उद्यमिता और लघु व्यवसाय / Entrepreneurship And Small Business

मानव संसाधन प्रबन्ध का अर्थ | मानव संसाधन की विशेषतायें | मानव संसाधन प्रबन्ध क्षेत्र

मानव संसाधन प्रबन्ध का अर्थ | मानव संसाधन की विशेषतायें | मानव संसाधन प्रबन्ध क्षेत्र | Meaning of Human Resources Management in Hindi | Characteristic of Human Resources Management in Hindi | Scope of Human Resource Management in Hindi

मानव संसाधन प्रबन्ध का अर्थ

(Meaning of Human Resources Management)

अमेरिका की सेविर्गीय प्रशासन समिति के अनुसार, “सेविवर्गीय प्रशासन सक्षम कर्मचारी वर्ग की अधिप्राप्ति, विकास और अनुसरण से सम्बन्ध रखने वाली कला है, संगठन के कार्यों एवं उद्देश्यों की अधिकतम कुशलता तथा मितव्ययिता के साथ पूर्ति को जोकि सम्भव बनाती है।”

उपर्युक्त परिभाषा- “सेविवर्गीय प्रबन्ध, प्रबन्ध का वह भाग है जो किसी संस्था के मानवीय सम्बन्धों से सम्बन्धित है। इसका उद्देश्य उन सम्बन्धों को बनाये रखना तथा उनका विकास करना है। यह एक ओर तो विभागीय उत्तरदायित्व निभाता है तथा दूसरी ओर उच्च प्रबन्धकों को अपनी विशिष्ट सलाह प्रदान करता है। इसका मुख्य कार्य मानव शक्ति को प्राप्त करना, उसे विकसित करना, उसका नियोजन, संगठन, रामन्वय एवं नियन्त्रण करना तथा उत्प्रेरणा प्रदान करना है।”

मानव संसाधन की विशेषतायें

(Characteristic of Human Resources Management)

मानव संसाधन प्रबन्ध की निम्नलिखित विशेषतायें हैं-

  1. कर्मचारियों के विकास में सहायक (Helpful in the Development of Employees) – सेविवर्गीय प्रबन्ध कर्मचारियों की योग्यता एवं कार्यक्षमता की वृद्धि में प्रत्यक्ष रूप से सहायता प्रदान कर उनके विकास में सहायक होता है।
  2. सामान्य प्रबन्ध का एक भाग (A Part of General Management)- सेविवर्गीय प्रबन्ध अलग से कोई विषय नहीं है वरन् यह सामान्य प्रबन्ध का ही एक अंग है।
  3. मानवीय शक्ति का प्रबन्ध (Manpower Management)- सेविवर्गीय प्रबन्ध मानवीय शक्ति को नियंत्रित करने एवं वांछित उद्देश्य की पूर्ति हेतु उसे उचित दिशा देने से सम्बन्धित है!
  4. मानवीय सम्बन्धों की स्थापना (Establishment of Human Relations) – सेविवर्गीय प्रबन्ध में सभी स्तरों पर अच्छे मानवीय सम्बन्धों की स्थापना पर बल दिया जाता है ताकि प्रबन्धक एवं कर्मचारी वर्ग के बीच की खाई को पाटा जा सके।
  5. सामान्य प्रबन्ध के सिद्धान्तों का प्रयोग (Application of General Management Principles) – कर्मचारी प्रबन्ध, सामान्य प्रबन्ध का ही एक भाग है तथा सामान्य प्रबन्ध के सभी सिद्धान्तों का इसमें प्रयोग होता है।
  6. सर्वोत्तम समूहों का ध्यान (Best Possible Results)- कर्मचारी प्रबन्ध का उद्देश्य सेवारत् कर्मचारियों के प्रयत्नों द्वारा सर्वोत्तम परिणामों की प्राप्ति करना है।
  7. सेविवर्गीय समूहों का ध्यान (Attention on personnel Groups)- सेविवर्गीय प्रबन्ध के अन्तर्गत किसी कर्मचारी विशेष की उन्नति की अपेक्षा समस्त सेविवर्गीय समूह के विकास पर ध्यान दिया गया है।
  8. एक विभागीय उत्तरदायित्व (A Departmental Responsibility)- सेविवर्गीय प्रबन्ध एक विभागीय उत्तरदायित्व है अर्थात् सेविवर्गीय प्रबन्ध कर्मचारियों से सम्बन्धित सभी बातों के लिये उत्तरदायी होता है चाहे वे व्यक्ति हों या सामूहिक।

मानव संसाधन प्रबन्ध क्षेत्र

(Scope of Human Resource Management/Personnel Management)

सेविवर्गीय प्रबन्ध के क्षेत्र में निम्नलिखित तथ्यों का समावेश किया जा सकता है-

  1. कर्मचारियों की नियुक्ति (Recruitment of Employees)- सेविवर्गीय विभाग द्वारा संस्था के लिये आवश्यक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिये आवेदन पत्र आमन्त्रित करने से लेकर विभिन्न प्रकार के परीक्षण एंव साक्षात्कार तक की प्रक्रियायें सम्मिलित की जाती हैं।
  2. उचित पारिश्रमिक की व्यवस्था (Arrangement of Proper Remuneration)- श्रमिकों को परिश्रमिक उचित मात्रा में दिलाने की व्यवस्था भी सेविवर्गीय प्रबन्ध के क्षेत्र में आती है। इसके अन्तर्गत श्रमिकों के कार्य का मूल्यांकन, प्रारम्भिक नीति, लाभांश एवं बोनस योजनायें तथा कर्मचारियों के स्तरों को निर्धारित करने से सम्बन्धित नीतियाँ सम्मिलित जाती हैं।
  3. कार्य विश्लेषण (Job Analysis) – कार्य विश्लेषण के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य से सम्बन्धित क्रियाओं का विश्लेषण किया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कार्य का पूरा करने के लिये किस योग्यता के कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इस विश्लेषण द्वारा कार्य की प्रकृति के अनुरूप कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सकती है। यह कार्य भी कर्मचारी प्रबन्ध के द्वारा ही किया जाता है।
  4. कर्मचारी प्रशिक्षण एवं विकास (Employees Training and Development) किसी कार्य के सम्बन्ध में कर्मचारियों को तकनीकी शिक्षा देना ही प्रशिक्षण कहलाता है। कार्य को प्रभावी ढंग तथा कम लागत में पूरा करने के लिये कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर उनकी योग्यता में वृद्धि की जाती है। यह प्रशिक्षण नये एवं पुराने दोनों ही प्रकार के कर्मचारियों को दिया जा सकता है। प्रशिक्षण व्यवस्था भी कर्मचारी प्रबन्ध के द्वारा ही की जाती है।
  5. कर्मचारी कल्याण कार्य (Employees Welfare Work)- कर्मचारियों के कल्याण हेतु बीमा, चिकित्सा, मनोरंजन, शिक्षा, आवास तथा अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करना भी कर्मचारी प्रबन्ध के क्षेत्र के अन्तर्गत सम्मिलित किये जाते हैं।
  6. सेविवर्गीय लेखे रखना (To keep the Personnel Records) – कर्मचारियों से सम्बन्धित सभी सूचनाओं जैसे- श्रम-प्रबन्ध, अनुबन्ध, श्रमिकों के सम्बन्ध में नई-नई नीतियों तथा अन्य सूचनाओं के लेखे भी सेविवर्गीय प्रबन्ध के द्वारा रखे जाते हैं।
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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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