इतिहास / History

इतिहास का अर्थ | इतिहास का क्षेत्र | Meaning Of History And Its Scope in Hindi

इतिहास का अर्थ | इतिहास का क्षेत्र | Meaning Of History And Its Scope in Hindi

  1. Explain the meaning and scope of History.

प्रश्न 1 – इतिहास के अर्थ तथा क्षेत्र को स्पष्ट कीजिए।

  1. What is the present concept of History?

प्रश्न 2 – इतिहास को अधुनिक धारणा क्या है?

उत्तर – प्रस्तावना – इतिहास का प्रारम्भ तभी से हुआ जब से मानव इस पृथ्वी पर आया। परन्तु मानव के कार्यों एवं विचारों को हैरोडोटस (Herodotus) ने 500 ई० पू० में क्रमबद्ध रूप प्रदान किया। इसी कारण उसे इतिहास के पिता (Father of History) के नाम से पुकारा जाता है। उसने विश्व में घटित घटनाओं के विषय में अन्वेषण करके उनका वर्णन किया। इन वर्णनात्मक घटनाओं के क्रमबद्ध रूप को उसने ‘इतिहामों’ (Histories) का नाम दिया। उसने इन घटनाओं का वर्णन कथा के रूप में किया। इस कारण उसे कथात्मक इतिहास का जन्मदाता भी माना जाता है।

411 ई० पू० में थ्यीडाड्स ने प्रबोधक इतिहास (Antique History) को जन्म दिया। उसने तथ्यों की उपयोगिता को मार्ग-प्रदर्शक के रूप में ग्रहण किया। 19वीं शताब्दी में सर्वप्रथम रैंक (Ranke) महोदय ने इतिहास का वैज्ञानिक ढंग से निर्माण किया। इस कार्य में निबूर (Niebur) ने भी बहुत सहायता की। इस प्रकार इन जर्मन विद्वानों के सफल प्रयत्नों ने वैज्ञानिक इतिहास (Scientific History) को जन्म दिया। इनके सद् प्रयासों का धीरे-धीरे सभी देशों में अनुकरण किया गया और प्रत्येक देश में वैज्ञानिक इतिहास निर्मित करने की विचारधारा प्रबल हो गयी।

इतिहास का अर्थ (Meaning of History)

‘History’ शब्द एक ग्रीक शब्द ‘Historia’ से निकला है, जिसका अर्थ है- जानना या ज्ञात करना। परन्तु प्रश्न यह उठता है कि किसको जाना जाय? इतिहास मानव के विचारों, कार्यों आदि को जानने का प्रयास करता है।

जेम्स शॉटवल के अनुसार इतिहास के दो अर्थ लगाये जा सकते है- (1) घटनाओं का लेखा-जोखा, और (2) स्वयं घटनाएं। वस्तुत: इतिहास के निर्माण के लिए घटनाओं की आवश्यकता होती है परन्तु इतिहास स्वयं घटनाएं नहीं वरन् यह घटनाओं का लेखा-जोखा है। अतीत के गर्भ में अनन्त घटनाएं समाहित हो चुकी हैं, परन्तु प्रत्येक घटना इतिहास नहीं है। हो, यदि उन्हें क्रमबद्ध रूप में संजोया जाय तो ले इतिहास की सामग्री अवश्य हो सकती हैं। सामान्यत: लोग यह कहते हैं कि इस पृथ्वी पर जो भी घटित हो गया है वह इतिहास है। परन्तु इसको स्वीकार करना उपयुक्त नहीं है क्योंकि इसको स्वीकार करने से पृथ्वी की कहानी इतिहास बन जायगी, जबकि पटनी की कहानी तो प्रकृति के वैज्ञानिकों के अध्ययन का विषय है। इतिहास के क्षेत्र में तो केवल मानव के विकास की कहानी को ही सम्मिलित किया जा सकता है। अतः हम कह सकते हैं कि जब से इस पृथ्वी पर मानव अवतरित हुआ तब से इतिहास का प्रारम्भ हो जाता है। इतिहास मानव के विकास की कहानी का एक ब्यौरा प्रस्तुत करता है।

शब्दकोष के अनुसार इस शब्द का अर्थ है- “सार्वजनिक घटनाओं का एक क्रमबद्ध लेखा।” यह राष्ट्र, व्यक्ति तथा धस्तुओं आदि से सम्बन्धित है। इतिहास राष्ट्रों के विकास से सम्बन्धित एक अध्ययन है। इस दृष्टि से इतिहास विश्व-इतिहास का समानार्थी है। इतिहास मानव के विकास की एक कहानी है। इस दृष्टि से इतिहास मानवता के विकास का पूर्ण एवं संक्षिप्त लेखा-जोखा है। विकास की यह श्रृंखला अति प्राचीन काल से चली आ रही है। इसके द्वारा मानव-सभ्यता की प्रत्येक सीढ़ी का दिग्दर्शन कराया जाता है। इसकी पुष्टि मेटलैण्ड के शब्दों से कर सकते हैं- “मानव ने जो कुछ किया तथा कहा और इससे परे उसने जो कुछ भी सोचा, वह सब इतिहास है।” ( “What men have done and said above all, what they have thought — that is history.” -Maitland )

