शैक्षिक तकनीकी / Educational Technology

शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में कम्प्यूटर का उपयोग | व्यापार के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग | विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग | मनोरंजन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग | सैन्य क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग | स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम्प्यूटर का योगदान | प्रकाशन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग | संचार के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग | विश्व एवं भारत में कम्प्यूटर का शैक्षिक उपयोग

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शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में कम्प्यूटर का उपयोग

कम्प्यूटर का उपयोग मानव के जीवन में लगभग प्रत्येक क्षेत्र में अपना प्रभाव रखता है। समय के साथ इसका प्रयोग बढ़ता जी जा रहा है। चाहे वह शिक्षा हो अथवा विज्ञान विषय। संक्षेप में कम्प्यूटर का जिन क्षेत्रों उपयोग किया जा रहा है उसका वर्णन निम्नलिखित हैं-(1) शिक्षा विषय के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग (2) व्यापार के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग (3) विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग (4) मनोरंजन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग। (5) सैन्य क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग (6) स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग। (7) प्रकाशन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग (8) संचार के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग इत्यादि।

शिक्षा विषय के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग

वर्तमान समय में हम दूरवती या दूरस्थ शिखा में प्रगति देख रहे हैं, उसके लिये मुख्य उत्तरदायित्व कम्प्यूटर का ही है। कम्प्यूटर के प्रयोग ने शिक्षा के रूप, स्वरूप अथवा संरचना को भी परिवर्तित कर दिया है। अतः कम्प्यूटर में शिक्षा के जिन क्षेत्रों पर अधिक प्रभाव डाला है। उनका वर्णन निम्नलिखित है-

  1. सूचनाओं का स्त्रोत (Sources of information)- वर्तमान समय में इण्टरनेट सूचनाओं का प्रमुख स्रोत है। वर्तमान समय पर शिक्षा ही नहीं मानव जीवन की लगभग सभी उपयोगी सूचनाएँ हम सूचना राजपथ अर्थात् इण्टरनेट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। इण्टरनेट के माध्यम से ही दूरस्थ शिक्षा में ‘ऑन-लाइन एजूकेशन’ तथा ‘आन-लाइन यूनिवर्सिटी’ का उद्भव हुआ है।
  2. सूचनाओं का भण्डारण (Storage of information)- सूचनाओं को प्राप्त करना जितना कठिन कार्य हैं, उससे अधिक कठिन कार्य उन सूचनाओं के भण्डारण का है। निःसन्देह मानव सूचनाएँ तो असीमित प्राप्त कर सकता है किन्तु उन्हें बनाये रखना अत्यन्त कठिन होता है। इस कार्य में मानव कम्प्यूटर की ‘स्टोरेज डिवाइस’ की सहायता से सूचनाएँ एकत्र कर सकता है।
  3. पुस्तकालय में भूमिका (Role in library) – पुस्तकालय में भी कम्प्यूटर का प्रयोग पुस्तकालय प्रबन्ध से सम्बन्धित कार्यों में किया जाता है; जैसे-पुस्तकों की सूची निर्मित करना, नवीन तथा आवश्यक पुस्तकों की छटनी की सूची बनाना, पुस्तकालय के सदस्यों को सूचीबद्ध करना, पुस्तकों को जारी करने तथा प्राप्त करने इत्यादि की सूचनाएँ सुगमता से कम्प्यूटर रखता है। कम्प्यूटर पुस्तकालय का आवश्यक भाग बन चुका है।
  4. प्रयोगशाला में भूमिका (Role in laboratory)-प्रयोगशाला तथा अनुसन्धान केन्द्र इत्यादि स्थानों पर कम्प्यूटर अति महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन कर रहा है। कम्प्यूटर जटिल से जटिलतम गणनाएँ कुछ ही क्षण में कर सकता है। यह अनुसन्धान की प्रक्रिया को भी व्यवस्थित करता है। अतः शिक्षा अथवा अनुसन्धान के कार्यों से कम्प्यूटर के प्रयोग ने एक क्रान्ति उत्पन्न कर दी है।
  5. अध्यापन में भूमिका (Role in teaching)- दूरस्थ शिक्षा के अध्ययन में विद्यार्थियों को शिक्षक द्वारा किसी कक्षा में नहीं पढ़ाया जाता है। यहाँ शिक्षक तथा छात्र में परस्पर भूमिका कम्प्यूटर के माध्यम से अति सुगमता के साथ संचालित होती हैं, जैसे-इण्टरनेट, ई-मेल, ऑन- लाइन साधनों से शिक्षक तथा छात्र के मध्य परस्पर सम्वाद की स्थिति बनी रहती है। अतः कहा जा सकता है कि वर्तमान समय तो निश्चय ही कम्प्यूटर का ही है। भविष्य में भी दूरस्थ शिक्षा मुख्य रूप से कम्प्यूटर अथवा इण्टरनेट के आस-पास सीमित हो जायेगी।

