शिक्षाशास्त्र / Education

नवोदय विद्यालय | नवोदय विद्यालय के उदेश्य | नवोदय विद्यालय की प्रमुख विशेषतायें

नवोदय विद्यालय
नवोदय विद्यालय

नवोदय विद्यालय | नवोदय विद्यालय के उदेश्य | नवोदय विद्यालय की प्रमुख विशेषतायें

नवोदय विद्यालय (नवोदय विद्यालय क्या है?)

(Navodaya Vidyalaya)

नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1988) में किए गए संकल्प-गति निर्धारक विद्यालय की स्थापना को पूरा करने के लिए नवोदय विद्यालय खोले जा रहे हैं। इन नवोदय विद्यालयों की स्थापना का मुख्य लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक अथवा अन्य किही सीमाओं के कारण शिक्षा से वंचित सालकों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराकर उनका संतुलित तथा बहुआयामी विकास करना है। इसके पीछे मान्यता यह है कि विशेष प्रतिमा व रुझान वाले बालकों को उत्तम गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराकर उन्हें तीव्र गति से अग्रसर होने के लिए अवसर प्रदान किये जाये। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु नवीन शिक्षा नीति में गति निर्धारक विद्यालय (Pace Setting School) स्थापित करने का संकल्प किया गया है। नवीन शिक्षा नीति में कहा गया है कि नवीन प्रवर्तन (Innovational) तथा प्रयोग (Experimentation) की पूर्ण छूट देते हुए एक निश्चित प्रारूप (Pattern) पर राष्ट्र के विभिन्न भागों में गति निर्धारक विद्यालय खोले जाएंगे।

नवोदय विद्यालय के उदेश्य (Objectives)- 

शिक्षा नीति के अनुसार इनके मुख्य उद्देश्य निम्न होंगे-

(1) समानता व सामाजिक न्याय के साथ-साथ श्रेष्ठता (Excellence) के लक्ष्य की प्राप्ति (अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बालकों के लिए आरक्षण के साथ)।

(2) देश के विभिन्न भागों से आये प्रतिभावान बालकों (Talented Children) तथा प्राय: ग्रामीण बालकों, को साथ-साथ रहने व पढ़ने के अवसर प्रदान करके राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करना।

(3) उनकी पूर्ण क्षमता का विकास करना।

(4) विद्यालय उन्नयन के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के उत्प्रेरण प्रदान करना।

(5) सामाजिक, आर्थिक अथवा अन्य किन्हीं सीमाओं के कारण शिक्षा से वंचित बालकों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराकर उनका संतुलित तथा बहुआयामी विकास करना।

(6) बालकों को उत्तम गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराना, चाहे उनके अभिभावकों के द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा पर किये जाने वाले व्यय की क्षमता तथा उनका सामाजिक आर्थिक स्तर कुछ भी क्यों न हों। प्रत्येक जिले में एक नवोदय विद्यालय के खोले जाने का प्रस्ताव है। ये नवोदय विद्यालय सरकार द्वारा पूर्णतया वित्तीय सहायता प्राप्त हैं। इनका प्रबन्ध भारत सरकार द्वारा गठित नवोदय विद्यालय समिति करती है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए अब नवोदय का नाम ‘जवाहर नवोदय विद्यालय’ कर दिया गया है।

सर्वप्रथम 1985-86 के दौरान झज्जर जिला रोहतक (हरियाणा) तथा अमरावती (महाराष्ट्र) में एक-एक नवोदय विद्यालय की स्थापना की गई। इसके उपरांत देश के विभिन्न भागों में लगभग 300 नवोदय विद्यालय और खोले जा चुके हैं।

नवोदय विद्यालय की प्रमुख विशेषतायें

(Main Characteristics)

(1) नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई की व्यवस्था है।

(2) ये विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबंधित हैं।

(3) कक्षा 6 से कक्षा 7 या 8 तक शिक्षा का माध्यम राज्य की क्षेत्रीय भाषा है लेकिन साथ-साथ अंग्रेजी व हिन्दी के शिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।

(4) कक्षा 8 या 9 से कक्षा 12 तक विज्ञान व गणित की शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी तथा सामाजिक विषयों की शिक्षा का माध्यम हिंदी है।

(5) नवोदय विद्यालय आवासीय तथा सहशिक्षा वाले हैं। इसमें छात्रों एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास है।

(6) नवोदय विद्यालय में शिक्षा पूर्णत: नि:शुल्क है। छात्र-छात्राओं को आवास, भोजन, पुस्तकें, पाठ्यसामग्री तथा गणवेश भी नि:शुल्क उपलब्ध कराये जाते हैं।

(7) प्रत्येक नवोदय विद्यालय में प्रतिवर्ष 80 छात्रों का कक्षा 6 में प्रवेश के लिये चयन होता है तथा ये छात्र ही आगामी कक्षाओं मे जाते हैं।

(8) जो छात्र ज्ञानार्जन में संतोषजनक प्रगति तथा आचरण बनाये रखने में असमर्थ रहता है उसे विद्यालय छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।

(9) इन विद्यालयों में 75% स्थान ग्रामीण छात्रों के लिए आरक्षित है। शेष 25% छात्रों की पूर्ति शहर क्षेत्र के अभ्यार्थियों से की जाती है।

(10) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए भी सम्बन्धित जिले में उनके अनुपात के आधार पर स्थान आरक्षित हैं। कम से कम 15% स्थान अनुसूचित जाति के लिए तथा 7.50% स्थान अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

(11) कुल स्थानों के एक तिहाई भागों को बालिकाओं के द्वारा पूरा करने का प्रयास रहता है। ये विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में खोले जायेंगे।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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