शैक्षिक तकनीकी / Educational Technology

इनपुट यूनिट | इनपुट यूनिट के बारे में बताइए? | कम्प्यूटर इनपुट की विभिन्न इकाइयाँ बताइए? | Input Unit in Hindi

इनपुट यूनिट | इनपुट यूनिट के बारे में बताइए? | कम्प्यूटर इनपुट की विभिन्न इकाइयाँ बताइए? | Input Unit in Hindi

इनपुट यूनिट (Input Unit)

कम्प्यूटर द्वारा किसी भी प्रकार के कार्य करने हेतु डाटा या निदेर्शो को कम्प्यूटर में इनपुट किया जाता है। यह कार्य इनपुट युक्तियों (Input Devices) की सहायता से किया जाता है। इनपुट इकाई मुख्य रूप से तीन कार्य करती हैं-(1)  यह प्रयोगकर्ता से डाटा को प्राप्त करती है।

(2) प्राप्त डाटा को इनेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदलती है।

(3) इस सिग्लन रूपी डाटा को सी. पी. यू. तक पहुँचाती है।

कम्प्यूटर सिस्टम में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख इनपुट युक्तियाँ निम्नलिखित हैं-

(1) की-बोर्ड (Key-board)

(2) माउस (Mouse)

(3) ट्रैक बाल (Track Ball)

(4) लाइट पैन (Light Pen)

(5) जॉयस्टिक (Joystick)

(6) माइक एवं माइक्रोफोन (Mike and Microphone)

(7) पंचकार्ड (Punch card)

(8) चित्र स्कैनर (Image Scanner)

(9) ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर (Optical Character Reader)

(10) ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader)

(11) चुम्बकीय इंक कैरेक्टर रीडर (Magnetic Ink Character Reader)

(12) बार कोड रीडर (Bar Code Reader)

(13) वॉइस रिकॉगनाइजर (Voice recognizer)

(14) वेब कैमरा (Web Camera)

  1. की-बोर्ड (Key-board)-

यह एक सर्वाधिक प्रयुक्त इनपुट डिवाइस है। इसके द्वारा टैक्सट डाटा को इनपुट किया जाता है। इसका स्वरूप देखने में अंग्रेजी के टाइपराइटर की भाँति होता है। एवं इस पर लगी कीज (Keys) का क्रम भी अंग्रेजी टाइपराइटर की तरह ही होता है। एक सामान्य की-बोर्ड में अग्रलिखित प्रकार की कीज (Kevs) पायी जाती है-

(i) फंक्शनल कीज् (Functional Keys)- F 1 से F 12 तक कीज् (Keys) को फंक्शनल कीज्’ कहते हैं।

(ii) एल्फाबेटिकल कीज् (Alphabetical keys)- ये कीज A से Z तक एवं छोटे a से  कैरेक्टर को इनपुट करने में प्रयुक्त होती है।

(iii) न्यूमैरिक कीज् (Numeric Keys)- से कीज् 0 से 9 कैरेक्टर को इनपुट करने में प्रयुक्त होती है।

(iv) पंक्चुएशन कीज् (Punctuation Keys)- ये कीज पंक्चुएशन सिम्बल को इनपुट करने में प्रयुक्त होती है: जैसे -? {}, (.) [“, “] आदि।

(v) कर्सर कीज् (Curser Keys)- ये कीज् को विभिन्न जगहों पर स्थानान्तरित करने में प्रयुक्त होती है जैसे- Page Up, Page Down, Home, End,- , -, , , Tab आदि।

(vi) कमाण्ड कीज् (Command Keys)- ये कीज् विभिन्न कमाण्ड देने के लिये प्रयोग की जाती है: जैसे- All Ctrl, Delete, Insert, Space bar and Enter.

(vii) ऑपेरेशनल कीज् (Operational Keys) – यह कीज् विभिन्न ऑपरेशनः जैसे- जोड़ना,घटना, भाग तथा गुणा आदि के लिये प्रयुक्त होती है: जैसे— +, , , , , आदि।

(viii) स्पेशल सिम्बल कीज् (Special Symbol Keys)- यह कीज् विशेष प्रकार के चिह्नों को इनपुट करने हेतु प्रयोग की जाती है: जैसे-$, #, @, , आदि।

  1. माउस (Mouse) –

यह एक पाइन्टिंग डिवाइस है। इसका प्रयोग ग्राफिकल यूजर इन्टरफेस (Graphical User Interface) में किया जाता है। ग्राफिकल यूजर इन्टरफेस को संक्षिप्त में G.U.I कहते हैं। विन्डोज एक G.U.I पर आधारित आपरेटिंग सिस्टम है। माउस कई प्रकार के होते हैं।

(1) टू-बटन माउस,

(2) थ्री बटन माउस,

(3)  स्क्राल माउस,

(4) ऑपटिकल माउस।

माउस की सहायता से कम्प्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को घुमाया जा सकता है एवं किसी भी ऑब्जेक्ट को चिह्नित करके चुना जा सकता है।

  1. ट्रैक बॉल (Track Bali)-

यह भी एक पाइन्टिस इनपुट डिवाइस है। इसका प्रयोग नोटबुक या लैपटॉप में माउस के स्थान पर किया जाता है।

  1. लाइट पैन (Light Pen)-

यह भी एक पाइन्टिंग इनपुट डिवाइस है। इसके द्वारा कम्प्यूटर स्क्रीन पर रेखाओं या चित्रों को बनाया जा सकता है।

  1. जायस्टिक (Joystick)-

इस इनपुट डिवाइस का प्रयोग कम्प्यूटर का प्रयोग कम्प्यूटर में खेल (Games) खेलने के लिये होता है, इसमें लगी स्टिक को प्रत्येक दिशा में घुमाया जा सकता है।

