शिक्षाशास्त्र / Education

दूरदर्शन | दूरदर्शन का शैक्षिक उपयोग | दूरदर्शन का गुण तथा दोष | शैक्षणिक टेलीविजन की प्रमुख योजनाएँ

दूरदर्शन | दूरदर्शन का शैक्षिक उपयोग | दूरदर्शन का गुण तथा दोष | शैक्षणिक टेलीविजन की प्रमुख योजनाएँ-

दूरदर्शन

वर्तमान में शिक्षण का प्रमुख शक्तिशाली माध्यम है दूरदर्शन। 1986 की नई शिक्षा नीति के अनुसार , “इस माध्यम से न केवल औपचारिक शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि अनौपचारिक शिक्षा के क्षेत्र में भी नये आयाम खोल दिये हैं।”

एलन हेनमोक- निम्नलिखित शैक्षिक उपयोग हैं-

(1) छात्रों में सृजनात्मक सहयोग के रूप में

(2) छात्रों को प्रेरित करने में।

(3) कठिनाइयों से उपलब्ध शिक्षण साधनों को उपलब्ध करना।

(4) उन छात्रों को जो विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं कर सकते उन्हें शैक्षणिक अवसर प्रदान करना।

(5) छात्रों को उच्च स्तरीय शिक्षण प्रदान करना।

(6) साक्षरता कार्यक्रमों के लिए-

(i) औद्योगिक श्रमिकों एवं किसानों के लिए, विशिष्ट कार्यक्रम के लिए।

(ii) अध्यापकों के लिए सेवा कालीन कार्यक्रम के प्रसार हेत।

(iii) अध्यापन शिक्षण में प्रदर्शन पाठ के लिए।

(iv) उन प्रयोग प्रदर्शनों के लिए उन्हें कक्षा में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है।

(v) विभिन्न शिक्षण साधनों के समायोजन से शिक्षण विषयों में स्तरीय शिक्षण के लिए।

गुण (Merits)

दूरदर्शन के प्रमुख शैक्षणिक गुण निम्न हैं-

(1) दूरदर्शन का आर्थिक, सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक मूल्य है। इसमें फिल्म के सभी लाभ निहित हैं ।

(2) इसके द्वारा प्रशिक्षित तथा विशेषज्ञ गुणी अध्यापकों की कमी का निराकरण सम्भव है।

(3) प्रभावी शिक्षण अनुभवों का आदान -प्रदान करने के लिए आवश्यक भौतिक सुविधाओं के अभाव में दर करना सम्भव है क्योंकि एक ही अध्यापक दूरदर्शन कार्यक्रम लाखों छात्रों तक पहुँचाता है।

(4) स्वयं अध्यापक की शिक्षण नीतियों/ तकनीकों के सुधार लाने में सहायक है क्योंकि पूर्व में रिकॉर्ड किये गये शिक्षण को देखकर अध्यापक को शिक्षण के शिथिल स्थलों का पता लग जाता है।

दोष (Demerits) –

दूरदर्शन के प्रमुख शैक्षिक दोष निम्न हैं-

(1) छात्र मात्र निष्क्रिय स्रोत होते हैं उन्हें कल्पना की आवश्यकता भी नहीं होती क्योंकि हर चीज पर्दे पर दिखायी पड़ती है।

(2) उन्हें अपने विचारों को श्रृंखलाबद्ध करने का अवसर नहीं मिल पाता।

(3) यह व्यय साध्य साधन है।

(4) यह छात्रों की मानसिक स्थिति, ज्ञान अधिगम क्षमता के अनुरूप नहीं होता।

(5) उन्हें अपनी जिज्ञासाओं को शान्त करने का तुरन्त अवसर नहीं मिलता जिसमें ज्ञान का पुनर्बलन सम्भव नहीं है।

शैक्षणिक टेलीविजन की प्रमुख योजनाएँ-

शैक्षिक दूरदर्शन जिसे संक्षेप में E.T.V. भी कहा जाता है, के द्वारा औपचारिक व अनौपचारिक शिक्षा की निम्नलिखित परियोजनायें संचालित हैं-

(1) सेकण्डरी स्कूल टेलीविजन प्रोजेक्ट (SSTV)।

(2) कृषिदर्शन- दिल्ली कृषि दूरदर्शन परियोजना (DATV)।

(3) उपक्रम अनुदेशनात्मक दूरदर्शन प्रयोग (SITE)।

(4) नवीन उपग्रह अनुदेशनात्मक दूरदर्शन परियोजना (New or Post-SITE Project)।

(5) भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह योजना (INSAT)।

(6) विश्वविद्यालय अनुदन आयोग- उच्च शिक्षा दूरदर्शन परियोजना (UGC-HETV)।

(1) थिंक एबाउट (Think about)- यह कार्यक्रम दूरदर्शन प्रसारण हेतु उत्तरी अमेरिका में निर्मित किया गया है जो 15 मिनट की अवधि का है तथा 60 खण्डों में निर्मित है । यह 10-12 वर्ष तक के बच्चों के लिये बनाया गया है। इसकी विषयवस्तु भाषा, सामाजिक अध्ययन और गणित है। ये कार्यक्रम कक्षा के बाहर उपयोग पर अधिक बल देते हैं। हल्का पाठ्यक्रम अध्यापकों तथा विषय के विशेषज्ञों की सहायता से निर्मित किया जाता है।

(2) यूरेका (EUREKA) कार्यक्रम- यूरेका शृंखला कक्षा 7 तथा 8 के लिये भौतिक विषय की पाठ्य सामग्री से निर्मित है। इसके द्वारा पाँच -पाँच मिनट के शैक्षिक कार्यक्रम इकाई के रूप में तैयार किये गये जिससे कि पाठ्यवस्तु के अस्पष्ट बिन्दुओं को स्पष्ट किया जा सके।

(3) फ्री स्टाइल (Free Style) – यह कार्यक्रम अमेरिका में 30-30 मिनट का 13 खण्डों में निर्मित है। इसका पाठ्य विषय ‘सामाजिक समस्यायें’ था। यह कार्यक्रम नाटकीय पद्धति पर निर्मित किया गया है जिसमें शैक्षिक उद्देश्य तथा मनोरजन दोनों का अल्प सामंजस्य है।

(4) सीन (Seane) – यह कार्यक्रम श्रेट ब्रिटेन में 15 वर्ष के विद्यार्थियों के लिये 20 प्रसारणों का कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम लगभग सभी विषयों के लिये तैयार किया गया जो कि विद्यार्थियों में अत्यधिक लोकप्रिय हुआ।

इस प्रकार स्पष्ट है कि वर्तमान में दरदर्शन का शैक्षणिक उपयोग प्रत्येक क्षेत्र में है। यही कारण है कि वर्तमान काल में दरदर्शन शैक्षणिक कार्यक्रम का प्रमुख स्रोत बना हुआ है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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