आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की समीक्षा पद्धति

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की समीक्षा पद्धति | द्विवेदी जी की समीक्षा की शैली | द्विवेदी जी की समीक्षा पद्धति की विशेषतायें | द्विवेदी जी की समीक्षा की शैली के प्रकार | द्विवेदी जी की समीक्षा की शैली के रूप

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की समीक्षा पद्धति | द्विवेदी जी की समीक्षा की शैली | द्विवेदी जी की समीक्षा पद्धति की विशेषतायें | द्विवेदी जी की समीक्षा की शैली के प्रकार | द्विवेदी जी की समीक्षा की शैली के रूप आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की समीक्षा पद्धति हिन्दी आलोचना के क्षेत्र में आवार्य हजारी प्रसाद…

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के समीक्षा सिद्धांत

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के समीक्षा सिद्धांत | द्विवेदी जी की साहित्य सम्बन्धी विचारधारा | द्विवेदी जी की व्यावहारिक समीक्षा सम्बन्धी मूल दृष्टि

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के समीक्षा सिद्धांत | द्विवेदी जी की साहित्य सम्बन्धी विचारधारा | द्विवेदी जी की व्यावहारिक समीक्षा सम्बन्धी मूल दृष्टि आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के समीक्षा सिद्धांत आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हिन्दी आलोचना के क्षेत्र में मानवता वाद के प्रतिष्ठाता है। यों कहना अधिक उपयुक्त है कि मानवतावाद ही आचार्य हजारी प्रसाद…

हिन्दी आलोचना के विकास में रामचन्द्र शुक्ल का योगदान

हिन्दी आलोचना के विकास में रामचन्द्र शुक्ल का योगदान

हिन्दी आलोचना के विकास में रामचन्द्र शुक्ल का योगदान हिन्दी आलोचना के विकास में रामचन्द्र शुक्ल का योगदान हिन्दी में आलोचना का वास्तविक आरम्भ वस्तुता आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के आगमन के साथ ही होता है। इनके पहले जो कुछ भी आलोचना थी उसे आलोचना की पृष्ठभूमि ही कहा जा सकता है। रीतिकाल में लिखे गये…

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की रसवादी समीक्षा

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की रसवादी समीक्षा

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की रसवादी समीक्षा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की रसवादी समीक्षा काव्य का उद्देश्य कल्पना में ‘बिम्ब’ उपस्थित करना होता है। इसे ही हम रूप विधान भी कह सकते हैं। चारों ओर फैला हुआ रूपात्मक जगत और मनोवृत्तियों या भावों की सुन्दरता स्थूल और सूक्ष्म दोनों प्रकार का जगत मन में रूप की सृष्टि…

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की समीक्षा पद्धति

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की समीक्षा पद्धति | आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी की समीक्षा पद्धति की विशेषताएँ

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की समीक्षा पद्धति | आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी की समीक्षा पद्धति की विशेषताएँ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की समीक्षा पद्धति आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी में समीक्षा शास्त्र की आधारशिला ही नहीं रखी प्रत्युत अपनी मौलिक समीक्षा प्रणाली हिन्दी को दी जिसका अनुकरण आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ0 नगेन्द्र आदि…

हिंदी आलोचना

हिंदी आलोचना | हिंदी आलोचना का उद्भव एवं विकास

हिंदी आलोचना | हिंदी आलोचना का उद्भव एवं विकास हिंदी आलोचना प्रत्येक युग का साहित्य युग विशेष की चेतना का प्रतिबिंवि होता है। उस युग की विचारणा, विधायें और शिल्पगत विशेषतायें उस काल के साहित्य में व्यक्त होती हैं। समीक्षक उन्हीं परिस्थितियों और इसके अतिरिक्त साहित्यकार की परंपरा उसके परिवेश और परवर्ती साहित्य पर पड़े…

हिन्दी निबन्ध-साहित्य के विकास

हिन्दी निबन्ध-साहित्य के विकास | हिंदी निबंध के उद्भव और विकास

हिन्दी निबन्ध-साहित्य के विकास | हिंदी निबंध के उद्भव और विकास हिन्दी निबन्ध-साहित्य के विकास निबंध की उत्पत्ति और विकास का श्रेय भारतेंदु को है। वह ऐसा युग था, जिसमें भारतीय साहित्य में एक नवीन चेतना का उदय हो रहा था। इस नवीन चेतना का प्रतिनिधित्व ‘हरिश्चन्द्र मैगजीन’, ‘ब्राह्मण’, ‘प्रदीप’ आदि पत्र-पत्रिकाएँ कर रही थी।…

अमीर खुसरो का जीवन परिचय

अमीर खुसरो का जीवन परिचय | अमीर खुसरो की रचनाएँ बताते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताएँ | अमीर खुसरो का काव्य रूप

अमीर खुसरो का जीवन परिचय | अमीर खुसरो की रचनाएँ बताते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताएँ | अमीर खुसरो का काव्य रूप अमीर खुसरो का जीवन परिचय अमीर खुसरो का जन्म सन् 1253 ई० में उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली गाँव में हुआ था। इनका वास्तविक नाम अबुल हसन था। आठ वर्ष की अवस्था…

अमीर खुसरो एक सच्चे देशभक्त

अमीर खुसरो एक सच्चे देशभक्त | अमीर खुसरो आदिकाल की खड़ी बोली के कवि है।

अमीर खुसरो एक सच्चे देशभक्त | अमीर खुसरो आदिकाल की खड़ी बोली के कवि है। अमीर खुसरो एक सच्चे देशभक्त थे अमीर खुसरो को माता हिन्दुस्तानी और पिता तुर्क थे। उनके नामा इमादुलमुल्क हिन्दुस्तानी तो थे ही, उनका रंग भी बना हुआ था वह पानी के बहुत शौकीन थे गोष्ठियों में अपने साथियों को पान…