  1. माइक एवं माइक्रोफोन (Mike and Micro-Phone)-

माइक एवं माइक्रोफोन का प्रयोग कम्प्यूटर में ध्वनि एवं आवाज रूप डाटा को इनपुट करने के लिये किया जाता है।

  1. पंचकार्ड (Punch card)-

इनका प्रयोग पुराने कम्प्यूटर सिस्टम  में किया जाता था। पंचकार्ड या पेच मशीन द्वारा डाटा को इनपुट किय जाता था। इसे पंचकार्ड रीडर द्वारा पढ़ा जाता था। आधुनिक समय में  इसका प्रयोग कहीं भी नहीं किया जाता है।

  1. चित्र स्कैनर (Image Scanner)-

स्कैन शब्द का अर्थ ग्रहण करना। इस प्रकार चित्र स्कैनर का अर्थ हुआ चित्र को ग्रहण करने वाला। इसके द्वारा पेपर शीट पर बने टैक्स्ट या ग्राफिक्स (चार्ट, फोटो तथा चित्र आदि) डाटा को स्कैन करके उसे बाइनरी सिग्नल में बदलकर कम्प्यूटर में इनपुट किया जाता है। इस चित्र को कम्प्यूटर स्क्रीन पर देखा जा सकता है एवं कम्प्यूटर स्मृति में संग्रहित (Store) भी किया जा सकता है। यह तीन प्रकार के होते हैं-

(1) हैन्डी स्कैनर (Handy Scanner)

(2) पेज स्कैनर (Page Scanner)

(3) समतल स्कैनर (Flat Scanner)

  1. ऑप्टिकल करेक्टर रीडर (Optical Character Reader) –

इसकी सहायता से पेपर पर प्रिन्टिड या हस्तलिखित डाटा को स्कैन करके कम्प्यूटर में पहुँचाते हैं। स्कैन होने वाला डाटा को विशेष प्रकार के अक्षरों की बनावट एवं आकार का प्रयोग करके लिखा जाता है। इस युक्ति को संक्षिप्त में ओ.सी.आर. (OCR) कहते हैं। इसका प्रयोग फार्म, चैक, रसीद तथा बिल आदि पर लिखे हुए डाटा को पढ़ने हेतु किया जाता है।

  1. ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader)-

इस युक्ति द्वारा किसी पेपरः जैसे- फॉर्म पर रिक्त स्थान, बाक्स या ब्रेकिट पर लगे पेन या पेन्सिल के चिह्नों को पढ़कर कम्प्यूटर सिस्टम में इनपुट किया जाता है। इसका प्रयोग वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र पर लगे चिह्न (Mark) को स्कैन करकरके कम्प्यूटर को प्राप्त करने में करते हैं। इसे संक्षिप्त में ओ. एम. आर. (OMR) भी कहते हैं। अपने बैंक, बी. एड. आदि की परीक्षा में ओ. एम. आर. शीट का प्रयोग अवश्य किया होगा। इस शीट को OMR द्वारा पढ़ा जाता है।

  1. चुम्बकीय इंक करैक्टर रीडर (Magnetic Ink Character Reader) –

इस युक्ति का प्रयोग बैंकों में सर्वाधिक होता है। इसके अन्तर्गत स्लिप एवं चैक आदि पर कस्टम एकाउन्ट नम्बर, चैक नम्बर तथा रकम आदि जानकारी को विशेष प्रकार की इंक द्वारा विशेष फॉन्ट में लिखा जाता है। इस विशेष इंक (चुम्बकीय इंक) से लिखे डाटा को इस युक्ति द्वारा गुजारा जाता है और इस प्रकार से वह डाटा कम्प्यूट में इनपुट हो जाता है। इसे संक्षिप्त में एम. आई. सी. आर. (MICR) कहते हैं।

  1. बार कोड रीडर (Bar Code Reader)-

इसके द्वारा एक विशेष प्रकार के डाटा बार कोड को स्कैन करके कम्प्यूटर को इनपुट दिया जाता है। बार कोड अनेक समानान्तर सीधी खड़ी रेखाओं का समूह होता है। बाजार को विभिन्न सामानों जैसे ग्रीटिंग कार्ड, इलैक्ट्रॉनिक सामान, कॉस्मेटिक्स आदि की पैकिंग पर बार कोड बने रहते हैं। इन बार तथा कोड के द्वारा वस्तु का मूल्य एवं नम्बर अंकित किया जाता है। बार कोड रीडर को संक्षिप्त में बी. सी. आर (BCR) भी कहते हैं।

  1. वाइंस रिकॉग्नाइजर (Voice Recognizer)-

इस प्रकार के सिस्टम से युक्त कम्प्यूटर में किसी विशेष पूछताछ से सम्बन्धित उत्तर पहले से ही स्टोर रहते हैं। कम्प्यूटर एक-एक करके ग्राहक से जानकारी लेता है और उसी आधार पर सही उत्तर का चुनाव कर उसे बताता है। इस परप्रकार के कम्प्यूटर आवाज को पहचान कर सही उत्तर देते हैं। इनका प्रयोग रेलवे पूछताछ में, वायुयान आरक्षण में, टेलीफोन बिल सम्बन्धी जानकारी आदि में प्रयुक्त किया जाता है।

  1. वैब कैमरा (Web Camera)-

वेब कैमरे द्वारा वाज़ एवं चलचित्र डाटा को ग्रहण करके कम्प्यूटर में इनपुट किया जा सकता है। इनपुट किये गये चलचित्र को संग्रहित (पूदी) किया जा सकता है एवं इन्टरनेट के द्वारा अन्य स्थान पर स्थित कम्प्यूटर पर भेजा जा सकता है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर कॉन्फ्रेन्स में किया जाता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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