प्रमुख जल मार्ग

प्रमुख जल मार्ग
विश्व के महत्वपूर्ण जल मार्ग निम्मलिखित हैं-
(1) उत्तर अटलांटिक मार्ग – यह संसार का सर्वाधिक बड़ा और महत्वपूर्ण जल मार्ग हैं । इसके एक किनारे पर प० यूरोप के ब्रिटेन, फ्रांस, जर्म नी, हालैण्ड आदि हैं और दूसरे छोर पर अमेरिका, कनाडा आदि हैं। लंदन, लिवरपूल, लिस्बन, न्यूयार्क, वोन्टीमोर, वास्टन मांट्रियल आदि इस मार्ग के प्रमुख बन्दरगाह हैं।
(2) पनामा नहर मार्ग – इसका निर्माण उस स्थान पर किया गया है जहाँ उत्तरी तथा द० अमेरिका एक दूसरे से मिलते हैं । इसकी लम्बाई 80 किमी ० त था चौड़ाई स्वेज नहर से भी अधिक है और यह सन 1914 में बनकर तैयार हुई थी। यह उ० तथा द० अमेरिका के पूर्वी तट को उनके पश्चिमी तट तथा प्रशान्त महासागर, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड और पूर्वी एशिया के देशों के साथ जोड़ती है । अमेरिका महाद्वीपों के पश्चिमी भाग का यूरोप के साथ व्यापार इसी मार्ग से होता है ।
(3) दक्षिण अटलांटिक मार्ग – यह दक्षिण अमेरिका के पूर्वी भाग में स्थित अर्जेन्टाइना, ब्राजील, यूरूग्दे आदि देशों को यूरोप तथा सं० रा० अमेरिका के पूर्वी भागों सो जोड़ता है । इस मार्ग द्वारा द० अमेरिका से यूरोप को खाद्यान्न, मांस खालें, ऊन, कॉफी आदि वस्तुएँ बड़ी माआ में भेजी जाती हैं । इसके बदले में यूरोप से इस्पात की वस्तुएँ, मशीनें, कपड़े, मोटर गाड़ियाँ तथा अन्य वस्तुएँ यहाँ आती हैं।
(4) केप मार्ग – स्वेज नहर के निर्माण से पूर्व यूरोप को एशिया तथा आस्ट्रेलिया से जोड़ने वाला एक मात्र जलमार्ग यही था । अफ्रीका के दक्षिणी भाग में पूर्व की ओर स्थित देशों का यूरोप के साथ सम्पूर्ण व्यापार इसी मार्ग से होता है । आस्ट्रेलिया इंगलैण्ड के लिए गेहू, आटा, मांस, पनीर, ऊन, खालें आदि इसी मार्ग से भेजे जाते हैं।
(5) भूमध्य सागर तथा हिन्द महासागर का सामुद्रिक जलमार्ग – यह पश्चिम यूरोप के औद्योगिक देशों को भूमध्य सागर, लाल सागर, हिन्द महासागर से होकर पू० अफ्रीका, द० एशिया एवं सुदूर पूर्व देशों को जोड़ता है । उस पर पोर्ट सईद, ऊदन, बम्बई, कोचीन, कोलम्बो मुख्य बन्दरगाह है । इससे पूर्व से कच्चा माल एवं पश्चिम से तैयार माल भेजा जाता है।
(6) स्वेज नहर मार्ग – मिस्त्र में स्थित 10475 मील लम्बी, 380 फुट चौड़ी और 35 फुट गहरी इस नहर का निर्माण 1869 में एक फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डिनांड डेलेसेप्स ने कराया था। यह भूमध्य सागर को अकब सागर के साथ जोड़ती है। इसके पश्चिम में पोर्ट सईद तथा पूर्व में स्वेज के बन्दरगाह हैं । इसके निर्माण से यूरोप तथा पूर्व के बीच का अन्तर काफी कम हो गया और यह एक प्रमुख जलमार्ग बन गयी है। यह यूरोप तथा उ० अमेरिका को एशिया, अफ्रीका तथा आस्ट्रिलिया के साथ जोड़ता है और पूर्व तथा पश्चिम के बीच होने वाला लगभग सम्पूर्ण व्यापार इसी के द्वारा होता है।
(7) अरब दक्षिण प्रशान्त महासागर मार्ग – यह अत्यन्त महत्वपूर्ण जलमार्ग है जिसका महत्व पनामा नहर के निर्माण के बाद और अधिक बढ़ गया है । इस म आर्ग के बाद और अधिक बढ़ गया है । इस मार्ग के प्रमुख बन्दरगाह हैं- कनाडा में बैंकूवर, अमेरिका में सैनफ्रैंसिस्के तथा लॉस एजिल्स, जापान में याकोहामा, कीवे तथा नागासकाकी, चीन में शंघाई, हांगकांग, फिलीपाइन्स में मनीला, न्यूजीलैण्ड में आकलैंड तथा वेलिंगटन और आस्ट्रेलिया में सिडनी तथा ब्रिसवेन आदि । उत्तरी प्रशान्त मार्ग सब फ्रासिस्ट को आद बन्दरगाहों को टोकियो आदि वन्दरगाहों से मिलाता है| उस लम्बे रास्ते में पोताश्रमों की कमी केकारण व्यापार कम होता है। दक्षिण प्रशांत मार्ग का प्रमुख केन्द्र होतो ल लू है इससे न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया व उत्तर अमेरिका एव पनामा नहर से होकर पश्चिम यूरोपीय देशों से व्यापार होता है।
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