विपणन प्रबन्ध / Marketing Management

उपभोक्ता के क्रय व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व | Factors Affecting Consumer’s Buying Behaviour in Hindi

उपभोक्ता के क्रय व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व | Factors Affecting Consumer’s Buying Behaviour in Hindi

उपभोक्ता के क्रय व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व

(Factors Affecting Consumer’s Buying Behaviour)

उपभोक्ता के क्रय व्यवहार को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं-

(1) आर्थिक तत्व (Economic Factors)-

आर्थिक तत्वों के अन्तर्गत हम ऐसे तत्वों का अध्ययन करते हैं जो उपभोक्ता की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करते हैं। इनमें निम्नलिखित तत्वों को सम्मिलित किया जाता है.

  1. व्यक्तिगत आय (Personal Income) – क्रेता की व्यक्तिगत आय उनकी क्रय शक्ति को प्रभावित करती है। क्रेताओं की व्यक्तिगत आय में वृद्धि प्रायः उपभोग में वृद्धि और व्यक्तिगत आय में कमी उपभोग में कमी करती है।
  2. परिवार का आकार एवं आय (Size of the Family and Income) – परिवार का आकार और उसकी आय क्रेता के खर्च करने के व्यवहार को काफी सीमा तक प्रभावित करती है।
  3. उपभोक्ता की आय आकांक्षायें (Consumer’s Income Expectation) – उपभोक्ता की आय आकांक्षाओं, जैसे विनियोग पर प्रत्याशित आय, जो कि उपभोक्ता को भविष्य में प्राप्त होने की आशा है, का उसके वर्तमान उपभोग व्यवहार पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
  4. उपभोक्ता की तरल सम्पत्ति (Consumer’s Liquid Assets)- प्रायः उपभोक्ता अपनी वर्तमान आय के अनुसार उपभोग करता है लेकिन उसके पास रखी हुई सुरक्षात्मक नकदी भी वर्तमान उपभोग को प्रभावित कर सकती है। इस प्रकार की नकदी आकस्मिक घटनाओं के लिए रखी जाती है।
  5. उपभोक्ता की साख (Consumer’s Credit)- उपभोक्ता की वस्तु को साख पर खरीदने की क्षमता भी उपभोक्ता के व्यवहार को प्रभावित करती है। साख सुविधा प्राप्त होने से उपभोक्ता अधिक वस्तुयें खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं।
  6. स्वाधीन आय (Discretionary Income) – स्वाधीन आय से आशय ऐसी आय से है जो आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति के पश्चात बच जाती है। इस प्रकार की आय को उपभोक्ता अपनी इच्छानुसार खर्च कर सकता है। जितनी ऐसी आय अधिक होगी उपभोक्ता उतनी ही अधिक वस्तुओं का उपभोग करने के लिए उत्सुक होता है।

(2) मनोवैज्ञानिक तत्व (Psychological Factors) –

उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने वाले प्रमुख मनोवैज्ञानिक तत्व अप्रलिखित हैं-

  1. ज्ञान सिद्धान्त (Learning Theory)- उत्पादकों या निर्माताओं को ज्ञान सिद्धान्त की सहायता से उपभोक्ता व्यवहार को समझने में बहुत सहायता मिलती है। इस सिद्धान्त की सहायता से उत्पादक यह पता लगाते हैं कि ग्राहक किसी वस्तु को क्यों खरीदते हैं, उसके सम्बन्ध में जानकारी कैसे प्राप्त करते हैं, वस्तु स्थिति का उनके मनोविज्ञान पर क्या प्रभाव पड़ता है? ज्ञान सिद्धान्त के अनुसार उपभोक्ता व्यवहार पर निम्न तत्व प्रभाव डालते हैं –

क. अभिप्रेरणा (Motivation)- क्रय प्रेरणायें उपभोक्ता व्यवहार पर बहुत प्रभाव डालती हैं। क्रय प्रेरणाओं के अन्तर्गत भावात्मक, विवेकपूर्ण, स्वाभाविक एवं सीखे हुए प्रयोजन आदि सम्मिलित होते हैं।

ख. नित्यता (Repetition)- उपभोक्ता के सम्पर्क में किसी चीज को निरन्तर लाने से उसके वस्तु ज्ञान में वृद्धि होती है, जैसे- किसी वस्तु के निरन्तर विज्ञापन से उपभोक्ता को वस्तु के बारे में ज्ञान प्राप्त हो जाता है, और वह वस्तु खरीदने के लिए प्रेरित होती है।

ग. वस्तु स्थिति (Reality)- वस्तु स्थिति का ज्ञान भी उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए यदि किसी वस्तु का पैकिंग आकर्षक बना दिया जाये तो अनेक नये उपभोक्ता उस वस्तु को खरीदना प्रारम कर देते हैं।

घ. समूह प्रभाव (Group Influence)- समूह प्रभाव भी उपभोक्ता व्यवहार को अभिप्रेरित करता है। यदि समाज का कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति किसी वस्तु का उपभोग करना प्रारम्भ कर देता है तो समाज के अन्य सदस्य भी उसका अनुसरण करना आरम्भ कर देते हैं।

  1. लाक्षणिक मनोविज्ञान (Clinical Psychology)- लाक्षणिक मनोविज्ञान के अन्तर्गत निम्नलिखित दो तत्वों को सम्मिलित किया जाता है – (क) अचेत अवस्था – अचेत अवस्था से आशय उस अवस्था से होता है जिसमें उपभोक्ता वस्तु विशेष को खरीदने या न खरीदने के कारण नहीं बता सकता। (ख) विवेकीकरण- यह मस्तिष्क सम्बन्धी क्रिया है जिसके द्वारा यह जाना जा सकता है कि उपभोक्ता किसी वस्तु का क्रय क्यों नहीं करता है?
  2. आधारभूत आवश्यकतायें एवं उपभोक्ता व्यवहार (Basic Needs and Consumer Behaviour) – उपभोक्ता व्यवहार आधारभूत आवश्यकताओं से अधिक प्रेरित होता है। सर्वप्रथम वह इन आवश्यकताओं को ही पूरा करता है।
  3. छवि एवं उपभोक्ता व्यवहार (Image and Consumer Behaviour) – उत्पाद छवि अथवा वस्तु ब्राण्ड छवि का उपभोक्ता व्यवहार पर अधिक प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष (Conclusion)-

उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने वाले आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक तत्वों का अध्ययन करने के पश्चात अब प्रश्न यह उठता है कि उपभोक्ता व्यवहार पर आर्थिक तत्व अधिक प्रभाव डालते हैं या मनोवैज्ञानिक तत्व? उपभोक्ता व्यवहार पर आर्थिक तत्वों की अपेक्षा मनोवैज्ञानिक तत्वों का प्रभाव अधिक पड़ता है। विपणनकर्त्ता को आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक दोनों ही तत्वों का अध्ययन करना चाहिए।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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