शैक्षिक तकनीकी / Educational Technology

स्मार्ट क्लास कार्यक्रम | स्लाइड प्रोजेक्टर | स्लाइड प्रोजेक्टर की उपयोगिता | स्लाइड प्रोजेक्टर की सीमायें | फिल्म स्ट्रिप प्रोजेक्टर | ओवर हैड प्रोजेक्टर

स्मार्ट क्लास कार्यक्रम | स्लाइड प्रोजेक्टर | स्लाइड प्रोजेक्टर की उपयोगिता | स्लाइड प्रोजेक्टर की सीमायें | फिल्म स्ट्रिप प्रोजेक्टर | ओवर हैड प्रोजेक्टर | Smart Class Program in Hindi | slide projector in Hindi | Use of Slide Projector in Hindi | Limitations of Slide Projector in Hindi | Film Strip Projector in Hindi | overhead projector in Hindi

स्मार्ट क्लास कार्यक्रम

(SMART CLASS PROGRAMME)

मुख्यतः स्मार्ट जनरल कार्यक्रम एड्कॉम्प द्वारा किया गया है जिसे कई विद्यालयों में सुचारु रूप से चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम वृहद आधार पर, प्रत्येक छात्र के आधार पर या प्रत्येक माह के आधार पर दिया जाता है। इस कार्यक्रम पर आधारित पाठयोजनाओं को प्रशिक्षण या शिक्षक प्रभावशाली ढंग से कक्षा में प्रस्तुत कर सकता है। इस मॉड्यूल की सहायता से छात्र अवधारणाओं को आसानी से समझ लेते हैं तथा वे अन्य छात्रों से अन्तर्क्रिया भी करते हैं।

शिक्षक भी स्वयं स्मार्ट परीक्षण बनने और मूल्यांकन के लिये कक्षा में प्रयोग कर सकते हैं। इस उद्देश्य के लिए, इन परीक्षण अधिकार उपकरण (Test authority tool) स्मार्ट क्लास मूल्यांकन एप्लीकेशन में शामिल किया जा चुका है। छात्र का हाथ अब उस रिमोट पर होता है जो डिवायस से लैस है जिससे वे उन प्रश्नों के उत्तर दे सकें। ये डिवायस अब छात्रों के पेंसिल बाक्स का हिस्सा बन चुका है।

प्रत्येक शिक्षक स्मार्ट क्लास में कक्षा के अन्त में बड़े स्क्रीन पर प्रश्नों को प्रस्तुत करता है जिसे E-परीक्षण कहा जाता है। कक्षा में प्रत्येक छात्र अपने उत्तर देने वाली डिवाइस (SAS Remotes) में उत्तर देने को तैयार होता है। छात्र के क्लिक करते ही शिक्षक प्रत्येक छात्र की अंक तालिका (Score Sheet) को प्राप्त कर लेता है। ये रिजल्ट इतनी तेजी से प्राप्त होता है कि शिक्षक छात्रों का विशुद्ध मूल्यांकन कर सकता है। घर में, स्मार्ट क्लास सिस्टम के द्वारा अभिभावक, शिक्षा व छात्र एक-दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं। यह एक वरच्युल स्टाइल की तरह कार्य करता है। शिक्षक कार्यों को अपलोड करके अभिभावकों के लिये महत्त्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं।

स्लाइड प्रोजेक्टर

(SLIDE PROJECTOR)

इस प्रकार के प्रोजेक्टर द्वारा 35 मिमी. की स्लाइड की बड़ी प्रतिकृति को सामने लगी स्क्रीन या दीवार पर दिखाया जाता है।

सम्पत एवं सहयोगियों के अनुसार- “स्लाइड प्रोजेक्टर एक पत्र द्वारा एक लैम्प हाउस में शक्तिशाली प्रकाश स्रोत द्वारा तैयार किये जाते हैं और उचित आकार के होल्डिंग स्लाइड के लिए ले जाये जाते हैं। यह एक सामान्य तकनीकी है और इसमें आवश्यक तत्त्व होते हैं जो फिल्म स्ट्रिम प्रोजेक्टर में होते हैं।