इतिहास के अर्थ को और अधिक स्पष्ट करने के लिए नीचे कुछ परिभाषाएँ दी जा रही हैं :-

  • हेनरी जॉनसन- “इतिहास विस्तृत रूप में प्रत्येक घटना है जो कि कमी घटित हुई।”
  • अर्नाल्ड टायनबी- “इतिहास एक दर्शन है – यह पुंधला और अपूर्ण होते हुए भी जहां तक सम्भव है, वास्तविकता के समीप है। यह उस परम ब्रह्म का, जो उसकी निष्ठापूर्वक खोज करने वाली आत्माओं को उद्घटित करता है।”
  • रेपसन- “इतिहास घटनागों या विचारों को उन्नति का एक सुसम्बर लेखा है।”
  • कालं याल्पसं- “इतिहास हम लोगों के लिए केवल शात स्मृति ही नहीं है परन् वह स्मृति है जिससे हम जीवित रहते हैं।”
  • वी ० जी ० घाटे- “इतिहास हमारे सम्पूर्ण अतीत का वैज्ञानिक अध्ययन एवं लेखा है।“

इतिहास के विषय में विभिन्न धारणाएँ (Different Conceptions About History) – इतिहास के विषय में बहुत सी भ्रान्ति मूलक धारणाएँ प्रचलित हैं। उनमें से मुख्य को नीचे दिया जा रहा है-

  • सर राबर्ट वालपोल – यह इंगलैण्ड का प्रधानमन्त्री था। उसने इतिहास को बड़ी हेय दृष्टि से देखा । एक बार जब वह बीमार था तो उसकी पत्नी ने उसको इतिहास पढने के लिए दिया, तब वह चिल्लाकर बोला – हाँ, कोई भी वस्तु, परन्तु इतिहास नहीं।
  • नेपोलियन – इतिहास को सर्वसम्मत काल्पनिक गाथाएं कहा करता था (“What is history” said Napoleon, “but a fable agreed upon.”)
  • स्पेन्सर का मत है कि इतिहास पथ – प्रदर्शन हेतु महत्वहीन है। उसने कहा, “यह तुम चाहते हो तो इतिहास के तथ्यों को मनोरंजन के लिए पढ़ो, लेकिन यह कहकर अपनी चापलूसी मत करो कि वे निर्देशात्मक हैं।” [Read them (the facts of history) if you like, for amusement but do not flatter your self that they are instructive.]

इसके विपरीत कुछ धारणाएं ऐसी प्रचलित हैं जो कि इतिहास को बहुत महत्व प्रदान करती हैं। उसमें से मुख्य इस प्रकार हैं-

  • कामवैल के मतानुसार ईश्वर ने इतिहास रूप में अपने को व्यक्त किया है।
  • फ्रायड (Freud) का मत है कि इतिहास शताब्दियों से सत्य एवं असत्य की विवेचना करता चला आ रहा है।
  • जोन्स (Jones) महोदय के अनुसार- “इतिहास जोवन – अनुभवों की एक खान है और आज का युवक इतिहास का अध्ययन इसलिए करता है, जिससे वह प्रजाति के अनुभवों से लाभ उठा सके” (History is a veritable mine of life czperiences, and the youth of today studies history that he may profit by the experiences of the race.)

उपयुक्त दोनों प्रकार की धारणाओं को देखने से स्पष्ट हो जाता है कि ये धारणाएं बिना किसी आधार के नहीं हैं— अर्थात् वे अपना कुछ न कुछ आधार अवश्य रखती हैं। स्वतः ही प्रश्न उठता है कि ये धारणाएं क्यों बनी! इसके उत्तर में कहा जा सकता है कि विभिन्न काल, देश एवं परिस्थितियों में इतिहास की रचना विभिन्न उद्देश्यों से हुई और प्रत्येक उद्देश्य के अनुसार उसका रूप भी परिवर्तित हुआ। इतिहास का क्षेत्र (Scope of History) इतिहास का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है। इसके अन्तर्गत वे समस्त बातें आती जो कि मानव ने अति प्राचीन काल से लेकर आज तक की जो कहा तथा सोचा। इस प्रकार इसके क्षेत्र के अन्तर्गत मानव-सभ्यता का सम्पूर्ण इतिहास आता है। इतिहास के द्वारा मानव के सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक आदि सभी पक्षों का दिग्दर्शन कराया जाता है। जोन्स के कथन से इतिहास का क्षेत्र पूर्ण रूप से स्पष्ट हो जाता है। उनके अनुसार, इतिहास हमें पूर्व अनुभवों का एक अक्षय कोष प्रदान करता है। यह कोष वर्तमान स्थिति को समझने में बहुत सहायता प्रदान करता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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