्रयोगकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार परिवर्तन कर सकता है, किन्तु अनिवार्य खातों की प्रकृति को बदलना सम्भव नहीं है। खातों को व्यवस्थित रखने की सुविधा को समूह कहते हैं। लेखांकन में प्रत्येक खाते को उसके कार्य के आधार पर एक समूह में रखा जाता है। खातों की इस व्यवस्था को खाता  समूहिकीकरण कहा जाता है। यह व्यवस्था ही यह निर्धारित करती है कि यह खाता लाभ खाते का या हानि खाते का भाग है।

समूह की रचना (Preparation of Group)

समूह रचना हेतु समूह या ग्रुप मैन्यू के अन्तर्गत “सिंगल ग्रुप” का चयन करें। जिससे समूह सम्बन्धी विण्डो दृश्यपटल पर प्रकट होगी। निम्न सूचना के आधार पर इस विण्डो के अन्तर्गत पूछी गई सूचना आने पर समूह का निर्माण हो जाता है।

सामान्य सूचना (General Information)– इसमें निम्न सूचनाएँ होती हैं-

नाम (Name) – इस स्थान पर समूह का नाम टाइप करें। टैली कार्यक्रम में एक ही नाम के दो समूह बनाना सम्भव नहीं है, अतः आवश्यक है कि समूह का नाम पूर्व रचित समूहों से भित्र हो।

उपनाम (Sir Name)- इसके अन्तर्गत समूह की व्यक्तियों की भाँति एक नया उपनाम दिया जा सकता है। सामान्यतः किसी कम्पनी के एबीवीऐशन (abbreviation) या व्यक्ति के उपनाम को इसके अन्तर्गत डाला जाता है। यद्यपि टैली के अन्तर्गत उपनाम वैकल्पिक हैं अर्थात् इसको देना अनिवार्य नहीं है।

अन्तर्गत – जब कर्सर इसके अन्तर्गत आता है तो समूह सम्बन्धी मैन्यू खुल जाता है जिसमें से एक समूह का चयन कर समूह को उससे सम्बद्ध कर दिया जाता है। यदि आपके समूह से सम्बंधित कोई समूह नहीं है तो उसे बनाया जा सकता है।

उच्च स्तरीय सूचना (High Level Information)- इसमें निम्न सूचनाएं होती है—

समूह एक उप-खाते के समान व्यवहार करें- ‘हाँ’ का विकल्प समूह के एक केन्द्रीय खाते के रूप में कार्य रहता है ताकि सम्पूर्ण समूह का शेष ज्ञात किया जा सके न कि खाता शेष (सामान्यतः) यह सुविधा विविध देनदार तथा विविध लेनदार, लोन, एडवांस इत्यादि के लिये लाभदायक रहती है।

लेखांकन की कार्यविधि (Function System of Accounting)

समूह रचना के पश्चात् खातों की रचना की जाती है। खातों की रचना के लिये सर्वप्रथम खातों को एकत्र कर यह निश्चित किया जाता है कि वे किस समूह का भाग होंगे। समूह निश्चित करने के पश्चात् एकाउन्ट इनफो से लेजर विकल्प का चयन किया जाता है। जिससे समूह की भाँति विन्डो प्रस्तुत होती हैं जिसमें तीन विकल्प होते हैं— (क) रचना (Create), (ख) दर्शन (Display), (ग) परिवर्तन (Alter)। इन तीन विकल्पों में से प्रथम विकल्प रचना का चयन कर खातों का निर्माण किया जा सकता है। खाते की रचना में लेखांकन की कार्यविधि निम्न प्रकार है-

सामान्य सूचना (Common Information) – इसमें निम्न सूचनाएँ होती हैं—

(1) नाम (Name) – इसके अन्तर्गत खाते को नाम दिया जाता है। खातों को नया नाम देते हुए यह जानकारी रखना आवश्यक है कि दो खातों को एक जैसा नाम नहीं दिया जा सकता। खातों के नामों में कोमा, ब्रेकिट, रिक्त स्थान आदि को टैली कोई महत्व नहीं देता।

(2) उपनाम (Sir Name)— इस स्थान पर खाते को एक उपनाम यदि कोई है तो दिया जा सकता है। टैली के अन्तर्गत इसको देना आवश्यक नहीं है।

(3) अन्तर्गत- जब कर्सर इस स्थान पर आता है तो समूह की एक लिस्ट प्रकट हो जाती है जिसमें से उस समूह का चयन किया जाता है जिसके अन्तर्गत यह खाता बना है।

(4) खाता शेष (Account Balance)- इसके अन्तर्गत सामान्यतः पिछले वर्ष के खाते की शेष धनराशि आती है। किन्तु नये खाते के निर्माण के समय यह शून्य ही रहती है।

(5) डेबिट/क्रेडिट (Debit / Credit)– यदि खाता शेष शून्य नहीं है तो खाते को धनी या ॠणी दर्शाने के लिये इसका प्रयोग किया जाता है।

(6) पता व सम्बन्धित जानकारी (Address and Related Information)- यदि प्रयोगकर्ता ने खाते के निर्माण के समय F12 कुंजी दबाकर Y को दबाया है व खाते के पते के विकल्प का चयन किया है तो पते सम्बन्धी जानकारी को खाते के साथ ही सुरक्षित किया जा सकता है।

खातों के निर्माण के पश्चात् यदि आवश्यक हो तो उनमें “आल्टर” विकल्प द्वारा परिवर्तन किया जा सकता है। किन्तु यदि खाते विशेष के बारे में जानकारी चाहिये तो “दर्शन” (Display) का चयन किया जाता है।

समूहों व खातों के निर्माण के पश्चात् टैली में लेखांकन का कार्य वाउचरों की सहायता से किया जाता है। लेखांकन की क्रिया करने के लिये टैली में अनेकों वाउचरों को स्थान दिया गया है। लेखांकन के लिये उचित वाउचर का चयन किया जाता है व उन खातों का चयन किया जाता है जिनसे सम्बन्धित लेखांकन किया जाता है। वाउचरों के माध्यम से दोहरे लेखांकन की पद्धति को प्रयोग में लाकर लेखांकन क्रिया को पूर्ण किया जाता है। लेखांकन होने के पश्चात् प्रयोगकर्ता किसी भी समय ट्रायल बैलेंस, बैलेंस शीट व लाभ-हानि खाते का अवलोकन कर व्यापार की सही स्थिति ज्ञात कर सकता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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