अर्थशास्त्र / Economics

मार्शल-एजवर्थ प्रस्ताव वक्र | Marshall-Edgeworth Offer-Curves in Hindi

मार्शल-एजवर्थ प्रस्ताव वक्र | Marshall-Edgeworth Offer-Curves in Hindi

मार्शल-एजवर्थ प्रस्ताव वक्र (Marshall-Edgeworth Offer-Curves)

प्रो० मिल के पारस्परिक मांग सिद्धान्त को मार्शल तथा एजवर्थ ने प्रस्ताव वक्रों (Offer Curves) के रूप में व्यक्त किया है। मार्शल ने मिल के समीकरण की आलोचना करते हुए मिल के मांग सबंधी विश्लेषण को पूर्ति विश्लेषण से जोड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने संबंधित समस्याओं को समझाने के लिए रेखाचित्रों का सहारा लिया है।

चित्र में OA, OA1,OA2, OA3, रेखाओं के ढाल पुर्तगाली शराब के रूप में इंग्लैण्ड के कपड़े की वैकल्पिक कीमतों को प्रदर्शित करते हैं। OA रेखा वह अनुपात है जिस पर व्यापार के अभाव में‌ कपड़े और शराब का विनिमय होता है। इस मूल्य रेखा पर शराब की WA मात्रा का कपड़े की OW मात्रा से विनिमय होता है। इसी भांति OA, मूल्य रेखा पर WA1 शराब की मात्रा का कपड़े की ow मात्रा से विनिमय होता है। इस प्रकार ऊपर की ओर उठती मूल्य रेखायें शराब के रूप में कपड़े की ऊंची कीमतों को व्यक्त करती है। चित्र में OBE वक्र इंग्लैण्ड की प्रस्ताव वक्र है। 0A पर उदासीनता के स्तर के आगे इंग्लैण्ड, पुर्तगाली शराब के लिए जैसे-जैसे यह अधिक मात्रा में उपलब्ध होती है, कपड़े की कम मात्रा देता है क्योंकि निर्यात के कारण कपड़े की घरेलू पूर्ति कम हो जाती है और इसका मूल्य बढ़ जायेगा। अन्त में C बिन्दु पर इंग्लैण्ड अतिरिक्त शराब के लिये कुछ भी कपड़ा नहीं देगा। यहां पर प्रस्ताव वक्र पूर्ति वक्र के रूप में बेलोच होगी।

इंग्लैण्ड की प्रस्ताव वक्र की भांति पुर्तगाल की प्रस्ताव वक्र (Offer Curve) भी बताई जा सकती है। यह इंग्लैण्ड के कपड़े के लिए पुर्तगाल की मांग को व्यक्त करती है तथा शराब की उन मात्राओं को प्रदर्शित करेगी जिन्हें पुर्तगाल इंग्लैण्ड के कपड़े के लिए देने के लिए तैयार है। जैसे- जैसे पुर्तगाल को अधिक मात्रा में कपड़ा प्राप्त होगा वह अतिरिक्त कपड़े के लिए शराब की मात्रा कम देगा। विनिमय का अनुपात गिरता जायेगा। इसे चित्र सं० 6.3 द्वारा पुर्तगाल की प्रस्ताव वक्र को व्यक्त किया गया है।

इंग्लैण्ड पुर्तगाल के प्रस्ताव वक्र (Offer Curves) एक दूसरे को एक बिन्दु पर काटेंगे। ये दोनों वक्र दो देशों की पारिस्परिक मांग वक्र (Reciprocal Demand Curve) कहलाते हैं। जिस बिन्दु पर ये दोनों वक्र एक दूसरे को काटते हैं वहीं पर व्यापार की शर्ते निर्धारित हो जाती हैं जिन्हें शुद्ध अदल-बदल वस्तु व्यापार की शर्ते (Net Barter Commodity Terms of Trade) कहते हैं।

उपरोक्त चित्र में दोनों प्रस्ताव वक्र T बिन्दु पर कटते हैं। इस बिन्दु पर अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय अनुपात (व्यापार की शर्ते) OC इकाई कपड़ा =OW इकाई शराब। इस चित्र में व्यापार की शर्ते पुर्तगाल से अधिक पक्ष में अर्थात् उसके अनुकूल है क्योंकि पुर्तगाल को एक निश्चित शराब की मात्रा से कपड़े की अधिक मात्रा प्राप्त होती है। इसका आशय यह है कि पुर्तगाली शराब के लिए इंग्लैण्ड द्वारा की गई मांग, इंग्लैण्ड के कपड़े के लिए पुर्तगाली मांग की तुलना में अधिक तेज है। स्थिर लागतों मान्यताकी के अन्तर्गत OAE तथा OAP रेखायें क्रमश: इंग्लैण्ड में कपड़े और पुर्तगाल में शराब की घरेलू उत्पादन लागत के अनुपातों को प्रदर्शित करती हैं।

पारस्परिक माँग का सिद्धान्त निम्न मान्यताओं पर आधारित है-

(1) पूर्ण रोजगार की दशाओं का पाया जाना।

(2) पूर्ण प्रतियोगिता का होना।

(3) स्वतंत्र विदेशी व्यापार ।

(4) उत्पादन के साधनों में पूर्ण गतिशीलता का होना।

(5) तुलनात्मक लागतों के सिद्धान्त पर आधारित होना ।

(6) दो देशों तथा दो वस्तुओं का पाया जाना।

आलोचना-

मार्शल एजवर्थ प्रस्ताव विश्लेषण की आलोचना इसकी मान्यताओं पर आधारित है। इस विश्लेषण के अन्तर्गत मानी गई मान्यताएं व्यावहारिक जीवन में नहीं पाई जाती हैं इसलिए इस सिद्धान्त की व्यावहारिक उपादेयता ही समाप्त हो जाती है।

ग्राहम ने मार्शल के विश्लेषण की आलोचना किया है कि उन्होंने पारस्परिक मांग का अत्यधिक महत्व बताया है तथा व्यापार की शर्तों के निर्धारण में तुलनात्मक लागत दशाओं के महत्व की पूर्णरूपेण उपेक्षा की है।

पारस्परिक मांग को व्यक्त करने के लिए प्रतिनिधि गांठों (Representative Bales) का सहारा लिया गया है जो सही नहीं है क्योंकि परस्पर मांग व्यक्तिगत वस्तुओं के लिए होती है न कि वस्तुओं की गांठों के लिए। गांठों की संरचना स्थिर नहीं रहती है।

मार्शल-एजवर्थ प्रस्ताव वक्र विश्लेषण स्पष्ट रूप से व्याख्या नहीं कर पाते हैं क्योंकि कई बार जितना वक्रों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है उनसे अधिक उनमें छिपा हुआ रहता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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