इंटरनेट पर उपलब्ध सेवाएँ

इंटरनेट पर उपलब्ध सेवाएँ | इंटरनेट के मुख्य तत्व

इंटरनेट पर उपलब्ध सेवाएँ | इंटरनेट के मुख्य तत्व | Services available on the Internet in Hindi | Main Elements of the Internet in Hindi

इंटरनेट पर उपलब्ध सेवाएँ

(Service Available on Internet)

वर्तमान में इंटरनेट पर विश्व भर का सम्पूर्ण सूचना तंत्र, ज्ञान, और इतिहास उपलब्ध है। अधिकतर बैंक, शैक्षिक संस्थाओं और लगभग सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं ने उपभोक्ताओं को अपनी सेवा देने के लिए इंटरनेट को माध्यम बना रखा है। इन संस्थाओं ने अपनी प्रणाली से सम्बन्धित डाटा और सूचना के डाटाबेस (Database) इंटरनेट के माध्यम से उपभोक्ताओं को चौबीसों घंटे उपलब्ध करवा रखे हैं। ये डाटाबेस और सूचनाएं इंटरनेट के विभिन्न नोडो पर लगे कम्प्यूटरों में संग्रहीत रहते हैं और उनका नामकरण कर दिया जाता है जिसे वेबसाइट (Website) कहते हैं। जैसे- www. Indiaresult.com एक वेबसाइट है।

इंटरनेट पर उपलब्ध सूचनाओं (वेबसाइट) को देखने के लिए इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटर में एक साफ्टवेयर प्रोग्राम को क्रियान्वित किया जाता है। वेबसाइट को खोलने के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले साफ्टवेयर प्रोग्राम को वेब ब्राउजर (Web Browser) कहते हैं, जैसे Microsoft Internet Explorer और Navigator वेब ब्राउजर प्रोग्राम हैं।

इंटरनेट पर उपलब्ध प्रमुख सेवाएँ निम्नलिखित हैं-

  1. इलेक्ट्रानिक मेल या ई-मेल (E-mail)- इंटरनेट पर जब यूजर एक कम्प्यूटर में से दूरस्थ स्थित दूसरे कम्प्यूटर में पत्र भेजता है तो इसे ई-मेल कहते हैं। यह सुविधा इंटरनेट पर सर्वाधिक प्रयुक्त की जाती है। इस सेवा का प्रारम्भ सन् 1970 से माना जाता है।
  2. न्यूज ग्रुप (News Group)- इंटरनेट पर सार्वजनिक संवाद (Public communication) के 34000 से अधिक समुदाय (Forums) हैं जो विभिन्न प्रकार के विषयों पर समाचारों का आदान-प्रदान करते हैं, इन्हें न्यूज ग्रुप कहते हैं। ये न्यूज ग्रुप (News Group) लगभग सभी प्रकार के तकनीकी और गैर तकनीकी विषयों जैसे विज्ञान, खेल, राजनीति, कम्प्यूटर विज्ञान, अर्थशास्त्र आदि पर सामग्री उपलब्ध करवाते हैं।

न्यूज ग्रुपों के इस समूह को यूजनेट (Usenet) कहते हैं। यूजनेट या न्यूजग्रुप का चलन सन् 1979 से प्रारम्भ हुआ था।

  1. फाइल ट्रांसफर (File Transfer)- एक कम्प्यूटर में उपस्थित फाइल को किसी दूसरे शहर में स्थित कम्प्यूटर में इंटरनेट से कॉपी कर सकते हैं, इसी क्रिया को फाइल ट्रांसफर कहते हैं। इसके लिए इंटरनेट पर एक प्रोटोकॉल क्रियाशील होता है जिसे फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP) कहते हैं।
  2. वर्ल्ड वाइड वेब (w.w.w.)- – इस अनुप्रयोग का आविष्कार अंग्रेज कम्प्यूटर विज्ञानी टिम बर्नर्स ली (Tim Berner Lee) ने फ्रेंच-स्विस सीमा पर जिनेवा के पास यूरोपीयन लेबोरेटरी फॉर पार्टीकल फिजिक्स (CERN) में भौतिक शास्त्रियों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक सूचनाओं के विनिमय के लिए किया था। किसी साइट पर टैक्स्ट, चित्र, ध्वनि और वीडियो के साथ सूचना को अनेक पेजों (वेब पेजों) में www की सहायता से इंटरनेट पर प्रदर्शित करना सुगम हो जाता है। इस सेवा की विशेषता यह है कि इसके द्वारा वेब साइटों में लिंक (Links) के जरिये अन्य वेब साइट पर एक माउस के क्लिक करने भर से जाया जा सकता है। www के आ जाने से इंटरनेट पर वेब पब्लिशिंगपर मल्टीमीडिया सहित सूचनाओं को वेब पेजों में प्रस्तुत करना सरल हो गया है। वेब पेज HTML, JavaScript, VRML, VBScript और Java भाषाओं में लिखे जाते हैं।
  3. रिमोट लोगिन (Remote Login) – Talent जैसी सेवाओं के द्वारा हम इंटरनेट पर किसी भी स्थान से दूरस्थ किसी भी कम्प्यूटर में कार्य कर सकते हैं, ऐसी क्रिया रिमोट लोगिन कहलाती है।

इंटरनेट के मुख्य तत्व

(Main Elements of Internet)

इंटरनेट पर विश्व भर के नेटवकों का नेटवर्क है और इस वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) में अनेक नोड और लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) होते हैं। लेकिन इंटरनेट को एक नेटवर्क मानकर इसके निम्नलिखित तत्व परिभाषित किये जाते हैं –

  1. क्लाइन्ट कम्प्यूटर (Client Computer)- जब कोई कम्प्यूटर टेलीफोन लाइन या केबल (Cable) के माध्यम से इंटरनेट से कनेक्ट (Connect) होता है तो इस अवस्था में यह कम्प्यूटर क्लाइंट कम्प्यूटर कहलाता है। क्लाइंट कम्प्यूटर इंटरनेट के सर्वर (Server) कम्प्यूटर से इंटरनेट पर उपलब्ध सेवाएं प्राप्त करता है।
  2. सर्वर कम्प्यूटर (Server Computer)- ये इंटरनेट पर चौबीसों घंटे कार्यशील रहने वाले शक्तिशाली कम्प्यूटर होते हैं। क्लांइट कम्प्यूटर टेलीफोन लाइन या केबल के माध्यम से कनेक्ट होकर सर्वर से विभिन्न प्रकार के डाटा और सूचनाएँ वेब साइट या अन्य किसी साधन से प्राप्त करता है। सर्वर एक ही समय में अनेक क्लाइंट कम्प्यूटरों द्वारा मांगी गई सूचनाएं और वेब साइटों को एक साथ प्रदान करने में सक्षम होता है।
  3. नोड (Node)- इंटरनेट पर स्थित किसी क्लांइट, सर्वर या नेटवर्क को नोड कहते हैं।
विपणन प्रबन्ध – महत्वपूर्ण लिंक

Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *