संगठनात्मक व्यवहार / Organisational Behaviour

नेतृत्व के गुण | नेतृत्व के शारीरिक गुण | नेतृत्व के बौद्धिक गुण | नेतृत्व के मनोवैज्ञानिक गुण

नेतृत्व के गुण | नेतृत्व के शारीरिक गुण | नेतृत्व के बौद्धिक गुण | नेतृत्व के मनोवैज्ञानिक गुण | Leadership Qualities in Hindi | Physical Qualities of Leadership in Hindi | Intellectual Qualities of Leadership in Hindi | Psychological qualities of leadership in Hindi

नेतृत्व के गुण

विद्वान पीटरसन तथा प्लोमन (Peterson and Plowman) ने कुशल नेतृत्व के गुणों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया है-

(I) शारीरिक गुण (Physical Qualities),

(II) बौद्धिक गुण (Intellectual Qualities) तथा

(III) मनोवैज्ञानिक गुण (Psychological Qualities)

(I) शारीरिक गुण (Physical or Physiological Qualities) :

एक सफल नेता बनने के लिए उसमें उत्तम शारीरिक गुणों का होना आवश्यक है, तभी वह अपने अनुयायियों एवं अन्य व्यक्तियों को प्रभावित कर सकेगा। शारीरिक गुणों में निम्नलिखित को सम्मिलित किया जा सकता है-

(1) उत्तम स्वास्थ्य (Sound Health)- नेता को अनेक महत्वपूर्ण कार्यों एवं उत्तरदायित्व को निभाना पड़ता है तथा सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों को प्रभावित करना पड़ता है। इसके लिए आवश्यक है कि वह उत्तम स्वास्थ्य वाला व्यक्ति हो। इस सम्बन्ध में एक प्रसिद्ध कहावत है कि “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।” अस्वस्थ व्यक्ति विभिन्न बीमारियों का शिकार होता है; स्वभाव से चिड़चिड़ा होता है; उत्तरदायित्व से सदैव बचने का प्रयास करता है तथा कुशलता की पंक्ति में सबसे पीछे खड़ा होता है।

(2) स्फूर्ति तथा सहनशीलता ( Vitality and Endurance) – स्फूर्ति का अर्थ है- चैतन्यता अथवा सजगता। सहनशीलता का अर्थ है कठिनाइयों के समय धैर्य से काम लेना। नेता में दोनों गुणों का होना परम आवश्यक होता है। इसका कारण यह है कि दोनों के होने से संकट की स्थिति में वह हिम्मत नहीं हारता अपितु निरन्तर प्रयास करता रहता है।

(II) बौद्धिक गुण (Intellectual Qualities)

शारीरिक गुणों के अतिरिक्त एक नेता में निम्नलिखित बौद्धिक गुणों का भी समावेश होना चाहिए-

(1) स्वस्थ्य निर्णय लेने की क्षमता (Capacity to take Sound Decision)- एक निश्चित परिस्थिति में अन्तर्निहित तथा परिवर्तनशील दोनों ही तथ्यों पर विचार करने तथा अपनी सम्मति निश्चित करने अथवा ऐसे तथ्यों की श्रेष्ठताओं के आधार पर उपयुक्त निर्णय को स्वस्थ्य निर्णय लेने की क्षमता कहते हैं किस परिस्थिति में क्या किया जाना चाहिए, इस सम्बन्ध में शीघ्र ही उपयुक्त निर्णय की योग्यता का होना परम आवश्यक होता है। इस गुण के होने पर ही वह अपना नेतृत्व कायम रख सकेगा।

(2) मानसिक क्षमता (Mental Capacity )- एक सफल नेता में विकसित मानसिक क्षमता का होना भी आवश्यक होता है, तभी वह द्वेष रहित, नवीन विचारधारा से परिपूर्ण एवं स्वीकार करने योग्य निर्णय लेने में समर्थ हो जाता है।