व्यापार के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग

एक समय था जब व्यापारी एक देश के बाद अन्य देश में व्यापार वर्षों की यात्रा करने के उपरान्त करता था किन्तु वर्तमान समय में व्यापारी यह कार्य पलक झपकते ही कर सकता है। कम्प्यूटर ने व्यापार के क्षेत्र में भी क्रान्ति उत्पन्न कर दी है। वह व्यापार के अनेक क्षेत्रों में अपना योगदान तथा लाभ कर रहा हैं, उनमें से प्रमुख का वर्णन अप्रलिखित प्रकार है-

(1) व्यापार के प्रबन्धन के क्षेत्र में।

(2) कर्मचारियों के विषय में सूचनाएँ प्राप्त करने, उन्हें वेतन देने, संख्या निश्चित कर अथवा उनकी नियुक्ति इत्यादि करने में।

(3) व्यापार का लेखा तथा बहीखाते के सम्बन्धित कार्य करने में।

(4) सांख्यिकीय विश्लेषण करने में।

(5) अनुरूपण अथवा ढाँचा या स्वरूप निर्मित करने में।

(6) भण्डार प्रबन्ध में।

(7) व्यापार सम्बन्धित शासकीय कार्यों में।

विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग

निश्चय ही यह तथ्या है कि विज्ञान ने ही कम्प्यूटर को जन्म दिया है किन्तु यह भी सत्य है कि विज्ञान को आधुनिक स्वरूप अथवा नवीन मानव जीवन के लिये उपयोगी स्वरूप कम्प्यूटर ने ही प्रदान किया है। विज्ञान अपने नित्य नवीन अनुसन्धान कम्प्यूटर के माध्यम से ही संचालित करता है। वर्तमान समय में विज्ञान तथा कम्प्यूटर एक-दूसरे के पूरक बन गये है। विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग निम्नलिखित बिन्दुओं में व्यक्त किया जा सकती हैं-

(1) अनुसन्धान कार्यों को पूर्ण करने में।

(2) विज्ञान सम्बन्धी जटिल गणना करने में

(3) अनुसन्धानों का परीक्षण करने में।

(4) परीक्षण के आँकड़े व्यवस्थित करने में।

(5) मौसम, जलवायु तथा भूगर्भ सम्बन्धी भविष्यवाणी करने में।

(6) विभिन्न विज्ञान सम्बन्धी विषयों में।

(7) अन्तरिक्ष विज्ञान के कार्यों में इत्यादि।

मनोरंजन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग

उत्तर- मनोरंजन के क्षेत्र में कम्प्यूटर ने निःसन्देह सबसे अधिक योगदान दिया है। इसके योगदान को हम निम्नलिखित बिन्दुओं में व्यक्त कर सकते हैं-

(1) चलचित्र के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग होता है। इसके सभी अवयय जैसे-गीत, संगीत, दृश्य, श्रृव्य एवं विशेष चित्रण प्रभाव (Special effects) इत्यादि सभी कार्य कम्प्यूटर के माध्यम से ही सम्पादित किये जाते है।

(2) एनीमेशन चलचित्रों का निर्माण तो पूर्णरूप से कम्प्यूटर के माध्यम से ही पूर्ण किया जाता है।

(3) वर्तमान समय की पीढ़ी कम्प्यूटर पर ‘कम्प्यूटर गेम्स’ अधिक पसन्द करती है।

(4) क्रीड़ा क्षेत्र में भी पूर्णरूप से कम्प्यूटर तकनीकी में ही समाहित हो गया है।

सैन्य क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग

यदि हम वर्तमान समय के पर्यावरणीय ज्ञान को देखें तथा कुछ शताब्दी पूर्व के युद्धों को देखें तो हमें कम्प्यूटर की भूमिका का पूर्णरूप से परिचय प्राप्त हो जायेगा। हालांकि सैन्य क्षेत्र में कम्प्यूटर के साथ-साथ विज्ञान की विविध सामग्रियों ने भी अपनी भूमिका का निर्वाहन किया है किन्तु विज्ञान ने अपने सभी प्रयोग कम्प्यूटर के माध्यम से सफल बनाये है। इस प्रकार आधुनिक काल में कम्प्यूटर ने युद्धों की परिभाषा ही परिवर्तित कर दी है। वर्तमान समय में विश्व के लगभग प्रत्येक राष्ट्र में अर्थव्यवस्था, यातायात तथा शिक्षा इत्यादि कम्प्यूटर के माध्यम से ही संचालित होती है। अतः किसी राष्ट्र की कम्प्यूटर व्यवस्था ही प्रतिबन्धित कर दी जाये तो वह देश पूर्णरूप से अस्त- व्यस्त हो जायेगा तथा उसे अपने शत्रु के समक्ष शीघ्र ही घुटने टेकने होंगे। अतः यह आश्चर्य का विषय नहीं होना चाहिये कि भविष्य के सभी युद्ध कम्प्यूटर के माध्यम से ही सम्भवतः संचालित हो । संक्षेप में सैन्य क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग निम्नलिखित विन्दुओं में समझा जा सकता है-

