मुक्त विद्यालय | मुक्त विश्वविद्यालय की विशेषताएँ | मुक्त शिक्षा प्रणाली के उद्देश्य
मुक्त विद्यालय | मुक्त विश्वविद्यालय की विशेषताएँ | मुक्त शिक्षा प्रणाली के उद्देश्य
मुक्त विद्यालय (बेसिक ओपन शिक्षा (NIOS) के द्वारा संचालित) –
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की अनुशंसा के अनुरूप मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के शिक्षा विभाग के द्वारा एक राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (National Opcn Sclhool-NOS) सन् 1989 में की गई थी। जिसका नाम परिवर्तित कर बाद में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थापन ( NationalInstitute of Open Schooling) कर दिया गया। जिसे आज संक्षेप में NIOS के नाम से जानते हैं यह संस्थान विद्यालय स्तर पर (sclhool levcl) पर ऐसे छात्रों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य करता हे जो कि किन्हीं कारणों से बीच में पाठशाला छोड़ देते हैं (school dropouls) कामकाजी प्रौढ़ वर्ग की नागरिक (Working Adults) घरेलू महिलाएं (House Wives) तथा सामाजिक रूप से वंचित वर्ग (Deprived Groups) आदि।
शिक्षा के प्रसार को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर देश में अनेक शिक्षा प्रणालियों को अपनाया गया| जिनका उद्देश्य प्राथमिक माध्यमिक व उच्च स्तर पर शिक्षा का सर्व सुलभ बनाया था। इसी को ध्यान में रखकर दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता का महसूस किया था इसी आवश्यकता के मद्देदार सन् 1978-79 में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली (CBSE-Central Board of Secondary Education), नई दिल्ली द्वारा मुक्त विद्यालय पर आधारित एक प्रारम्भिक परियोजना (Pilt Project) तैयार किया गया। जिसकी सफलता एवं महत्ता के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (National Open School ) की स्थापना
मुक्त विद्यालय के प्रमुख कार्य-
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के प्रमुख दायित्व का कार्य निम्नलिखित है-
(1) इसका प्रमुख कार्य ऐसे छात्रों को प्राथमिक स्तर से लेकर पूर्व स्नातक स्तर तक लगातार दूरस्थ व लचीली (Flexiblec) शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध कराना, जो कि अब पढ़ने के इच्छुक हैं, परन्तु जिन्होंने किन्हीं कारणों से विद्यालयों शिक्षा को प्राप्त करने का प्रारम्भिक अवसर खो दिया है।
(2) राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय का मुख्य उद्देश्य सभी को शैक्षिक अवसरों की समानता के आधार पर शिक्षा के अवसर सुलभ कराना।
(3) राष्ट्रीय मुवत विद्यालयों शिक्षा संस्थान (NIOS) एक ऐसी शिक्षा संस्था हे जो स्कूल स्तर पर विभिन्न परीक्षाएं आयोजित करने तथा तद्नुसार प्रमाण-पत्र जारी करने का संवैधानिक अधिकार (Statutory Right) रखती है।
(4) यह केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) एवं भारतीय स्कूल प्रमाण-पत्र परीक्षा परिषद् (Council for the Indian Sch0ol Certificate Examination CISE) के समानान्तर राष्ट्रीय स्तर का समतुल्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Sccondary Education Board) हैं । यह विद्यालयों स्तर पर विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए अपनी पाठ्यच्या (Syllabi) स्वयं बनाता है, मुद्रण तथा इलैक्ट्रोनिक माध्यम की अध्ययन सामग्री तैयार करता है। तथा परीक्षा आयोजित करके भारत सरकार द्वारा प्रदान किये गये अधिकारों के अन्तर्गत छात्रों को पूर्व स्नातक स्तर तक की शिक्षा स्तर के प्रमाण-पत्र प्रदान करता है।