संरचना (Structure)- स्लाइड के प्रोजेक्टर की संरचना में प्रमुख भाग निम्नलिखित हैं-

(i) विद्युत व्यवस्था (Power Assembly)

(ii) प्रक्षेपी बल्व (Projection Lamp)

(iii) प्रक्षेपी लेन्स (Projection Lense)

(iv) स्लाइड ट्रे (Slide Trey)

(iv) प्रक्षेपण स्क्रीन (Projection Screen)

  1. विद्युत व्यवस्था (Power Assembly)- प्रत्येक प्रोजेक्टर में विद्युत व्यवस्था को पावर एसेम्बली कहते हैं। यह प्राय: 110 बोल्ट से 240 वोल्ट तक के होते हैं। इससे विद्युत लैम्प के लिए आवश्यक विद्युत ऊर्जा मिलती है।
  2. प्रक्षेपी बल्व (Projection Lamp ) – स्लाइड प्रोजेक्टर का यह एक आवश्यक अंग है, इसे सामान्यत: प्रोजेक्शन लैम्प भी कहा जाता है। यह नीलयुक्त बेलनाकार बल्ब होता है जिसमें प्राय: हैलोजन गैस भरी रहती है। इसके द्वारा बहुत तेज दूधिया प्रकाश मिलता है जिसके कारण प्रोजेक्टर में लगी स्लाइड की स्पष्ट प्रतिकृति स्क्रीन पर दिखाई देती है।
  3. प्रक्षेपी लेन्स (Projection Lense)- यह विभिन्न प्रकार के उत्तल तथा अवतल (Convex and Concave) लैन्स से संयुक्तिकरण से बना होता है। इस लैन्स की आवर्धन क्षमता पर प्रक्षेपित स्लाइड का आकार निर्भर करता है।
  4. स्लाइड टू (Slide Trey) – स्वचालित प्रोजेक्टर में एक-एक कर स्लाइड लगाने की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि ट्रे में एक साथ क्रम से स्लाइड लगा देते हैं और एक-एक करके स्वतः रिमोट कण्ट्रोल द्वारा स्लाइडों को आगे या पीछे के क्रम में आवश्यकतानुसार ले आते हैं, ये ट्रे दो आकृतियाँ-वृत्ताकार (Circular) तथा सीधी (Linear) ट्रे के रूप में उपलब्ध है।
  5. प्रक्षेपण स्क्रीन (Projection Screen)- स्लाइड प्रोजेक्टर में से प्रक्षेपित प्रतिकृति (Image) का साकार रूप प्रदान करने के लिए प्रोजेक्शन स्क्रीन होता है। प्रोजेक्शन स्क्रीन किसी भी स्टैण्ड पर लगी सफेद कपड़ा या प्लास्टिक अथवा विशिष्ट सामग्री होती है। आवश्यकता पड़ने पर पुती हुई सफेद दीवार से भी स्क्रीन का काम लिया जा सकता है।

स्लाइड प्रोजेक्टर की उपयोगिता (Slide Projector & Diagram)

(1) इसके माध्यम से वास्तविक घटना, चित्र बड़ी-बड़ी वस्तुओं को कक्षा में दिखाया जा सकता है।

(2) यह चमकदार तथा बड़ी आकृति प्रस्तुत करता है।

(3) इसका रख-रखाव आसान है।

(4) यदि इसके साथ-साथ रिकार्डेड सामग्री का भी उपयोग कर लिया जाये तो इसको व्यक्तिगत अधिगम तथा दूर शिक्षा के लिए अधिक प्रयुक्त किया जा सकता है।

(5) रिमोट कण्ट्रोल केबिल के साथ बहुत स्लाइड प्रोजेक्टर का उपयोग करके इसकी क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

स्लाइड प्रोजेक्टर की सीमायें

  1. इसके लिए अर्द्ध अन्धकार कमरे की आवश्यकता होती है।
  2. इसका अप्रक्षेपित साधन के साथ कक्षा में उपयोग करना कठिन है क्योंकि इसमें प्रकाश को बार-बार खोलना तथा बन्द करना पड़ता है।
  3. इसके उपयोग के साथ नोट करना कठिन है।