(1) युद्ध प्रारम्भ तथा परीक्षण करने में।

(2) सैन्य अभ्यास करने में।

(3) सेना को व्यवस्थित करने में।

(4) नवीन सूचनाओं तथा तकनीकी के आदान-प्रदान करने में।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम्प्यूटर का योगदान

स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम्प्यूटर ने एक स्वास्थ्यप्रद नवीन जीवन प्रदान किया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम्प्यूटर के प्रयोग को हम निम्नलिखित क्षेत्रों में देख सकते हैं—

(1) स्वास्थ्य सम्बन्धी नवीन अनुसन्धान कार्य करने में।

(2) रोगों का परीक्षण करने में।

(3) नवीन टीकों के आविष्कार में।

(4) औषधियों के प्रयोग में

(5) स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न सूचनाएँ प्राप्त करने में।

(6) स्वास्थ्य के विभिन्न घटकों में समन्वय स्थापित करने में।

प्रकाशन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग

अन्य क्षेत्रों के समान ही प्रकाशन के क्षेत्र में कम्प्यूटर ने अपना अति महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसे हम निम्नलिखित बिन्दुओं में स्पष्ट कर सकते हैं—

(1) पुस्तक लेखन मुद्रण तथा प्रकाशन में।

(2) अशुद्धियों की छटनी में

(3) पुस्तक की लिपि बनाने में।

(4) पुस्तक की छपाई में।

(5) पुस्तकों को आधुनिकता प्रदान करने में।

संचार के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग

पूर्व के लगभग पच्चीस वर्षो में कम्प्यूटर एक ऐसे सशक्त संचार माध्यम के रूप में सामने आया है, जिसने कि “वसुधैव कुटुम्बकम्” की कल्पना को वास्तविक रूप प्रदान किया है। हम वर्तमान समय में कम्प्यूटर के माध्यम से किसी भी व्यक्ति से क्षणभर में सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं चाहे वह विश्व के किसी भी स्थान पर क्यों न हो? इसके अतिरिक्त उससे हम किसी भी प्रकार की सूचनाएँ- दृश्य, श्रृव्य तथा पाठ्य विषय सामग्री इत्यादि, आदान-प्रदान कर सकते हैं। वर्तमान समय में कम्प्यूटर का प्रयोग शिक्षा के क्षेत्रों में प्रमुखता के साथ हो रहा है। उसका वर्णन निम्नलिखित हैं-

(1) शैक्षिक रेडियो प्रसारण के क्षेत्र में।

(2) दूरदर्शन प्रसारण के क्षेत्र में।

(3) इण्टरनेट के क्षेत्र में

(4) दूरभाष के क्षेत्र में।

(5) ई-मेल में।

विश्व एवं भारत में कम्प्यूटर का शैक्षिक उपयोग

वर्तमान समय में विश्व के अधिकांश विकसित देशों में शैक्षिक उद्देश्यों के लिये कम्प्यूटर का व्यापक स्तर पर प्रयोग किया जा रहा है। सूक्ष्म कम्प्यूटर के विकास ने इन देशों की शैक्षिक संस्थाओं में इसके प्रयोग को और अधिक लोकप्रिय बना दिया गया है। कनाडा तथा ब्रिटिश मुक्त विश्वविद्यालय की कुछ शैक्षिक संस्थाओं द्वारा पूर्व से ही निदानात्मक पृष्ट्व-पोषण प्रदान करने उपचारात्मक सहायता प्रदान करने तथा पुनरावृत्ति सहायता हेतु कम्प्यूटर पर आधारित अनुदेशन (CAI) का प्रयोग किया जा रहा है। कनाडा की अथवास्का विश्वविद्यालय में सन् 1986 में अंग्रेजी के उपचारात्मक शिक्षण के लिये कम्प्यूटर आधारित अनुदेशन की दो परियोजनाओं का प्रारम्भ किया गया था।

20वीं शताब्दी के 90 दशक में अन्य विकसित देशों की अपेक्षा भारत में दूरस्थ शिक्षा अपेक्षाकृत एक नवीन प्रत्यय ही माना जाता है किन्तु वर्तमान समय में दूरस्थ शिक्षा के साथ-साथ औपचारिक शिक्षा में कम्प्यूटर का प्रयोग लोकप्रिय होता जा रहा है। भारत में कम्प्यूटर के शैक्षिक प्रयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण ‘क्लास या स्कूल परियोजना’ (The computer literacy and studies in schools or class) है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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