इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय | लक्ष्य एवं विशेषताएँ | राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का स्वरूप
इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय | लक्ष्य एवं विशेषताएँ | राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का स्वरूप
इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय अथवा इग्नू (IGNOU) विश्वविद्यालय का अर्थ
इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना संसद के अधिनियम द्वारा 20 सितम्बर 1985 को केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी। इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य था, “जनसंख्या के विशाल वर्ग के लिए विशेषकर सुविधा रहित वर्गों जैसे दूरस्थ क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कार्यरत, व्यक्तियों महिलाओं और प्रौढ़ों को सम्मिलित करके, जो विविध क्षेत्रों में अध्ययन द्वारा ज्ञान प्राप्त करने अथवा उच्चीकृत करने की इच्छा रखते हैं को उच्च शिक्षा सुलभ बनाना।”
भारत के राष्ट्रपति इस विश्वविद्यालय के पदेन विजिटर होते हैं। विश्वविद्यालय की व्यवस्था हेतु कुलपति, प्रबन्ध समिति, विद्या परिषद्, योजना परिषद्, वित्त समिति तथा मान्यता प्राप्त परिषद् कार्य करती है। कुलपति की सहायता हेतु प्रति कलपति तथा निदेशक होते हैं। इसके साथ ही कुल सचिव तथा वित्त अधिकारी के अतिरिक्त अन्य कर्मचारीगण कार्यरत होते हैं। इसे इग्नू क नाम से भी पुकारा जाता है।
विश्वविद्यालय के लक्ष्य एवं विशेषताएँ-
इन्दिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति को लेकर ही स्थापित किया गया है। इस विश्वविद्यालय को देश में दूरस्थ शिक्षा में समन्वय तथा इसके स्तर निर्धारण का दायित्व सौंपा गया है। इस विश्वविद्यालय के लिए देश में दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में विकास तथा द़ढ़ता प्रदान करने हेतु निम्नलिखित उद्देश्यों का निर्धारण किया जाता है-
उन सभी नागरिकों को उच्च शिक्षा प्रदान करने की सुविधा प्रदान करना जा अपनी योग्यता एवं क्षमता का विकसित करना चाहते हैं।
शिक्षा प्रदान करने हेतु पत्राचार, मुद्रित पाठयक्रम, संचार साधनों एवं प्रोद्यागिकी का भरपूर उपयोग विश्वविद्यालय द्वारा किया जाए।
विश्वविद्यालय में पंजीकृत छात्र द्वारा अपने समय तथा स्थान सम्बन्धी सुविधानुसार शिक्षा प्राप्त करना।
स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु दो प्रकार के मानदण्डों का प्रयोग पहला ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने 10+2 की शिक्षा प्राप्त की है तथा दूसरे ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने किसी भी प्रकार की शिक्षा ग्रहण नही की है। 10+2 पास विद्यार्थियों का मूल्यांकन और नामांकन इस विश्वविद्यालय में तत्काल हो जाता है जबकि शैक्षिक योयताविहीन विद्यार्थियों के प्रयोग हेतु परीक्षा उत्तीर्ण करना होता है। वर्तमान समाज में अध्यापक प्रशिक्षण (B.ED) हेतु भी विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रारम्भ हो चुके हैं।
प्रवेशर्थियों को प्रवेश के समय 20 वर्ष की आयु का होना आवश्यक है।
इस विश्वविद्यालय में समय-समय पर परीक्षाओं का संचालन तथा अनवरत मूल्याकन का प्रावधान है।
इस संस्था में बहुमाध्यम (Multimedia) शिक्षा प्रणाली अपनायी गयी है। जिसमें विभिन्न दृश्य-श्रवय सामग्रियों की सहायता ली जाती है।
