प्रश्नावली के निर्माण की आवश्यक बातें

प्रश्नावली के निर्माण की आवश्यक बातें | प्रश्नावली तथा अनुसूची | डाक से प्रेषित प्रश्नावली तथा अनुसूची में अन्तर | प्रश्नावली के निर्माण की प्रविधियों का वर्णन

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प्रश्नावली के निर्माण की आवश्यक बातें

(Ingredients of Questionnaire Construction)

(1) विषय का विश्लेषण (Analysis of the Subject)- अनुसन्धानकर्ता सर्वप्रथम अपने विषय का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करें।

(2) स्पष्ट तथा सरल प्रश्न (Clear and Easy Questions)- प्रश्न स्पष्ट तथा सरल हो ताकि प्रत्येक सूचनादाता उन्हें बिना किसी कठिनाई के वांछित अर्थ में समझ सके।

(3) उचित क्रम (Proper Order)- प्रश्नों को व्यवस्थित क्रम में लिखा जाना चाहिये जिससे कि प्रश्नावली में आन्तरिक सम्बद्धता आ जाये।

(4) सीमित पृष्ठों की प्रश्नावली (Questionnaire of Limited Pages)- प्रश्नावली में केवल चुने हुए प्रश्न हों जिससे कि सम्पूर्ण प्रश्नावली कुछ सीमित पृष्ठों में ही छप सके। उसकी छपाई इतनी आकर्षक हो कि सूचनादाता को उत्तर देने की प्रेरणा प्राप्त हों

(5) रहस्यमय प्रश्नों की उपेक्षा (To Avoid Mystic Questions)- ऐसे प्रश्न न पूछे जायें जिनके उत्तर देने में सूचनादाता के व्यक्तिगत जीवन के रहस्यों का उद्घाटन होता हो। सूचनादाता इस प्रकार के प्रश्नों के उत्तर सत्यतापूर्वक न देगा।

(6) ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में उत्तर वाले प्रश्न (Questions of ‘Yes’ or ‘No’ Replies) – प्रश्नावली में ऐसे वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या अधिक हो जिनके उत्तर ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में दिये जा सकें ऐसे प्रश्नों की सांख्यिकीय विवेचना की जा सकती है।

(7) केवल उपयोगी प्रश्नों का प्रयोग (Use of Useful Questions Only)- अनुसन्धानकर्त्ता विषय से सम्बन्धित विशेषज्ञों से परामर्श करके प्रश्नावली में केवल उपयोगी प्रश्नों को ही रखे।

(8) उपयुक्त भाषा का प्रयोग (Use of Proper Language)- प्रश्नों की भाषा द्वि-अर्थीय न हो अर्थात् उनके दो अर्थ न निकलते हों, उत्तरदाता प्रश्नों का वही भाव समझे जो अनुसन्धानकर्ता चाहता हैं

(9) क्रम (Order) – प्रश्नों का क्रम सामान्य से विशिष्ट तथा सरल से जटिल की ओर होना चाहिए। इनकी रचना मनोवैज्ञानिक ढंग से की जाये।

(10) अवकाश के दिन का सदुपयोग (Use of the Holidays)- प्रश्नावली इस प्रकार भेजी जाये कि वह सूचनादाता को शनिवार के दिन या किसी छुट्टी से एक दिन पूर्व मिल सके ताकि अवकाश के दिन सूचनादाता उसका उचित प्रकार से उत्तर लिख सके।

(11) सही पता (Correct Address) – यह देख लिया जाये कि प्रश्नावली ठीक पते पर भेजी जा रही है या नहीं।

(12) जवाबी लिफाफे का प्रयोग (Use of Stamped Envelope) – शीघ्र उत्तर पाने के लिये टिकट सहित जवाबी लिफाफा भी सूचनादाता के पास प्रश्नावली के साथ भेज दिया जाये।

(13) उद्देश्यों का वर्णन (Description of the Objectives)- प्रश्नावली के साथ एक सहभागी पत्र भी सूचनादाता के पास भेजा जाये जिसमें कार्य के उद्देश्यों का संक्षिप्त वर्णन हो‌ ताकि सूचनादाता के मन में उत्पन्न सन्देह समाप्त हो जाये। इसमें उत्तरदाता से सहयोग करने की प्रार्थना की जाये।

(14) प्रश्नों की पूर्व जाँच (Scrutiny of the Questions)- प्रश्नावली के प्रश्नों की पूर्व जाँच कर ली जाये।

(15) अनुगामी पत्र की व्यवस्था (System of Reminders)- यदि समय पर प्रश्नावली का उत्तर न आ सके तो अनुसन्धानकर्त्ता अनुगामी पत्र भेजकर सूचनादाता से शीघ्र उत्तर भेजने की प्रार्थना करे।

प्रश्नावली तथा अनुसूची

(Questionnaire and Schedule)

डाक प्रश्नावली तथा अनुसूची में अन्तर निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-

(1) जाँच की सम्भावना (Possibility of Verifiability)- प्रश्नावली प्रविधि से प्राप्त सूचनाओं की सत्यता की जाँच सम्भव नहीं है।

अनुसूची द्वारा प्राप्त सूचनाओं की सत्यता की जाँच अवलोकन द्वारा सम्भव नहीं है।

(2) सम्पर्क का स्वरूप (Nature of there Contact)- प्रश्नावली डाक द्वारा भेजी जाने के कारण अनुसन्धानकर्ता तथा सूचनादाता के मध्य प्रत्यक्ष तथा व्यक्तिगत सम्पर्क का अभाव होता है।

अनुसन्धानकर्ता अनुसूची लेकर सूचनादाता के पास स्वयं जाता है अतः इसमें अनुसन्धानकर्ता तथा सूचनादाता के मध्य प्रत्यक्ष तथा व्यक्तिगत सम्पर्क होता है।

(3) सार्वभौमिकता (Universality)- प्रश्नावली शिक्षित तथा एक निश्चित बौद्धिक स्तर के लोगों से सूचना प्राप्त करने के लिये प्रयुक्त की जा सकती है।

अनुसूची अशिक्षित तथा सभी बौद्धिक स्तरों के लोगों से सूचना प्राप्त करने के लिये प्रयोग की जा सकती है।

(4) उत्तर का भरा जाना (Replies to be Filled in)- प्रश्नावली के उत्तर सूचनादाता स्वयं भरता है।

अनुसूची में उत्तर अनुसन्धानकर्ता भरता है।

(5) सूचनादाता की अनुभूतियाँ (Feelings of the Informant)- प्रश्नावली प्रविधि के द्वारा उत्तर देते समय सूचनादाता की अनुभूतियाँ तथा आवेग भावना ज्ञात नहीं की जा सकती।

अनुसूची प्रवधि के द्वारा सूचनादाता की अनुभूतियाँ, आवेग और भावनायें आदि ज्ञात हो जाती हैं।

(6) प्रश्ना का स्वरूप (Nature of the Questions) – प्रश्नावली में प्रश्न अपेक्षाकृत विस्तृत होते हैं।

अनुसूची में प्रश्न सदैव संक्षिप्त होते हैं।

(7) अवलोकन का स्थान (Place of observation)- प्रश्नावली अवलोकन पर आधारित नहीं है।

अनुसूची पूर्णतया अवलोकन पर आधारित होती है।

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