(5) राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयों संस्थापन (NIOS) के द्वारा इसकी गतिविधियों का आयोजन भारत, नेपाल, मध्य पूर्व ओर कनाडा में स्थापित विभिन्न क्षेत्रीय केन्द्रों (Regional Centres) और अपने अनेको प्रत्याशित संस्थाओं (Accrcdited Institution) अध्ययन केन्द्रों (study centres) के एक विशोल नेटवर्क के माध्यम में किया जाता है। इसके क्षेत्रीय केन्द्रो के द्वारा राज्य मुक्त विद्यालयों/राज्य शिक्षा विभागों तथा विभिन्न अध्ययन केन्द्रों का सम्पर्क राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयों शिक्षा संस्थान (NIOS) के अध्ययन योजना में मुद्रित स्व-अध्ययन सामग्री श्रव्य और दृश्य कार्यक्रम व्यक्तिगत सम्पर्क कार्यक्रम (Personal Contact Programme PCP) और अनुशिक्षक मूल्यांकित नियम कार्य (Tutor Markcd Assignments TMAs) सम्मिलित रहते हैं। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयों शिक्षा संस्थान अपने विद्यार्थियों को मुक्त शिक्षा (Open learning) नामक अर्द्धवार्षिक पत्रिका की माध्यम से गुणवत्ता पूर्ण अध्ययन सामग्री भी अतिरिक्त रूप में प्रदान करता है।
मुक्त विश्वविद्यालय की विशेषताएँ-
मुक्त विश्वविद्यालयों/मुक्त विद्यालयां की निम्न विशेषताएँ होती हैं-
(1) मुक्त विद्यालय / विश्वविद्यालय शिक्षा में नवाचारी अभिकरण हैं जो बर्तमान युग में शिक्षा की बढ़ती माँग को पूर्ण करने में सक्षम हैं।
(2) मुक्त विद्यालय/ विश्वविद्यालय सबके लिए खुले होते हैं अर्थात् इनमें प्रवेश हेतु आधारभूत शैक्षिक योग्यता की कोई आवश्यकता नहीं होती। इसी कारण इनमें वे सभी युवक प्रौढ़, वृद्ध, पंजीकृत हो सकते हैं जो किसी अन्य कारणवश शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते।
(3) ऐसे विश्वविद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति की अनिवार्यता न होने के कारण वे अपने घर पर ही सुविधानुसार स्वाध्याय विधि द्वारा शिक्षा ग्रहण कर लेते हैं।
(4) मुक्त विश्वविद्यालयों के द्वारा जीवन-पर्यन्त शिक्षा हेतु सतत् शिक्षा को बल मिलता है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अपने ज्ञान, कौशलों एवं तकनीकों की जानकारी अद्यतन कर सकता है।
मुक्त शिक्षा प्रणाली के उद्देश्य
मुक्त शिक्षा प्रणाली के प्रमुख उद्देश्य निम्न है-
- देश के नागरिकों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने में सहायता प्रदान करना।
- जनसंख्या के अधिकांश भाग को शिक्षा तथा प्रशिक्षण के साथ पूर्व दिशा प्रदान करना ताकि वह प्रबन्धकीय कौशलों में स्वयं रोजगार प्राप्त कर सकें।
- प्रवेश के साधन, स्मृति तथा शैक्षिक उपलब्धि के सन्दर्भ में प्राथमिक शिक्षा तथा प्रौढ़ साक्षरता का सार्वभौमिकरण के लिए शैक्षिक कार्या की क्षमता का निर्माण करना।
- 4. मुक्त शिक्षा के परिणामस्वरूप, जो माध्यमिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा की माँग बड़ी है, उसके लिये प्रावधान करना।
- माध्यमिक व उच्च स्तर की शैक्षिक व व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना ताकि उत्पन्न हो रहा व्यक्तिगत, समाजिक व आर्थिक वृद्धि की आवश्यकाताओं की पूरा किया जा सकें।
- अनेक स्तरों तथा अनेक शैक्षिक अवसरों का मिलान करना, जिससे कि जीवन स्तर की राष्ट्र के सन्दर्भ में ऊँचा उठाया जा सके।
- उच्च शिक्षा को अधिकांश जनसंख्या तक पहुँचाना तथा साथ ही शिक्षा के उच्च स्तर को बनाये रखना।
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