उद्यमी की अवधारणा

उद्यमी की अवधारणा | उद्यमी की विशेषताये एवं लक्षण | उद्यमी की भूमिका एवं महत्व

उद्यमी की अवधारणा | उद्यमी की विशेषताये एवं लक्षण | उद्यमी की भूमिका एवं महत्व | Concept of Entrepreneur in Hindi | Characteristics and features of an entrepreneur in Hindi | Role and Importance of Entrepreneur in Hindi

उद्यमी की अवधारणा

उद्यमी उत्पादन का चौथा महत्वपूर्ण साधन है। आधुनकि युग में उत्पादन के साधनों में उद्यमी का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। मानव शरीर में मस्तिष्क का जो कार्य होता है, वही कार्य उद्योग में उद्यमी का होता है। इसे उद्योग का कप्तान कहा जाता है। क्लासिकल अर्थशास्त्री उद्यमी तथा संगठन में कोई अन्तर नहीं मानते थे। उस समय उत्पादन का पैमाना छोटा था, इसलिये जो व्यक्ति पूँजी लाता था, वही अधिकांशतः संगठन भी करता था तथा जोखिम उठाता था। परन्तु जब से संयुक्त-पूँजी कम्पनियाँ आरम्भ हुई हैं तथा उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगता है, जोखिम उठाने तथा संगठन करने का काम अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा किया जाने लगा है।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मार्शल के अनुसार, “उद्यमी उद्योग का कप्तान होता है, क्योंकि वह जोखिम एवं अनिश्चितता का वाहक ही नहीं होता है वरन् वह एक प्रबन्धक, भविष्य दृष्टा, नवीन उत्पादन विधियों का आविष्कारक तथा देश के आर्थिक ढाँचे का निर्माता भी होता है। अपने लाभों को अधिकतम करने के लिये एक ओर वह उद्योग की आन्तरिक व्यवस्था पर पूरी निगाह रखता है तो दूसरी ओर, वह अपने प्रतिद्वन्द्वियों की गतिविधियों पर भी पूरा ध्यान रखता है।”

प्रबन्ध विशेषज्ञ पीटर एफ०ड्रकर के अनुसार, “उद्यमी वह व्यक्ति होता है, जो सदैव परिवर्तन की खोज करता है, उस पर प्रतिक्रिया करता है तथा एक अवसर के रूप में उसका लाभ उठाता है।”

उद्यमी की विशेषताये एवं लक्षण

(Characteristics of Entrepreneur)

उद्यमी की विशेषता को स्पष्ट करते हुये पीटर एफ० ड्रकर ने कहा है कि “उद्यमी विनियोजक नहीं होता है। यद्यपि हो सकता है किन्तु यह अक्सर कर्मचारी होता है अथवा वह अकेला तथा पूर्णतः स्वयं ही कार्य करता है।” अतएव-

उद्यमी की प्रमुख विशेषतायें अथवा लक्षण निम्नलिखित हैं-

(1) उद्यमी में व्यूहरचनात्मक योग्यता का गुण पाया जाता है।

(2) उद्यमी अवसरों का विदोहन करते हैं।

(3) उद्यमी नेतृत्व प्रदान करता है।

(4) उद्यमी का प्रतिफल लाभ होता है।

(5) उद्यमी के लिये अनुकूल व्यावसायिक वातावरण का होना आवश्यक है।

(6) उद्यमी स्वयं में एक संस्था है, क्योंकि यह समाज में विभिन्न संस्थाओं को जन्म देता है।

(7) उद्यमी गतिशील प्रतिनिधि है।

(8) उद्यमी अवसरवादी होते हैं।

(9) उद्यमी उच्च प्राप्तियों में विश्वास रखते हैं।

(10) उद्यमी ही समाज में नवप्रवर्तन करते हैं।

(11) उद्यमी परिवर्तन एवं शोध पर सर्वाधिक बल देता है।

(12) उद्यमी या साहसी सदैव उच्च उपलब्धि में विश्वास रखता है तथा असम्भव कार्य को सम्भव बनाने का प्रयत्न करता है।

(13) उद्यमी का उपक्रम के साथ विश्वासाश्रित सम्बन्ध होता है।

(14) उद्यमी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह होता है।

(15) उद्यमी जीवन के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण रखते हैं।