(3) गुणग्राह्याता (Receptiveness )- गुणप्रायता सफल प्रबन्धकीय संगठन की कसौटी है। इस गुण के निम्न पहलू हैं- (अ) नए ज्ञान तथा विचारों को प्राप्त करने तथा प्रयोग में लाने के लिए इच्छित होना। (ब) किसी समस्या एवं उसके हल पर शीघ्र पहुँचना। एक सफल नेता में उपर्युक्त गुण का होना आवश्यक होता है।

(4) समस्याओं की ओर वैज्ञानिक दृष्टिकोण ( Scientific Approach towards Problems )- एक सफल नेता के लिए महत्वपूर्ण बौद्धिक गुण विद्यमान समस्याओं के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अपनाया जाना भी है इसके लिए सन्तुलित मस्तिष्क की आवश्यकता होती है। जो कि तथ्यों को क्रमबद्ध कर सके तथा सही प्रत्याशी से उन्हें उचित प्रभाव तथा स्थान दे सके।

(III) मनोवैज्ञानिक गुण (Psychological Qualities)

उपर्युक्त दोनों गुणों के अतिरिक्त एक कुशल नेता में मनोवैज्ञानिक गुणों का होना भी आवश्यक होता है, तभी वह अपने अनुयायियों की भावनाओं के अनुरूप कार्य करते हुए अपने नेतृत्व को कायम रख सकता है। विभिन्न मनोवैज्ञानिक तथा कुशल एवं अनुभवी प्रबन्धकों के अनुसार एक कुशल नेता में निम्न मनोवैज्ञानिक गुणों का होना आवश्यक होता है-

(1) व्यक्तिगत आकर्षण शक्ति (Personal Magnetism)- व्यक्तिगत आकर्षण- शक्ति वह शक्ति है जो स्वतः ही अन्य व्यक्तियों के विश्वास एवं आदर को आकर्षित करती है। यह गुण चरित्र का वह भाग होता है जो कुछ तो जन्मजात (जैसे- भावनाएँ, स्वभाव आदि) होता है और कुछ प्राप्त (जैसे- अच्छा शिष्टाचार, आचरण आदि) किया जा सकता है।

(2) सहकारिता ( Co-operation ) – नेता का एक महत्वपूर्ण गुण यह भी है कि उसमें अधिक से अधिक लोगों के साथ मिलकर कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए, तभी वह अपने अनुयायियों को सन्तुलन में रख सकेगा एवं उनकी संख्या में वृद्धि कर सकेगा। उनमें समझौता करने, सामंजस्य (Adjustment) करने तथा अनुकूलित (To Adapt) होने की क्षमता होनी चाहिए।

(3) उत्साह, साहस और लगन ( Enthusiasm, Courage and Devotion)- व्यवसाय में तरह-तरह के उतार-चढ़ाव रहते हैं, जिनका सामना करने के लिए नेता में उत्साह, साहस और लगन का होना परम आवश्यक होता है।

(4) चातुर्य (Tact)- चातुर्य एक ऐसी चैतन्यशील मानसिक सतर्कता है जो इस विषय में सतर्क रहती है कि दूसरों से व्यवहार करते समय आक्षेपों से बचने के लिए क्या करना अथवा कहना अधिक उपयुक्त होगा। कुछ लोग इसका अर्थ धोखा, असत्यता एवं विश्वासघात से लगाते हैं जो कि सर्वथा गलत है। एक नेता को दूसरे व्यक्तियों से व्यवहार करते समय चातुर्य से काम लेना चाहिए।

उपर्युक्त प्रमुख गुणों के अतिरिक्त एक सफल नेता में आदर्श चरित्र होना भी आवश्यक होता है। प्रो० हाकिंग के शब्दों में, “एक चरित्रवान व्यक्ति अपनी आँखों द्वारा, अपनी वाणी द्वारा, अपने हाव-भाव द्वारा, अपने कथन के तत्व द्वारा अपने आदमियों में अपना हृदय डाल देता है।”

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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