शैक्षिक तकनीकी / Educational Technology

खोज प्रश्न कौशल | खोजपूर्ण प्रश्न कौशल के घटक | Search query skills in Hindi | Components of Exploratory Questioning Skills in Hindi

खोज प्रश्न कौशल | खोजपूर्ण प्रश्न कौशल के घटक | Search query skills in Hindi | Components of Exploratory Questioning Skills in Hindi

खोज प्रश्न कौशल (Skills of Probing Questions):

इसमें खोज या अनुशीलन प्रकार के प्रश्न पूछकर शिक्षक छात्रों का ध्यान आकर्षित करता है और उन्हें अभिप्रेरित करता है। वह छात्रों में रूचि एवं जिज्ञासा उत्पन्न करके उनके पूर्वाशान को नवीन ज्ञान से जोड़ता है। छात्र चिंतनशील होकर गहराई में जाते हैं और विभिन्न पहलुओं पर ध्यान पूर्वक मंथन करते हैं।

“Probing questioning is a skill of going deep into the students’ responses by asking a series of questions which lead and pupil towards the correct response or higher level of understanding.”

खोजपूर्ण प्रश्नों का प्रयोग- खोजपूर्ण प्रश्नों का प्रयोग शिक्षक निम्नलिखित परिस्थितियों में कर सकता है-

  1. कक्षा में जब कोई विद्यार्थी किसी प्रश्न का अधूरा उत्तर देता है तो शिक्षक फिर ऐसा प्रश्न पूछ सकता है जिससे विद्यार्थी को पहले पूछे प्रश्न का अधूरा उत्तर पूरा करने में सहायता मिलती हो। अतः विद्यार्थी को संकेत (Prompt) देने के लिए ऐसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  2. कक्षा में यदि विद्यार्थी किसी प्रकार प्रश्न का सही उत्तर देते हैं तो शिक्षक को चाहिए कि वह उनसे और अधिक जानकारी प्राप्त करे। इसे विस्तृत सूचना प्राप्ति (Seeking Further Information) तकनीक कहा जाता है।
  3. कई बार कक्षा में विद्यार्थियों का ध्यान केन्द्रित करने के लिए शिक्षक खोजपूर्ण प्रश्न पूछ सकता है। इसी प्रकार ध्यान को केन्द्रित करने के लिए शिक्षक एक ही प्रश्न को दूसरे विद्यार्थी से भी पूछ सकता है। इसे पुनः केन्द्रीकरण (Refocussing) कहते हैं।
  4. कक्षा में यदि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को समस्या के सभी पक्षों से परिचित करवाना चाहता है तो वह एक ही प्रश्न की भाषा में थोड़ा-बहुत परिवर्तन करके कई विद्यार्थियों से प्रश्न पूछ सकता है। इस तकनीक को हम पुनःप्रेषण (Redirection) कहते हैं। इस तकनीक से समस्या के सभी पहलुओं पर प्रकाश पड़ सकता है और विद्यार्थी समस्या की गहराई तक पहुँच पाता है।
  5. कक्षा में विद्यार्थियों की चिन्तन शक्ति के विकास के लिए शिक्षक ‘क्यों वाले प्रश्न पूछ सकता है। इस प्रकार के प्रश्नों से विद्यार्थी अभिप्रेरित होकर चिन्तन की प्रक्रिया से संलिप्त हो जाते हैं। इसे आलोचनात्मक सजगता (Critical Awareness) की तकनीक कहते हैं।

खोजपूर्ण प्रश्न कौशल के घटक (Components)-

इस कौशल के निम्नांकित घटक है-

  1. संकेत देना (Prompting) – कक्षा में विद्यार्थी किसी प्रश्न का उत्तर देने में अपनी असमर्थता प्रकट कर दे और स्पष्ट रूप से यह स्वीकार कर ले कि में नहीं जानता’ या ‘मालूम नहीं तो शिक्षक ऐसे प्रश्न पूछ सकता है जिनसे विद्यार्थी को पहले प्रश्न के उत्तर का संकेत दिया गया हो।
  2. विस्तृत सूचना प्राप्ति (Seeking Further Information- कक्षा में जब विद्यार्थी किसी प्रश्न का पूर्ण उत्तर नहीं देते या आंशिक रूप से सही उत्तर दे देते हैं तो उनसे पूरा सही उत्तर प्राप्त करने के लिए शिक्षक इस प्रकार के प्रश्न पूछ सकता है- उत्तर तो सही है लेकिन कुछ और बताओ, इस प्रश्न का बताए गए उत्तर की अपेक्षा कोई और भी उतर हो सकता है, अपने उत्तर को और विस्तार से समझाओ या तुम अपने उत्तर को सही क्यों मानते हो? इस प्रकार शिक्षक विद्यार्थी से अधिक सूचनाएं एकत्रित कर सकता है।
  3. पुनः केन्द्रीकरण (Refocusing)- कई बार कक्षा में शिक्षक विद्यार्थियों के उत्तरों से संतुष्ट नहीं होते। वे विद्यार्थियों का ध्यान विभिन्न परिस्थितियों की ओर आकर्षित कर सकते हैं जिनमें वैसी ही समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इससे अधिगम का स्थानान्तरण (Transfer of Learning) सम्भव हो सकता है, जैसे- शिक्षण अधिगम से किस प्रकार सम्बन्धित है, शिक्षण अधिगम से किस प्रकार मित्र है या शिक्षण अधिगम में क्या समानताएं हैं इत्यादि।
  4. पुनःप्रेषण (Redirection)- कक्षा में शिक्षक एक ही प्रश्न को विभिन्न विद्यार्थियों से पूछकर विभिन्न उत्तर प्राप्त करके उनमें चिन्तन शक्ति का विकास करना चाहता है। इससे शिक्षक विद्यार्थियों की अधिक-से-अधिक प्रतिभागिता को प्रोत्साहन दे सकता है, जैसे-

शिक्षक- ऊष्मा का संचरण कैसे होता है?

राकेश- मालूम नहीं।

शिक्षक- राकेश, तुम बताओ। (पुनःप्रेषण)

राकेश- ऊष्मा का संचरण एक स्थान से दूसरे स्थान तक अणुओं द्वारा होता है।

शिक्षक- सुरेश, अणुओं द्वारा संचरण किस प्रकार होता है?

विस्तृत सूचना प्राप्ति और पुनः प्रेषण आदि।

5. आलोचनात्मक सजगता (Critical Awareness)- इस पटक में ‘क्यों’ और ‘कैसे’ वाले प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों से शिक्षक विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सजगता का विकास कर सकता है। जैसे- तुम अपने उत्तर को सही क्यों मानते हो? तुम कैसे कह सकते हो कि चोरी श्याम ने ही की है?

शिक्षक जब कक्षा में प्रश्न पूछता हैं तो उसे कई बार नकारात्मक उत्तर प्राप्त होता है (जैसे मुझे नहीं पता, मैं नहीं जानता, ठीक उत्तर नहीं आता) तो शिक्षक संकेत देकर उन्हें सही उत्तर देने के लिए प्रेरित करता है। जब छात्र अधूरा (Incomplete) उत्तर देते हैं तो शिक्षक पूर्ण उत्तर प्राप्ति हेतु प्रयास करता है। इसके लिए शिक्षक कहता है तुम ठीक कह रहे हो, हाँ, यह बात स्पष्ट करो, कुछ और बताओ, इसमें एक महत्वपूर्ण बात और है, जरा सोचो वह कौन-सी हैं। इस प्रकार शिक्षक विस्तृत सूचना प्राप्ति घटक का प्रयोग करता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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