विपणन संगठन से आशय | विपणन संगठन की आवश्यकता या महत्व
विपणन संगठन से आशय | विपणन संगठन की आवश्यकता या महत्व | Meaning of marketing organization in Hindi | Need or importance of marketing organization in Hindi
विपणन संगठन से आशय
(Meaning of Marketing Organisation)
विपणन संगठन का अर्थ समझने से पूर्व यह समझ लेना आवश्यक है कि विपणन संगठन सम्पूर्ण संस्था का एक विभाग है। अतः विपणन संगठन का दोहरा दायित्व है- प्रथम, विपणन विभाग के कार्यों का निष्पादन करते हुए विपणन उद्देश्यों की पूर्ति करना तथा द्वितीय, सम्पूर्ण संस्था के साथ समन्वय स्थापित करते हुए संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति में योगदान करना।
विपणन संगठन की इस दोहरी भूमिका को ध्यान में रखकर हम यह कह सकते हैं कि, “विपणन संगठन किसी संस्था के विपणन कार्यों में संलग्न व्यक्तियों का समूह है जो विपणन उद्देश्यों की पूर्ति करते हुए सम्पूर्ण संस्था के उद्देश्यों की प्राप्ति में योगदान देता है। इस संगठन के निर्माण में विपणन विभाग की समस्त क्रियाओं को विभिन्न विपणन विभागों एवं उपविभागों में एवं उनमें कार्यरत सदस्यों में विभाजित किया जाता है तथा उन सदस्यों के अधिकारों, दायित्वों तथा परस्पर सम्बन्धों को निर्धारित किया जाता है।”
विपणन संगठन की आवश्यकता या महत्व
(Need or Importance of Marketing Organisation)
विपणन संगठन की आवश्यकता या महत्व इस प्रकार हैं-
- प्रबन्धकीय कुशलता में योगदान (Contribution to the Managerial Efficiency)- एक विद्वान के अनुसार, “यदि विपणन संगठन की समस्याओं पर पर्याप्त समय एवं ध्यान दिया जाये तो प्रबन्धकीय प्रयासों एवं कार्यों को अधिक उत्पादक बनाया जा सकता है।” वास्तव में, विपणन संगठन प्रवन्धकीय क्षमता का अधिकतम उपयोग करने में योगदान देता है।”
संगठन का निर्माण कर लेने से कार्य बंट जाते हैं तथा अधिकार एवं दायित्व निर्धारित हो जाते हैं। इन सभी के परिणामस्वरूप संगठन का दिन-प्रतिदिन का कार्य सरलता से होता रहता है। प्रबन्धकों को दैनिक कार्यों के संचालन में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं रहती है। फलतः वे अधिक महत्वपूर्ण कार्यों की ओर ध्यान दे पाते हैं। भावी नियोजन के लिए अधिक समय निकाल पाते हैं। इस प्रकार प्रबन्धकीय क्षमता का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है।
- विशिष्टीकरण को प्रोत्साहन (Promotes Specialisation)- व्यवसाय के विकास के साथ-साथ विपणन विभाग का कार्य भी बढ़ जाता है। इन बढ़े हुए कार्यों को कोई अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता है। फलतः इन सभी कार्यों को विभिन्न व्यक्तियों को सौंपना होता है। विपणन संगठन बनाने के कारण कार्य की प्रकृति का पूर्व निर्धारण किया जा सकता है। अतः प्रत्येक कार्य के लिए दक्ष व्यक्तियों की नियुक्ति करना सरल हो जाता है। फलतः विशिष्टीकरण को प्रोत्साहन मिलता है।
- सम्बन्धों का निर्धारण (Determination of Relationships)- विपणन, संगठन के निर्माण से आपसी सम्बन्धों की स्पष्ट व्याख्या की जा सकती है। कौन व्यक्ति किसके साथ तथा किसके नियन्त्रण में कार्य करेगा, इस बात का भली प्रकार निर्धारण हो जाता है। इससे विपणन संगठन में कार्य करने वाले उच्च अधिकारियों और अधीनस्थ अधिकारियों के बीच सम्बन्धों का निर्धारण हो ही जाता है साथ ही सामान्य स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारियों के बीच सम्बन्धों का भी निर्धारण हो जाता है। फलतः प्रत्येक अधिकारी एवं अधीनस्थ अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर कार्य कर पाता है। वे एक-दूसरे के कार्य-क्षेत्र में अनजाने में भी हस्तक्षेप नहीं कर पाते हैं। फलतः सभी विपणन कार्य बिना किसी आपसी विरोध एवं संघर्ष के सम्पन्न किये जा सकते हैं।
- की प्राप्ति (Achievement of Objectives)- विद्वानों ने ठीक ही लिखा है कि, “संगठन व्यक्तियों का ऐसा समूह है जो किन्हीं सामान्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मिलकर प्रयास करता है।” अतएव अच्छे विपणन संगठन के द्वारा विपणन विभाग के उद्देश्यों को न्यूनतम लागत पर अधिकतम कुशलता के साथ प्राप्त किया जा सकता है।
