शैक्षिक तकनीकी / Educational Technology

माड्यूल | माड्यूल का शिक्षा में महत्व | माड्यूल एवं प्रचलित शिक्षण माध्यमों में विभेद

माड्यूल | माड्यूल का शिक्षा में महत्व | माड्यूल एवं प्रचलित शिक्षण माध्यमों में विभेद | Module in Hindi | Importance of modules in education in Hindi | Difference between modules and popular instructional media in Hindi

माड्यूल (Module)

पी.के. खासनवीस (1976) ने माड्यूल को स्पष्ट करते हुए। लिखा है कि- “माड्यूल एक ऐसी विधि हैं जो छात्रों को सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को व्यवस्थित करती है, जिससे वे सीखे गये तथ्यों, अनुभवों के प्रति जिम्मेदार बहराये जा सके।”

उपरोक्त कथन से स्पष्ट होता है कि माड्यूल एक ऐसा नवाचार है जो व्याख्यान विधि एवं मशीनों द्वारा संचालित वैयक्तिक एवं क्रमिक शिक्षण विधि (अभिक्रमित अनुदेशन) के बीच की स्थिति पर आधारित होता है। माड्यूल में शिक्षक एवं शिक्षार्थी दोनों व्यवस्थित एवं प्रणालीबद्ध होकर शिक्षण प्रक्रिया में भाग लेते हैं। माड्यूल से विद्यार्थी जो कुछ भी सीखते हैं वे उसके प्रति पूर्णरूप से उत्तरदावी भी होते हैं। इस प्रकार माड्यूल के द्वारा शिक्षक निश्चिन्त होकर अपनी शिक्षण प्रक्रिया का संचालन करते हुए छात्रों को अधिगम उद्देश्यों की प्राप्ति करने में सहायता प्रदान करती है। माड्यूल अनुदेशन में बड़ा उपयोगी होता है। इस कारण इसे अनुदेशनात्मक माड्यूल भी कहा जाता है।

माड्यूल में सर्वप्रथम पाठ्यवस्तु को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर लिया जाता है। प्रत्येक छोटे हिस्से को माड्यूलर यूनिट कहा जाता है प्रायः माड्यूलर यूनिट (Modular Units) का वर्गीकरण कक्षा या समूह के आकार एवं उपलब्ध समय के आधार पर किया जाता है। माड्यूल की रचना करते समय सरलता, रोचकता, क्रमबद्धता एवं नम्यता का ध्यान रखा जाता है, जिससे छात्र अपनी रुचि, गति, सामर्थ्य के अनुसार पूरे मनोवेग से अधिगम प्रक्रिया में भाग लेकर विभिन्न तथ्यों को आसानी से ग्रहण करके लें। ऐसे ही विचार की पुष्टि आर0एल0 एरेन्ड्स और उनके सहयोगिता ने करते हुए लिखा हैं कि-

“माड्यूल सीखने-सिखाने सम्बन्धी क्रियाओं का एक ऐसा समूह या समुच्चय है जो विद्यार्थियों को उपलब्धि के लिए एक या अनेक उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।”

Module is a set of learning activities intended to facilitate the student’s achievement of an objective or set of objectives.”

उपरोक्त विवेचनोपरान्त माड्यूल के बारे में निम्नलिखित बातें स्पष्ट होती हैं-

  1. यह परम्परागत विधियों के स्थान पर विकसित एक नवाचार है।
  2. इस से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया व्यवस्थित एक प्रणालीबद्ध बनती है।
  3. इस के द्वारा छात्रगण अपनी रुचि, गति, आवश्यकता के अनुसार सीखने में लिए आजाद होते हैं।
  4. इस से छात्र जो कुछ सीखते हैं उसके प्रति वे स्वयं जिम्मेदार होते हैं।
  5. माड्यूल निर्माण में सरलता, रोचकता, क्रमबद्धता एवं नम्यता का ध्यान रखा जाता है।
  6. इस से विद्यार्थी शैक्षिक उद्देश्यों को स्वयमेव प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
  7. इस से शिक्षण देते समय शिक्षक पूरी तरह निश्चित रहता है।

माड्यूल एवं प्रचलित शिक्षण माध्यमों में विभेद-

वर्तमान समय में प्रचलित शिक्षण माध्यमों एवं माड्यूल में निम्नलिखित विभेद परिलक्षित होते हैं।

माड्यूल

प्रचलित शिक्षण माध्यम

1. इसके उद्देश्यों में स्पष्टता होती है।

1. इसके उद्देश्य अस्पष्ट होते हैं।

2. इसमें उद्देश्य के अनुसार क्रियाकलाप निर्धारित किये जाते हैं।

2. उद्देश्य पर क्रियाकलाप आधारित नहीं होते हैं।

3. विकल्प चयन की स्वतंत्रता रहती हैं।

3. इसमें न विकल्प होते हैं न चयन की स्वतंत्रता ही रहती है।

4. इसके अधिगम उद्देश्य, सामग्री स्त्रोत सभी में अन्तःक्रियात्मक सम्बन्ध होता है।

4. इसमें ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती।

5. इसमें छात्र स्त्रोतों के सहारे अधिगम लक्ष्य कुशलता से प्राप्त कर लेते हैं।

5. इसमें अधिगम लक्ष्य को कुशलता से प्राप्त करने का कोई स्त्रोत नहीं होता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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