शिक्षाशास्त्र / Education

सार्जेण्ट रिपोर्ट की मुख्य सिफारिश | सा्जेण्ट रिपोर्ट के गुण | सा्जेण्ट रिपोर्ट के दोष

सार्जेण्ट रिपोर्ट की मुख्य सिफारिश | सा्जेण्ट रिपोर्ट के गुण | सा्जेण्ट रिपोर्ट के दोष

सार्जेण्ट रिपोर्ट की मुख्य सिफारिश

(Main Recommendation of Sargent Report)

भारतीय शिक्षा के इतिहास में सार्जेण्ट रिपोर्ट अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस रिपोर्ट को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है। यथा-‘सार्जेण्ट योजना’, भारत में युद्धोत्तर शिक्षा विकास योजना तथा केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की रिपोर्ट। ब्रिटिश सरकार ने केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड को आगामी 40 वर्षों हेतु शिक्षा के विकास के लिए एक योजना बनाने के लिए कहा। उस समय ‘सर जॉन सार्जेण्ट’ भारतीय सरकार के शिक्षा सलाहकार थे। अतः केंद्रीय सलाहकार बोर्ड द्वारा सर जान साज्जेण्ट से ही योजना बनाकर प्रस्तुत करने हेतु प्रार्थना की गई। सर जॉन सार्जेण्ट ने 1844 ई० में योजना उसे लिखित रूप में, केंद्रीय सलाहकार बोर्ड के सामने प्रस्तुत कर दी। इन्हीं के नाम पर इस रिपोर्ट का नाम साज्जेण्ट रिपोर्ट रखा गया। यह रिपोर्ट अत्यन्त व्यापक एवं अर्थयुक्त है। सार्जेण्ट रिपोर्ट के कुल 12 भाग है। इस रिपोर्ट के प्रस्तुत सुझाव निम्नलिखित हैं-

(1) 3 से 6 वर्ष के शिशुओं हेतु नर्सरी विद्यालयों की स्थापना की जाये तथा इनमें प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाये।

(2) प्राथमिक शिक्षा (6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु) को अनिवार्य एवं निःशुल्क बनाया जाये।

(3) शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार किया जाये।

(4) 11 वर्ष: से 16 वर्ष तक के आयु के बालकों हेतु विद्यालयी स्तर की व्यवस्था समुचित प्रकार से की जाये।

(5) मानसिक एवं शारीरिक रूप से पिछड़े बालकों के लिए विशिष्ट शिक्षा की व्यवस्था की जाये।

(6) मनोरंजन एवं सांस्कृतिक क्रियाओं का आयोजन किया जाये।

(7) निर्धन बालको को चिकित्सा सुविधाये उपलब्ध करायी जायें।

(8) वित्त, अनुदान तथा शिक्षक प्रशासन को सशक्त बनाया जाये।

(9) रोजगार कार्यालयों की स्थापना की जाये।

(10) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का गठन किया जाये।

(11) स्नातक शिक्षा की अवधि 3 वर्ष तथा स्नातकोर शिक्षा की अवधि 2 वर्ष रखी जाये।

(12) व्यावसायिक शिक्षा का प्रबंध अंशकालीन एवं पूर्णकालीन आधार पर किया जाये।

सा्जेण्ट रिपोर्ट के गुण एवं दोष

सार्जेण्ट रिपोर्ट के गुण

(Merits of Sargent Report)

(1) यह रिपोर्ट अर्थपूर्ण एवं महत्त्वपूर्ण है ।

(2) यह रिपोर्ट अत्यन्त विस्तृत है।

(3) इस रिपोर्ट में गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा की व्यवस्था की गयी।

(4) इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली को प्रांरभ करने का सुझाव दिया गया।

(5) साजेंण्ट रिपोर्ट में शिक्षण व्यवसाय के महत्त्व को स्वीकार किया गया।

(6) इस रिपोर्ट में छात्रों को व्यावसायिक निर्देशन प्रदान करने के लिए सेवा योजनाओं की व्यवस्था की बात कहीं गयी।

सार्जेण्ट रिपोर्ट के दोष

(Demerits of Sargent Report)

(1) यह रिपोर्ट कोई मौलिक नहीं थी।

(2) इस रिपोर्ट में शिक्षा के विकास के लिए कोई ठोस कार्यक्रम नहीं बनाया गया था।

(3) इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय प्रणाली की रूपरेखा अपूर्ण थी।

(4) यह रिपोर्ट शिक्षा योजना की मात्र रुपरेखा थी।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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