उद्यमिता और लघु व्यवसाय / Entrepreneurship And Small Business

उद्यमिता विकास कार्यक्रम अर्थ एवं परिभाषायें | उद्यमिता विकास कार्यक्रम के उद्देश्य

उद्यमिता विकास कार्यक्रम अर्थ एवं परिभाषायें | उद्यमिता विकास कार्यक्रम के उद्देश्य | Entrepreneurship Development Program Meaning and Definitions in Hindi | Objectives of Entrepreneurship Development Program in Hindi

उद्यमिता विकास कार्यक्रम अर्थ एवं परिभाषायें

(Entrepreneurial Development Programme: Meaning and Definitions)

उद्यमिता विकास दो शब्दों से मिलकर बना है- उद्यमिता तथा विकास, जिसका शाब्दिक अर्थ है उद्यमिता की वृत्ति का उत्तरोत्तर विकास। अतः उद्यमिता विकास कार्यक्रमों से आशय इन सभी व्यक्तिगत तथा सामूहिक निजी क्षेत्र के या सरकारी प्रयत्नों से हैं जो उद्यमिता के विकास के लिये आयोजित किये जाते हैं। अन्य शब्दों में उद्यमिता विकास कार्यक्रम से आशय ऐसे कार्यक्रम या प्रयत्न से है, जिसके द्वारा किसी व्यक्ति में उद्यमिता की वृत्ति का विकास किया जाता है।

प्रो० उदय पारीक एवं मनोहर नाडकर्णी के शब्दों में, “व्यावहारिक दृष्टिकोण से उद्यमिता के विकास से आश्य उद्यमियों के विकास तथा साहसिक श्रेणी में व्यक्तियों के प्रवाह को प्रोत्साहित करने से है।”

उद्यमिता विकास कार्यक्रम के उद्देश्य

(Objectives of Entrepreneurial Development Programme)

उद्यमिता विकास कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

(1) छोटे स्तर पर उद्योग और व्यापार सम्बन्धी वातावरण की तैयारी का विश्लेषण करना।

(2) छोटे उद्यम को प्रारम्भ करने के लिये उसकी प्रक्रिया और कार्यविधि समझना।

(3) छोटे उद्यम को चलाने के लिये आवश्यक प्रबन्धकीय कौशल प्राप्त करना।

(4) एक सफल उद्यमी का निर्माण करना।

(5) व्यापार के संचालन का प्रशिक्षण देना।

(6) उपलब्ध संसाधनों के विषय में जानकारी प्रदान करना।

(7) लघु तथा कुटीर उद्योगों का प्रवर्तन।

(8) विपणन सम्बन्धी जानकारी प्रदान करना।

(9) उद्यमियों की समस्याओं का समाधान करना।

(10) सरकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध कराना।

(11) स्वरोजगार की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना ।

(12) प्रथम पीढ़ी के व्यवसायी तथा उद्योगपतियों का निर्माण करना।

(13) उद्यमियों में सामाजिक उत्तरदायित्व का विकास करना।

(14) नये-नये उद्यमिता अवसरों का विकास करना।

(15) निर्णय लेने के योग्य बनाना।

(16) व्यापार के लिये विशाल दृष्टिकोण विकसित करना।

(17) उद्यमियों को कानून पालन करना सिखाना।

(18) उत्पाद के लिये परियोजना बनाना।

(19) आवश्यक उद्यम सम्बन्धित ज्ञान की इस शाखा की प्रशंसा करना।

(20) उत्पाद छाँटना।

(21) छोटे स्तर पर व्यापार करने के लिये प्राप्त सहायता और सहयोग के स्रोत जानना।

(22) उद्यमी बनने के लिये उसके गुण तथा दोष जानना।

(23) स्पष्ट और प्रभावशाली संदेशवाहन के योग्य बनाना।

(24) औद्योगिक प्रजातन्त्र के लिये उन्हें सहमत करना।

(25) निष्ठा और ईमानदारी के लिये जोश विकसित करना।

(26) उद्यमियों को व्यापार चलाने में अनिश्चितताओं को स्वीकार करने के लिये तैयार करना।

उद्यमिता और लघु व्यवसाय – महत्वपूर्ण लिंक

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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