फिल्म स्ट्रिप प्रोजेक्टर (Film Strip Projector)

यह प्रोजेक्टर फिल्म स्ट्रिप के प्रक्षेपण में काम में लाया जाता है। इसकी रचना लगभग प्रक्षेपण लैटर्न या मैजिक लैटर्न से मिलती-जुलती रहती है। इसमें विशेष प्रकार का लैंस, प्रोजेक्शन लैम्प, फिल्म जीवन परिस्थितियों में मिलता-जुलता होने के कारण यह छात्रों को प्रेरित करने का कार्य करता है तथा छात्र फिल्म के माध्यम के विषय-वस्तु को ध्यान से देखते हैं। फिल्म स्ट्रिप प्रदर्शित करते समय कक्षा में पर्याप्त अँधेरा होना चाहिए अन्यथा प्रक्षेपण स्पष्ट नहीं होगा।

उपयोगिता

  1. छात्र फिल्म को ध्यानपूर्वक देखते हैं।
  2. वर्तमान एवं भूतकाल की अनेक वस्तुएँ, घटनायें, आदि जिनको कि कक्षा में दिखाया जाना लगभग असम्भव है, इसके माध्यम में दिखाया जा सकता है।
  3. अनेक विशिष्ट प्रभावों के कारण इसकी शैक्षिक उपादेयता अत्यधिक है। कुछ विशिष्ट प्रभाव निम्नलिखित हैं-

धीमी गति तेज एक्शन, स्टॉपमोशन, अमूर्त प्रत्ययों या उन क्रियाओं या प्रतिक्रियाओं जिनको देखा नहीं जा सकता है, के लिए प्रयुक्त एमीनेशन तकनीकी।

क्लोजअप, रेरियल, दृश्य, एक्सरे फोटोग्राफी जैसे विशेष प्रभाव।

सीमाएँ : 1. इसके लिए अँधेरे कमरे की आवश्यकता होती है।

  1. फिल्म प्रोजेक्टर का रख-रखाव कौशल युक्त होता है।
  2. यह महँगा साधन है।
  3. इससे कक्षा शिक्षण के उद्देश्यों को पूर्ण रूपेण पूरा नहीं किया जा सकता है।
  4. इसके लिए पूर्व योजना की आवयश्कता है।

ओवर हैड प्रोजेक्टर

(OVER HEAD PROJECTOR)

जब कक्षा में अध्यापक श्यामपट्ट पर लिखते हैं अथवा शिक्षण के समय श्यामपट्ट पर आरेख या डायग्राम बनाते हैं तो उनकी पीठ कक्षा की तरफ हो जाती है। इस कारण शिक्षक छात्र सम्प्रेषण की प्रभावशीलता कम हो जाती है। परिणामस्वरूप कई बार कक्षा में अनुशासनहीनता की समस्या ही उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या का निवारण ओवर हैड प्रोजेक्टर से सहज ही हो जाता है। ओवर हैड प्रोजेक्टर अध्यापक की मेज पर रखा होता है तथा श्यामपट्ट पर प्रदर्शित की जाने वाली सामग्री इस प्रोजेक्टर की सहायता से अध्यापक अथवा सम्प्रेषणकर्ता के पीछे करके ऊपर लगी स्क्रीन पर स्पष्ट दिखायी देती है।

ओवर हैड प्रोजेक्टर समस्त प्रक्षेपित होने वाले प्रोजेक्टर्स में सबसे सरल प्रक्षेपित होने वाला प्रोजेक्टर है। इसके द्वारा 18×22.5 cm आकार की ट्रान्सपेरेंसी को बड़ा करके प्रक्षेपण 1.5m x 1.5 m आकार में सरलता से लाया जा सकता है। इसमें शिक्षक छात्रों के सामने रहता है तथा Eye to eye contact बना रहता है। ट्रान्सपेरेंसी हाथ से भी बनाया जा सकता है। उन पर सन्देश डायग्राम तथा स्क्रैच आदि विवरण अंकित किया जाता है। आवश्यकता पड़ने में उन्हें टाइप कराकर फोटोग्राफी द्वारा भी तैयार किया जाता है।