- समन्वय में सुविधा (Facilitates Co-ordination)- टोसडल के अनुसार, “संगठन का उद्देश्य इच्छित परिणामों की प्राप्ति के लिए समूह के सदस्यों के प्रयासों में समन्वय स्थापित करना है।” वास्तव में, अच्छा विपणन संगठन सम्पूर्ण विपणन विभाग के कार्यों में समन्वय स्थापित करने में योगदान देता है। इससे विभिन्न विभागों, उप-विभागों, कर्मचारियों, अधिकारियों, आदि सभी के कार्यों में प्रभावपूर्ण समन्वय स्थापित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, इसके माध्यम से व्यक्तिगत एवं संस्थागत उद्देश्यों में भी समन्वय स्थापित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, विपणन संगठन विक्रय कार्यों तथा अन्य संस्थाओं, बाजारों, ग्राहकों, सरकार आदि के बीच भी समन्वय स्थापित करने में भी सहायक होता है।
- अधिकार प्रत्यायोजन में सुविधा (Facilitates Delegation of Authority) – विपणन संगठन का निर्माण कर लेने से प्रत्येक व्यक्ति की अपने अधिकारी एवं अधीनस्थों की जानकारी हो जाती है। अतः प्रत्येक व्यक्ति अपने अधिकारों का आसानी से प्रत्यायोजन कर सकता है तथा अधीनस्थों को उनके कार्यों के लिए उत्तरदायी भी ठहरा सकता है।
- कार्यों का पूर्व निर्धारण (Pre-determination of jobs)- विपणन संगठन का निर्माण करके कार्यों का पूर्व निर्धारण किया जा सकता है। विपणन विभाग के प्रत्येक कर्मचारी तथा अधिकारी का कार्य पहले से ही निश्चित कर देने से यथासमय सुव्यवस्थित ढंग से कार्य किया जा सकता है। अतः निर्णय अधिक ठोस हो सकते हैं तथा कार्य दीर्घकालीन आवश्यकता के अअनुसार पूर किये जाते हैं।
- अधीनस्थों की क्षमता का उपयोग (Use of Capacity of Subordinates) – अच्छा विपणन संगठन अधीनस्थों की क्षमता का पूर्ण उपयोग करने की प्रेरणा देता है। एक तो अधिकारों एवं दायित्वों का प्रत्यायोजन करके उनमें अधिक दायित्व की भावना जाग्रत की जा सकती हैं, दूसरे इससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है। जब उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है तो अधिकारी और अधिक अधिकारों का प्रत्यायोजन करते हैं। इससे अधीनस्थों की कार्यक्षमता का पूर्ण उपयोग किया जा सकता है।
- सभी कार्यों पर पर्याप्त ध्यान (Proper Attention towards All Activities)- किसी भी संस्था के विस्तार के साथ-साथ विपणन कार्य एंव उपकार्य भी बढ़ जाते हैं। उनको किसी भी संस्था के विस्तार के साथ-साथ विपणन कार्य एवं उप कार्य भी बढ़ जाते हैं। उनको भी यथा समय पूरा करना होता है। विपणन संगठन का निर्माण करके प्रत्येक छोटे से छोटे कार्य पर भी पर्याप्त ध्यान दिया जा सकता है। उन सभी को यथा समय पूरा भी किया जा सकता है।
- ग्राहकों के साथ सम्पर्क में सुविधा (Facilitates Contact with Customers) – यह हम सभी जानते हैं कि ज्यों-ज्यों विपणन कार्यों का विस्तार होता है तथा कर्मचारी बढ़ते हैं, त्यों- त्यों व्यवसाय के स्वामी या बड़े अधिकारियों का ग्राहकों से प्रत्यक्ष सम्पर्क धीरे-धीरे कम हो जाता है। ऐसे में अच्छे विपणन संगठन का निर्माण करके ग्राहकों के सम्बन्ध में सभी सूचनायें प्राप्त की जा सकती हैं। इससे ग्राहकों के साथ निरन्तर सम्पर्क बनाए रखा जा सकता है।
- मनोबल निर्माण में सहायक (Helps in Moral Building)- एक अच्छा विपणन संगठन के कर्मचारियों के मनोबल के निर्माण में सहायक होता है। संगठन के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को अपनी संगठनात्मक स्थिति, अधिकार, दायित्वों, भावी उन्नति की सम्भावना आदि की जानकारी होती है। इसी से वह अधिक कार्य करने को प्रेरित होता है और उसका मनोबल ऊँचा रहता है।
- नवीन विचारों एवं नवकरणों को प्रोत्साहन (Promotion of New Ideas and Innovations)- अच्छा विपणन संगठन नवीन विचारों एवं नवकरणों में भी योगदान दे सकता है। अच्छा विपणन संगठन व्यक्तियों को अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर स्वतन्त्र रूप से कार्य करने में योगदान देता है। इससे कर्मचारियों में नये विचार उत्पन्न होते हैं। वे कार्य करने की नवीन प्रणालियों के बारे में भी सोचते हैं। वे संगठन के प्रत्येक क्षेत्र में नवकरणों के बारे में विचार करते हैं तथा नवीनता लाने का प्रयास करते हैं।
- भ्रष्टाचार की समाप्ति (Eradicates Corruption)- एक अच्छा संगठन निष्ठावान, चरित्रवान एवं परिश्रमी कर्मचारियों की खान होती है। इसका कारण यह है कि प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार, दायित्व, कार्य आदि निश्चित होते हैं, इनके कार्यों के निरीक्षण के लिए नीतियाँ, नियम, प्रक्रिया, बजट आदि सभी निश्चित होते हैं। फलतः किसी के द्वारा मनमानी करने या गलत कार्य करने की सम्भावना न्यूनतम रह जाती है। प्रभावी ढंग से निरीक्षण तथा नियन्त्रण यथा समय किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार समाप्त हो जाता है या पनपने ही नहीं पाता है।
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