(16) उद्यमी स्वतन्त्र जीवन व्यतीत करना पसन्द करते हैं।

(17) नवप्रवर्तन हेतु उद्यमी आवश्यक सूचनायें एवं तकनीकी क्रियाएँ विकसित करते हैं।

(18) उद्यमी दूरदृष्टि वाला व्यक्ति होता है।

(19) उद्यमी सुविचारित जोखिम वहनकर्ता होते हैं।

(20) उद्यमी पेशेवर व्यक्ति होता है।

(21) उद्यमी अभिप्रेरक होता है।

(22) उद्यमी समन्वयकर्ता होता है।

(23) उद्यमी में अपार प्रेरक शक्ति होती है।

(24) उद्यमी भविष्यदृष्टा होता है।

(25) उद्यमी अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सदैव समर्पित होता है।

(26) उद्यमी का दृष्टिकोण सदैव सकारात्मक होता है।

(27) उद्यमी व्यवसाय व उद्योग को कुशल नेतृत्व प्रदान करता है।

(28) उद्यमी संगठनकर्ता होता है।

(29) उद्यमी नवीन उपक्रमों की स्थापना में विशेष रुचि लेता है।

(30) उद्यमी द्वारा लिये गये निर्णयों में पर्याप्त लोच होती है।

उद्यमी की भूमिका एवं महत्व

उद्यमी की भूमिका एवं महत्व निम्नलिखित है-

(1) उद्यमी उत्प्रेरक तत्व की भूमिका निभाता है।

(2) उद्यमी किसी भी अर्थव्यवस्था का गतिशील प्रतिनिधि होता है।

(3) उद्यमी नवप्रवर्तक होते हैं, अतः वे नये-नये औद्योगिक उपक्रमों के निर्माण के कार्य को करते हैं।

(4) उद्यमी समस्त आर्थिक विकास का मूल आधार है।

(5) उद्यमी देश की आर्थिक योजनाओं को लागू करने में सहायता करते हैं।

(6) उद्यमी रोजगार के नये-नये अवसर प्रदान करते हैं।

(7) उद्यमी देश के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं।

(8) उद्यमी सभी व्यावसायिक क्रियाओं का आधार है।

(9) उद्यमी उपक्रम के प्रवर्तन के साथ नव प्रवर्तन कार्यों को भी करता है।

(10) उद्यमी पूँजी निर्माण में सहायक होता है।

(11) उद्यमी समाज को नवीन वस्तुयें प्रदान करता है।

(12) उद्यमी किसी भी राष्ट्र के आर्थिक विकास में अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान देता है।

(13) उद्यमी नये-नये उपक्रमों की स्थापना करता है।

(14) उद्यमी साधनों का उपयोग करता है।

(15) उद्यमी राष्ट्रीय आय में वृद्धि करने में सहायता करता है।

(16) उद्यमी गरीबी के दुश्चक्र को तोड़ते हैं और समृद्धि लाते हैं।

(17) उद्यमी मूलतः नवप्रवर्तक (Innovator) और सृजनकर्ता (Creator) होता है।

(18) उद्यमी समाज का जीवन स्तर उच्च करने में सहायक होता है।

(19) नव-प्रवर्तन क्रियाओं के द्वारा उद्यमी सामाजिक ढाँचे में परिवर्तन में भी सहायक होता है।

(20) उद्यमी उद्योग का आधार स्तम्भ होता है।

(21) उद्यमी देश के औद्योगिक विकास में सहायक होता है।

(22) उद्यमी नवीन बाजारों का विकास करता है।

(23) उद्यमी समाज के उत्पादक साधनों का संगठनकर्ता होता है।

(24) उद्यमी को उद्योग रूपी जहाज माना जाता है।

(25) उद्यमियों की कुशलता का कुल उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है।

(26) उद्यमी बड़े पैमाने पर उत्पादन को सम्भव बनाता है।

(27) उद्यमी आधुनिक उत्पादन विधियों द्वारा उपभोक्ता की रुचि व माँग के अनुसार ही वस्तुओं का उत्पादन करता है।

(28) उद्यमी आधुनिक व्यवसाय की आधारशिला है।

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