यह शिक्षा की नयी व्यवस्था को सुलभ कराता है।
इस खुला विश्वविद्यालय की सम्पूर्ण देश में अनेकों अध्ययन केन्द्रों के रूप में स्थापना की गयी है जहाँ छात्रों को शिक्षकों द्वारा मार्गदर्शन के अतिरिक्त विभिन्न संपर्क कार्यक्रर्मों का आयोजन किया जाता है।
राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का स्वरूप-
इस विश्वविद्यालय का स्वरूप परम्परागत विश्वविद्यालय से अलग है। इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं है। यह पूरे देश के नागरिकों के लिए खुला है अर्थात् इस विश्वविद्यालय का स्वरूप राष्ट्रीय है। इस विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र समस्त देश में स्थापित किए गए हैं। इसका जो स्वरूप निर्धारित किया गया है वह इस प्रकार है-
(1) प्रशासनिक एवं शैक्षणिक कार्यों का संचालन केन्द्र द्वारा नियंत्रित होगा।
(2) इसका स्वरूप राष्ट्रीय होगा तथा राज्यों के लिए इस प्रकार के अलग-अलग विश्वविद्यालय होंगे।
(3) देश के विभिन्न जिले स्तर पर इसके अध्ययन केन्द्र होंगे। इन केन्द्रों की संख्या आवश्यकतानुसार निश्चित की जायेगी।
(4) इस मुक्त विश्वविद्यालय के अन्तर्गत चलते-फिरते (Mobile) केन्द्र भी होंगे।
(5) इस मुक्त विश्वविद्यालय के संचालन हेतु एक संयोजक होगा।
(6) मुक्त विश्वविद्यालय के समस्त कार्यों के लिए हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं का उपयोग होगा।
(7) मुक्त विश्वविद्यालय में शिक्षक के स्थान पर विभिन्न सामग्रियों के द्वारा शिक्षा प्रदान की जायेगी, जैसे-दृश्य-श्रव्य सामग्री, दृश्य उपकरण, दूरदर्शन, मुद्रित पाठ्य सामग्री, पत्राचार, सम्पर्क कार्यक्रम, वीडियो कैसेट ।
(8) विद्यार्थियों को गृह कार्य दिया जाएगा।
(9) दूरदर्शन पर शिक्षाप्रद कार्यक्रम प्रसारित होंगे।
शिक्षण कार्यक्रम-
यह विश्वविद्यालय विभिन्न दृश्य-श्रव्य सामग्री, दूरदर्शन, रेडियो, पत्राचार और संपर्क कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षण और मार्ग दर्शन देने का कार्य करता है। यह विश्वविद्यालय नवीनतम विधाओं और तरीकों से छात्रों तक विविध प्रकार का ज्ञान पहुँचाने के लिए तत्पर रहता है। विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय निम्न पाठ्यक्रम चलारहा है-
- प्रबन्धन में डिप्लोमा एवं डिग्री
- दूरस्थ शिक्षा में डिप्लोमा
- बी0ए0, बी0एस०सी0 बी0काम० का त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम।
- सृजनात्मक लेखन में डिप्लोमा।
- अध्यापक प्रशिक्षण में डिप्लोमा
- एम0ए0 (सभी विषयों में), एम0काम0 पीoएच0डी० आदि।
इसके अतिरिक्त इग्नू शिक्षण प्रदान करने हेतु निम्नलिखित कार्यक्रम का संचालन करता है –
(1) नेटवर्क पाठ्यक्रम (2) अनौपचारिक पद्धति (3) अलग से रेडियो और दूरदर्शन चैनल का संचालन (4) पढ़ाई के न्यूनतम स्तर का निर्धारण (5) राज्यों में चल रहे खुले विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय।
इस प्रकार स्पष्ट है कि इग्नू देश में दूरस्थ शिक्षा के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु कटिबद्ध है। भविष्य में इग्नू (IGNOU) लंदन के खुला विश्वविद्यालय की भांति अपना स्वयं पाठ्यक्रम निर्मित करेगा तथा समस्त देश में उच्च शिक्षा का एक जैसा स्तर बनाए रखने में सहायक होगा।
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