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कम्प्यूटर क्या हैं? | कम्प्यूटर की मूल संरचना | What are computers in Hindi | Basic structure of computer in Hindi

कम्प्यूटर क्या हैं? | कम्प्यूटर की मूल संरचना | What are computers in Hindi | Basic structure of computer in Hindi

कम्प्यूटर (Computer)-

मुख्यतः जैसा कि कम्प्यूटर शब्द से विदित होता है, “कम्प्यूटर वह यंत्र या मशीन है जो गणना करती है।”

कुछ लोगों के विचार में, “कम्प्यूटर, नियमों का अनुसरण कर तीव्र गति से चलने वाली जड़ मशीन है।”

कम्प्यूटर की तीव्र गति से चलने वाली मशीन, इसलिए कहते हैं, क्योंकि कुछ गणनाएँ या गणितीय प्रक्रियाएँ (Mathematical Operations) जिन्हें करने में मनुष्य को वर्षों लग सकते हैं, उन्हें कम्प्यूटर कुछ सेकण्ड में पलक झपकते ही कर लेता है। कम्प्यूटर को नियमों का अनुसरण करने वाला इसलिए कहा जाता है, क्योंकि डेटा या सूचनाओं को संसोधित (Process) करने में यह उन नियमों (Rules) या निर्देशों (Instructions) का बिल्कुल वैसा ही अनुसरण करता है, जैसा कि वे पहले से ही कम्प्यूटर में निविष्ट या डाले गए (Feed) हैं।

कम्प्यूटर को इंडियट या ‘जड़’ इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह निर्देशों का बिना सोचे समझे सख्ती से अनुसरण करता है, चाहे वह स्वयं ही क्यों न नष्ट हो जाए।

कम्प्यूटर केवल तीव्र गति से गणना करने वाली जड़ मशीन ही नहीं हैं, बल्कि उसके कुछ बुनियादी कार्य भी हैं-

  1. सूचना या आँकड़े ग्रहण करना (Input)
  2. सूचना या आँकड़ों का संचयन (Storage)
  3. सूचना या आंकड़ों का प्रक्रियन या संशोधन (Process)
  4. परिणाम या निर्गम (Output)
  5. पुनः प्राप्ति और सुधार (Retrial)।

उपर्युक्त कार्यों के आधार पर कम्प्यूटर को निम्नलिखित ढंग से परिभाषित किया जा सकता है, “कम्प्यूटर वह स्वचालित इलेक्ट्रानिक मशीन है, जो सूचनाओं को ग्रहण करता है, उनका संचयन करता है, उनको संशोधित करता है तथा परिणाम देता है और उन्हें पुनः प्राप्त भी कर सकता है।”

कम्प्यूटर की मूल संरचना

  1. निवेश यंत्र (Input Devices) – निवेश यंत्र जैसे कि की बोर्ड (Key board), माउस (Mouse) आदि कार्ड, पेपर टेप, मैग्नेटिक टेप, डिस्क, ड्रम या पेपर डॉक्यूमेण्ट पर रिकॉर्ड किए गए मूल आँकड़ों (Source Data) को कम्प्यूटर में निविष्ट (enter) करते हैं।
  2. संचयन/भण्डारण (Storage)- निवेश यंत्र आँकड़ों को स्टोर में इस प्रकार संचित करता है, कि वे उपयुक्त तरीके से सूचीबद्ध (Properly Indexed) हो जाते हैं और कम्प्यूटर को आवश्यकतानुसार जब चाहे तब उपलब्ध भी हो सकते हैं। भण्डारण में आँकड़ों का विशेष स्थान और पता होता है। आँकड़ों को आवश्यकता पड़ने पर ढूंढ़ा जा सकता है।

विभिन्न प्रकार से निविष्ट किए गए आँकड़ों को कम्प्यूटर चाहे तो फिर से ढूँढ़ कर पुनः व्यवस्थित और संयुक्त कर सकता है।

भण्डारण की क्षमता ही निश्चित करती है कि कितनी मात्रा में सूचनाओं या आँकड़ों का संचयन हो सकता है।

भण्डारण की क्षमता ही कम्प्यूटर की मेमोरी (Memory) कहलाती है, यह दो प्रकार की होती हैं—