ओवर हैड प्रोजेक्टर की संरचना (Structure of O.H.P.)- ओवर हैड प्रोजेक्टर की संरचना का मूलभूत सिद्धान्त किसी भी पारदर्शी सामग्री को प्रकाश के संचरण द्वारा प्रदर्शित करना है। यह प्रकाश के परावर्तन के सिद्धान्त पर कार्य करता है। इनके द्वारा किसी भी ट्रांसपेरेंसी पर बनायी गयी रंगीन या रंगहीन आकृति, लेखीय सामग्री, मैप चार्ट अथवा छपी सामग्री को स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है। इसके प्रमुख भाग निम्नलिखित हैं-

  1. कैबिनेट- यह प्लास्टिक या स्टील का एक डिब्बा होता है जिसका आकार प्रोजेक्टर की क्षमता पर निर्भर करता है। प्राय: 39×32.5 तथा 26.5 cm आकार की कैबिनेट सामान्य शिक्षण हेतु उपयोगी है। इस कैबिनेट में नीचे के हिस्से में एक पंखा, प्रोजेक्टसन लैम्प तथा पावर एसेम्बली होती हैं।
  2. प्रोजेक्शन लैम्प- प्रोजेक्शन बल्ब तथा बल्ब होल्डर को मिलाकर प्राय: प्रोजेक्सन लैम्प कहते हैं। प्राय: 600 वॉट, 240 वोल्ट के हैलोजन बल्ब को प्रकाश के लिए प्रयुक्त करते हैं। इस बल्ब के प्रकाश से 150x150cm की आकृति सम्प्रेषणकर्ता के पीछे स्पष्ट दिखायी देती है।
  3. ठण्डा करने की व्यवस्था-कैबिनेट के ही हैलोजन लैम्प से उत्पन्न कार्य से ऊर्जा बल्ब तथा केविनेट पर ऊपर लगी शीशे की प्लेट को टूटने से बचाने के लिए ठण्डा करने के लिए एक पंखा लगा देते हैं जो बल्ब को ठण्डा रखता है तथा अतिरिक्त ऊर्जा को शीघ्र ही बाहर फेंक देता है। कई बार थामॉस्टेट भी लगा होता है जो कैबिनेट के अन्दर 35°C से अधिक ताप होने पर बल्ब को स्वतः जलने के बाद बन्द कर देता है।
  4. फोकस व्यवस्था- केबिनेट की शीशे की प्लेट से निकलने वाले प्रकाश को स्क्रीन पर केन्द्रित करने के लिए विशेष प्रकार के बैँस को प्रयुक्त करते हैं जो एक फ्रेम में स्टैण्ड पर लगा होता है। यह स्टैण्ड केविनेट पर कोने पर लगा होता है। इस फोकस व्यवस्था को एक नियन्त्रण घुण्डी द्वारा ऊपर नीचे कर आवश्यकतानुसार समायोजित करते हैं।

ओवर हैण्ड प्रोजेक्टर का उपयोग (Use of Over Head Projector)

  1. उसका प्रयोग समय-समय कक्षा में छात्रों पर अपना ध्यान केन्द्रित रख सकता है।
  2. छात्रों की एवं कक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इसको चालू तथा बन्द किया जा सकता है।
  3. इसके लिए अंधेरे कमरे की विशेष आवश्यकता नहीं है।
  4. इसके माध्यम से अनेक दुरूह, घटनाओं, फैक्टरियों एवं प्रक्रियाओं को कक्षा में प्रदर्शित किया जा सकता है।
  5. इसके लिए प्रयुक्त कोमल उपागम, अर्थात् ट्रान्सपेरेंसी को आसानी से तैयार किया जा सकता है तथा उसे अनेकों बार प्रयोग में लाया जा सकता है।
  6. शिक्षक सम्पूर्ण कक्षा पर अपनी नजर रखता है जिससे छात्र रुचि लेते हैं तथा अनुशासन की समस्या खत्म हो जाती है।
  7. विभिन्न लाभकारी तकनीकी; जैसे- ओवर ले, एनीमेशन आदि के द्वारा ओवर हैंड प्रोजेक्टर के प्रयोग से अधिक रोचक एवं लाभदायक बनाया जा सकता है।
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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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