  1. मुख्य स्मृति या भीतरी स्मृति (Immediate Access Storage) – यह कम्प्यूटर की भीतरी या आंतरिक स्मृति (Memory) हैं, जिसमें सूचनाएँ स्टोर रहती हैं, आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग कम्प्यूटर करता है तथा इन सूचनाओं को बाहर भी निकाल सकता है। यह स्मृति (Memory) दो प्रकार की होती हैं-ROM (Read Only Memory) तथा RAM (Random Access Memory)।

ROM को कम्प्यूटर का निर्माण करते समय उसमें स्थायी रूप से भर दिया जाता है। इस स्मृति को केवल पढ़ सकते हैं, लेकिन इसे प्राप्त (Access) नहीं किया जा सकता है।

RAM में डेटा या आँकड़ों को बार-बार स्टोर करके मिटाया जा सकता है। यह स्मृति अस्थाई होती है लेकिन इसे प्राप्त (Access) किया जा सकता है।

  1. बाह्य स्मृति या एक्सटरनल मेमोरी स्टोरेज (External Memory Storage) – कम्प्यूटर की भीतरी स्मृति (Memory) सीमित होती हैं, अतः मेमोरी की क्षमता को बढ़ाने के लिए बाह्य स्मृति भण्डारण (External Memory Storage) का उपयोग किया जाता है, जैसे-

मैग्नेटिक डिस्क-फ्लापी या हार्ड डिस्क

मैग्नेटिक टेप या मैग्नेटिक ड्रम

आजकल कम्प्यूटर की सहायता से अनुदेशन (CAI) में कॉम्पैक्ट डिस्क मेमोरी (CD ROM) का प्रचलन अधिक है। इसका प्रयोग प्रकाशन तथा डेटाबेस के लिए किया जा रहा है।

केन्द्रीय संसाधन/प्रक्रियन इकाई (Central Processing Unit : CPU)- कम्प्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य भाग है। इसके दो भाग हैं-

i. गणितीय/तार्किक इकाई (Arithmetic/Logic Unit : ALU)

ii. नियंत्रण इकाई (Control Unit)

केन्द्रीय प्रक्रियन/संसाधन इकाई (CPU) के निम्नलिखित कार्य है-

  1. गणना या गणितीय प्रक्रिया जैसे कि जोड़, गुणा, भाग आदि करना।
  2. तार्किक कार्य, जैसे कि तुलना करना, स्थानान्तरण करना गति देना आदि।
  3. निवेश वहिवेश (Input Output) से सम्बन्धित कार्य, जैसे कि आँकड़ों या सूचनाओं को स्वीकार करना तथा निर्गम या वहिर्वेश (Output) उत्पन्न करना तथा निष्कर्ष देना।
  4. आँकड़ों को भण्डारण (Storage) में ले जाना तथा भण्डारण से अपने-अपने विभिन्न भागों में ले आने से सम्बन्धित योजना (Schedule) बनाना।
  5. आँकड़ों को स्वीकार कर छाँटने का कार्य करना, संशोधित (Process) करना तथा परिणाम की जानकारी देना।
  6. नियंत्रण इकाई (Control Unit) पूरे कम्प्यूटर के क्रिया-कलाप को नियंत्रित करता है निर्देशित करता है तथा तालमेल (Co-ordination) बनाए रखता है।

निर्गम/बहिर्येश यंत्र (Output Devices)- निर्गम/बहिर्वेश यंत्र वह तकनीकी है जो कम्प्यूटर के केन्द्रीय संसाधन इकाई (CPU) में आँकड़ों के संसाधन (Process) के पश्चात् प्राप्त संकेतों को उस रूप में बदल देती है, जिस रूप में हम उनका प्रयोग करना चाहते हैं जैसे कि कार्ड, पेपर, टेप, फ्लॉपी या डिस्क आदि पर रिकॉर्ड किए हुए संकेत या परिणाम मुद्रित (Printed) भी हो सकते हैं।

निर्गम यंत्र (Output Devices) प्रायः मॉनीटर (Monitor) विजुअल डिस्प्ले यूनिट (Visual Display Unit) या मुद्रक (Printer) के रूप में होते हैं।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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